आंखों के लिए बेहद फायदेमंद है नेत्र शुद्धि तकनीक, एक्सपर्ट से जानें इसे करने का तरीका

आंखों को बेहतर बनाए रखने के लिए नेत्र शुध्दी आसन करना बेहद फायदेमंद माना जाता है। चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं इसे करने के फायदे और तरीके के बारे में। 
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आंखों के लिए बेहद फायदेमंद है नेत्र शुद्धि तकनीक, एक्सपर्ट से जानें इसे करने का तरीका


कई बार हम शरीर के अन्य हिस्सों का ख्याल तो रखते हैं, लेकिन आंखों का ध्यान रखना भूल जाते हैं। जबकि, आंखों को खासतौर पर स्वस्थ रखना चाहिए। आंखों के प्रति लापरवाही बरतने से कई बार नजर कमजोर भी हो जाती हैं। आंखों को बेहतर बनाए रखने के लिए नेत्र शुद्धि आसन करना बेहद फायदेमंद माना जाता है। चलिए न्यूट्रिशनिस्ट किरन कुकरेजा से जानते हैं नेत्र शुद्धि आखों के लिए कैसे फायदेमंद होती है और इसे करने के तरीके के बारे में। 

क्या होता है नेत्र शुद्धि? 

दरअसल, नेत्र शुद्धि एक प्रकार की आयुर्वेदिक तकनीक है, जिसके माध्यम से आंखों को रिलैक्स करके उन्हें शांत किया जाता है। इस प्रक्रिया में कप के जरिए आंखों की मेडिटेशन की जाती है। इस थेरेपी या तकनीक को करने से आंखों की थकान कम होती है। यह प्रक्रिया आयुर्वेदिक और पूरी तरह से कैमिकल फ्री होती है। इस प्रक्रियो को कोई भी कर सकता है। 

नेत्र शुद्धि करने के फायदे

  • नेत्र शुद्धि करना आंखों के लिए कई तरीकों से फायदेमंद माना जाता है। 
  • नेत्र शुद्धि करने से आंखों की थकान कम होती है और आप फ्रेश महसूस करते हैं। 
  • इस प्रक्रिया को कराने से आई बॉल में होने वाली आई स्ट्रेन की समस्या कम होती है। 
  • इससे आंखों में होने वाला दर्द या फिर पिंक आई की समस्या से भी काफी राहत मिलती है। 
  • अगर आपकी आंखों की रोशनी कमजोर है तो भी नेत्र शुद्धि कर सकते हैं। इससे आंखों की रोशनी तेज होती है। 
  • इस प्रक्रिया का अभ्यास करने से आंखों की ऑप्टिक नर्व तक रक्त का संचार सुचारू रूप से होता है। 
  • इसे करने से आंखों की खुजली और सूजन की समस्या दूर होती है। 

नेत्र शुद्धि करने का सही तरीका 

  • नेत्र शुद्धि करने के लिए आपको सबसे पहले छोटे आकार के प्लास्टिक के दो कप लेने हैं। 
  • इसके बाद इनमें सामान्य तापमान का साफ पानी भरें। 
  • अब इन कपों को आंखें खोलकर उनमें डालें या फिट करें। 
  • इस दौरान आपकी आंखें पानी में होनी चाहिए। 
  • अब अपनी आंखों में मौजूद बॉल को पानी के अंदर गोल-गोल घुमाएं। 
  • इस प्रक्रिया को आप दिन में 2 से 3 बार कर सकते हैं। 

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