गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में परिवर्तन आना स्वाभाविक है। लेकिन इन परिवर्तनों में नाभि में बदलाव कितना सामान्य है इसके बारे में पता होना जरूरी है। बता दें कि जैसे-जैसे भ्रूण का आकार बढ़ने लगता है वैसे वैसे पेट भी बढ़ता नजर आता है, जिसके कारण महिलाओं के पेट की त्वचा पर खिंचाव पड़ने लगता है और नाभि में भी इसका प्रभाव नजर आता है। जब गर्भावस्था के 3 महीने पूरे हो जाते हैं तब नाभि में बदलाव आना शुरू हो जाता है। बता दें कि उबरी नाभि के कारण महिलाओं को नाभि में दर्द का सामना करना पड़ सकता है। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने लेख के माध्यम से बताएंगे की नाभि में बदलाव आने के पीछे क्या क्या कारण होते हैं? महिलाओं को उबरी नाभि के कारण दर्द क्यों होता है। साथ ही इसके कारण होने वाली समस्याएं क्या हैं और नाभि के दर्द को कैसे रोकें? यह भी जानेंगे। पढ़ते हैं आगे...
प्रेगनेंसी के दौरान नाभि में बदलाव के कारण
जैसा कि हमने पहले भी बताया कि भ्रूण के आकार बढ़ने के कारण पेट का आकार भी बढ़ने लगता है और नाभि में बदलाव आ सकता है। लेकिन बता दें कि पेट के बढ़ने से महिलाएं अंबिलिकल हर्निया का शिकार भी हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि जो नाभि के आसपास मांसपेशियां मौजूद होती है वह पूरी तरीके से बंद हो जाती है। यही कारण होता है कि नाभि उबरना शुरू हो जाती है। हालांकि इसकी कम मामले सामने आए हैं। इससे संबंधित रिसर्च पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
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गर्भावस्था के दौरान नाभि में दर्द होने के कारण
1 - गर्भावस्था में पेट बढ़ता है तो इसके कारण पेट की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा हो जाता है जिसका असर नाभि पर पड़ने लगता है और वहां पर दर्द महसूस होता है।
2- जब नाभि बाहर की तरफ बढ़ना शुरू हो जाती है तो कपड़े के बार-बार लगने से भी नाभि में दर्द हो सकता है।
3 - कुछ महिलाएं ऐसी होती हैं जो गर्भावस्था के दौरान पियर्सिंग करवा लेती हैं जबकि ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। नाभि में पियर्सिंग के कारण भी यह समस्या हो सकती है।
4 - जैसे की हमने पहले भी बताया कि अंबिलिकल हर्निया के कारण भी नाभि उभरने लगती है और तब भी नाभि में दर्द की समस्या हो सकती है।
गर्भावस्था के बाद नाभि का सामान्य होना?
जब शिशु जन्म ले लेता है तो उसके कुछ हफ्तों के बाद नाभि फिर से पहले की स्थिति में आ जाती है। वहीं अगर गर्भावस्था के बाद भी नाभि पहले जैसे ना आए तो महिलाओं को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। क्योंकि हो सकता है कि यह समस्या किसी और कारण से बदलाव हो रहा हो।
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प्रेगनेंसी के दौरान नाभि में होने वाले बदलावों से बचाव?
बता दें कि इस समस्या को रोका नहीं जा सकता क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान नाभि का बाहर निकलना सामान्य है। लेकिन नाभि के बाहर निकलने पर विशेष देखभाल की जरूर होती है। नहीं, तो व्यक्ति की नाभि में दर्द या बदबू भी हो सकती है। समस्या निम्न प्रकार है-
1 - दर्द और सूजन पेट के बढ़ने के कारण हो सकती है। इसके अलावा दर्द और सूजन की समस्या अंबिलिकल हर्निया के कारण भी हो सकती है।
2 - पेट की मांसपेशियों के खिंचाव के कारण नाभि में खुजली की समस्या पैदा हो सकती है।
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नाभि के दर्द को रोकने के उपाय
1 - पेट पर बाहरी दबाव को ना बनने दें।
2 - प्रेगनेंसी के दौरान ढीले कपड़े पहनें और आरामदायक कपड़ों का चुनाव करें।
3 - प्रेगनेंसी में मैटरनल सपोर्ट बेल्ट का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर किया जा सकता है।
4 - प्रेगनेंसी में रात को सोते वक्त अपने दोनों तरफ मुलायम तकिये रखें।
5 - बाहरी त्वचा पर खुजली आदि की समस्या हो रही है तो नमी बनाए रखने के लिए मॉइस्चराइजर का प्रयोग करें।
6 - तंग कपड़े पहनने से बचें नहीं तो नाभि की समस्या और बढ़ सकती है।
डॉक्टर के पास कब जाएं?
1 - जब महिला की नाभि में ज्यादा और लगातार दर्द हो रहा हो तब महिलाओं को डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। इससे अलग नाभि में ज्यादा सूजन होने पर, लगातार खुजली होने पर, नाभि से गंध आने पर या नाभि के आसपास की त्वचा पर किसी तरह के घाव, लाल चकते या स्किन के संक्रमित हो जाने पर ये समस्या हो सकती है।
नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि गर्भावस्था के दौरान नाभि में बदलाव या दर्द होना सामान्य है। हालांकि अगर यह बदलाव शिशु के पैदा होने के बाद भी नजर आए तो डॉक्टर से संपर्क करना भी जरूरी है। क्योंकि हो सकता है कि ये बदलाव किसी गंभीर बीमारी के लक्षण हो।
इस लेख में इस्तेमाल की जानें वाली फोटोज़ Freepik से ली गई हैं।
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