
आज के समय में जब दुनिया का ज्यादातर कामकाज डिजिटल तरीके से हो रहा है तो ऐसे में मोबाइल फोन का इस्तेमाल सबके लिए जरूरी हो गया है। बच्चे भी आज के समय में चाहे पढ़ाई हो या इंटरटेनमेंट हर चीज के लिए मोबाइल फोन और लैपटॉप आदि पर निर्भर हो रहे हैं। कोरोना काल के बाद से काफी समय के लिए बच्चों की पढ़ाई भी ऑनलाइन क्लास के जरिए हो रही थी। ऐसे में बच्चों का भी ज्यादा समय के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना जरूरी हो गया था। लेकिन क्या आपको पता है कि बच्चों का ज्यादा देर तक मोबाइल फोन इस्तेमाल करना या हर किसी काम के लिए मोबाइल फोन पर निर्भर होना खतरनाक माना जाता है। मोबाइल फोन के इस्तेमाल से आपके बच्चे की मोमोरी यानी स्मरण शक्ति पर भी बुरा असर पड़ सकता है। आइये विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।
बच्चों की याद्दाश्त के लिए मोबाइल फोन है खतरा (Mobile Phone A Threat To Your Child's Memory)
जो बच्चे मोबाइल फोन पर अपना ज्यादा समय बिताते हैं उनकी मेमोरी पर इसका बुरा असर होता है। पढ़ाई - लिखाई और कैलकुलेशन आदि के लिए बच्चों का मोबाइल फोन पर निर्भर होना उनकी याद्दाश्त के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। मोबाइल फोन पर दिखने वाली रोशनी का भी नकारात्मक प्रभाव बच्चों की मेमोरी पर गहरा असर डालता है। बचपन की उम्र में बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास तेजी से होता है ऐसे में जब आपका बच्चा पूरी तरह से मोबाइल फोन पर निर्भर हो जाता है तो उसकी मेमोरी पर नकारात्मक असर पड़ता है। इसके अलावा टावर से सिग्नल, सिग्नल से फोन और फोन से आवाज आने तक की पूरी प्रक्रिया रेडियेशन पर निर्भर है। यह किरणें चारों तरफ हैं। जहां नहीं होना चाहिए वहां भी और जितनी मात्रा में नहीं होनी चाहिए उससे कहीं ज्यादा भी है। ये मोबाइल के जरिए हमारे शरीर को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाती हैं। मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन की वजह से भी याद रखने की प्रक्रिया पर असर पड़ता है। बच्चों की मेमोरी पर मोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल से ये प्रभाव पड़ते हैं।
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- मोबाइल फोन पर अधिक निर्भर होने की वजह से बच्चों की स्मरण शक्ति पर प्रभाव।
- मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन की वजह से बच्चों की मेमोरी पर असर।
- लगातार फोन की स्क्रीन पर निगाहें टिकाने की वजह से मेमोरी पर असर।
- कैलकुलेशन, पढ़ाई-लिखाई के लिए मोबाइल फोन पर निर्भरता की वजह से स्मरण शक्ति का कम होना।
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दस साल से कम उम्र के बच्चों को मोबाइल का इस्तेमाल न करने दें। उनकी खोपड़ी की हड्डियां नर्म होती हैं। चूंकि उनका मस्तिष्क ज्यादा विकसित नहीं होता है, इसलिए रेडिएशन का प्रभाव ज्यादा हो सकता है। ऐसे बच्चे जो दस साल की उम्र से कम हैं उन्हें मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन का अधिक खतरा होता है इसलिए ऐसे बच्चों को इससे दूर रखना चाहिए।
मोबाइल फोन की वजह से बच्चों की मेमोरी पर पड़ने वाले असर से बचाव
बच्चों का मोबाइल फोन इस्तेमाल करना और गैजेट्स का इस्तेमाल करना उनकी सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। बच्चों पर रेडिएशन की वजह से होने वाले न्यूरोसाइकिएट्रिक प्रभाव, सेलुलर डीएनए क्षति, और अंतःस्रावी परिवर्तन सहित कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने के लिए उनके मोबाइल के इस्तेमाल को सीमित करना चाहिए। इसके अलावा जब आपका बच्चा अपने हर काम के लिए फोन पर निर्भर हो जाता है तो इसकी वजह से भी धीरे-धीरे उनकी स्मरण शक्ति यानी मेमोरी कम होने लगती है। तकनीक का इस्तेमाल करने से हम निश्चित तौर पर खुद को काफी आराम की स्थिति में पाते हैं। लेकिन तकनीक के इस बढ़ते दौर ने जहां आपकी लाइफ को आसान बना दिया है वहीं यह आपकी सेहत पर भी भारी पड़ता जा रहा है। आपके रोजमर्रा के जीवन में प्रयोग की जाने वाली चीजों जैसे सेल फोन, लैपटॉप और कंप्यूटर से निकलने वाला रेडिएशन आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है। इसलिए न सिर्फ बच्चों को ही बल्कि खुद को भी इस खतरनाक रेडिएशन के संपर्क में आने से बचाना चाहिए।
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