21 जून को हर साल विश्व योग दिवस के तौर पर मनाए जानें की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इस वर्ष भी योग दिवस को लेकर पीएम गंभीर दिख रहे हैं। वह एक महीने पहले ही अपने फैंस को सोशल साइट्स के माध्यम से अलग-अलग तरह के योग और उसके फायदों की जानकारी दे रहे हैं, यानी वह खुद योग का प्रचार प्रसार करने में जुटे हैं जिससे कि उनसे जुड़े लोग योग से खुद को पूरी तरह से स्वस्थ जीवन जी सकें। पीएम ने एक एनीमेटेड वीडियो शेयर किया है जिसमें शलभासन करने का तरीका और उसके लाभ के बारे में बताया गया है। तो चालिए आज हम आपको शलभासन के बारें में विस्तार से बताते हैं।
आप सभी के साथ शलभासन का एक एनिमेटेड वीडियो शेयर कर रहा हूं। pic.twitter.com/YG4DC5MrYK
— Narendra Modi (@narendramodi) May 14, 2018
शलभासन
शलभ एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है पतंगा या टिंड्डा। शलभासन ऐसा योगासन है जो कमरदर्द का रामबाण इलाज है। शलभ एक किट को कहते है और शलभ टिड्डे को भी। इस आसन में शरीर की आकृति कुछ इसी तरह की हो जाती है इसीलिए इसे शलभासन कहते है। यह लेटकर पेट के बल किए जाने वाला आसन है। इसे सही तरीके से करने और इससे होने वाले फायदों के बारे में हम आपको बताते हैं।
कैसे करें शलभासन
इस आसन की गिनती भी पेट के बल लेटकर किए जाने वाले आसनों में की जाती है। इसे करने के लिए पेट के बल लेटकर सबसे पहले ठोड़ी को जमीन पर टिकाएं। फिर दोनों हाथों को जंघाओं के नीचे दबाएं। तब श्वांस अन्दर लेकर दोनों पैरों को एक-दूसरे से सटाते हुए समानांतर क्रम में ऊपर की तरफ उठाएं। पैरों को और ऊपर उठाने के लिए हाथों की हथेलियों से जंघाओं को दबाएं। फिर सामान्य स्थिति में आने के लिए धीरे-धीर पैरों को जमीन पर ले आएं। फिर हाथों को जंघाओं के नीचे से निकालते हुए मकरासन की स्थिति में लेट जाएं।
शलभासन के फायदे
- शलभासन का अभ्यास करने से कमर लचीली बनती है और छाती चौड़ी होती है।
- इससे रक्त संचार की क्रिया सुचारू होती है।
- शलभासन करने से स्मर शक्ति बढती है और मानसिक निराशा दूर करता है।
- मधुमेह के रोगियों के लिए भी यह लाभप्रद है।
- यह आसन गर्भाशय संबंधी परेशानी को दूर करता है।
- इससे मुंह से थूक जाना और मूत्र की रूकावट आदि परेशानिया दूर होती है।
- पेट के अनेक रोगों में भी इससे लाभ मिलता है| जैसे पेट में गैस का बनना, भूख में कमी, अपच आदि समस्याए इससे दूर होती है।
इसे भी पढ़ें: डिप्रेशन के लिए वरदान हैं ये 2 योगासन, सेलेब्स भी करते हैं अभ्यास
शलभासन में सावधानी
इस आसन का अभ्यास करते समय थोड़ी सावधानी बरतना जरूरी है। इसके दौरान घुटने से पैर नहीं मुड़ना चाहिए। ठोड़ी जमीन पर टिकी रहे। 10 से 30 सेकंड तक इस स्थिति में रहें। जिन्हें मेरुदण्ड, पैरों या जंघाओं में कोई गंभीर समस्या हो वह योग चिकित्सक से सलाह लेकर ही यह आसन करें।
हालांकि शलभासन बहुत ही आसान योगासन है, लेकिन योग का कोई भी आसन तभी फायदेमंद होगा जब आप उसे सही तरीके से करेंगे।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles on Yoga in Hindi