प्राकृतिक रूप से बढ़ायें पीएमएस

पीएमएस एक प्रकार की गंभीर समस्‍या है, इसके कारण पेट में ऐंठन, सूजन, अनियंत्रित भूख लगने जैसी समस्‍यायें शुरू होती हैं, यह समस्‍या मासिक धर्म से एक सप्‍ताह पहले शुरू होती है।
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प्राकृतिक रूप से बढ़ायें पीएमएस


पीएमएस यानी प्री-मेंस्‍ट्रुअल सिंड्रोम महिलाओं के मासिक धर्म से संबंधित एक प्रकार की समस्‍या है। पीएमएस के कारण दिमाग में बदलाव, सूजन, अनियंत्रित भूख और नकारात्‍मक विचार आते हैं। इसके कारण कई तरह की अन्‍य समस्‍यायें भी होती हैं। यह मासिक धर्म आने के एक हफ्ते पहले शुरू हो जाता है। इस प्रकार की समस्‍या एस्‍ट्रोजन और प्रोजेस्‍टेरॉन के स्‍तर में असंतुलन के कारण होता है।

पर्याप्‍त नींद न लेना, तनाव, अस्‍वस्‍थ खानपान, आदि के कारण इन हार्मोन में असंतुलन होता है। इस समस्‍या के उपचार के लिए दवाओं की जगह प्राकृतिक तरीकों को सहारा लीजिए। इस लेख में विस्‍तार से जानिये प्राकृतिक रूप से पीएमएस कैसे बढ़ा सकते हैं।
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सप्‍लीमेंट के जरिये

ऐसे आहार का सेवन कीजिए जिससे तनाव, पेट में ऐंठन, सिरदर्द और एक्‍ने की समस्‍यायें न हों। इसके लिए आप पूरक आहार का सेवन कीजिए। ऐसे आहार खायें जिसमें विटामिन ई और फैटी एसिड की भरपूर मात्रा हो। एक शोध में यह बात सामने आयी है कि इन पूरक आहार का सेवन करने से पीएमएस में सुधार होता है। यह प्रोस्‍टाग्‍लैडिन रिसेप्‍टर्स (यह एक प्रकार का हार्मोन है जिसके कारण पेट में तीव्र ऐंठन होती है) और पौष्टिक तत्‍वों के साथ मिलकर स्थिति में सुधार करता है। नियमित रूप से 15 मिग्रा मल्‍टीविटामिन और मछली के तेल वाले सप्‍लीमेंट का सेवन कीजिए। विटामिन बी6, मैग्‍नीशियम और कैल्शियम की पूर्ति के लिए हरी और पत्‍तेदार सब्जियां, बादाम और दही का सेवन करें। कम से कम 1300 मिग्रा कैल्शियम का सेवन नियमित रूप से करें।
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एक्‍यूपंचर के जरिये

एक्‍यूपंचर तकनीक आपनाने से ऐंठन, तनाव, अनिद्रा, सिरदर्द और मतली की समस्‍या दूर होती है। शोधों की मानें तो एक्‍यूपंचर इस सिंड्रोम पर लगभग 78 प्रतिशत तक काबू पा लेता है। दरअसल एक्‍यूपंचर तकनीक से रक्‍त का संचार अच्‍छे से होता है और एंडोर्फिन हार्मोन में वृद्धि होती है, यही मूड को बदलने के साथ-साथ दर्द पर भी काबू पा लेता है। एक्‍यूपंचर कराने के 24 घंटे के भीतर आराम मिल जाता है। मासिक धर्म आने के एक सप्‍ताह पहले एक्‍यूपंचर करवायें।

नियमित व्‍यायाम और योग करना भी बहुत फायदेमंद होता है, यह मासिक धर्म से जुड़ी समस्‍या को दूर करता है। इसलिए व्‍यायाम जरूर करें।

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