
भले ही विज्ञान और टेक्नोलॉजी ने इंसान का काम आसान किया है लेकिन इसके तमाम दुष्प्रभाव भी देखने को मिलते हैं। आज के समय में घर में मौजूद गैजेट्स के रेडिएशन से इंसान चारो तरफ से घिरा हुआ है। घरों में मौजूद माइक्रोवेव, मोबाइल फोन, विद्युत् उपकरण, स्मार्ट टीवी, स्मार्ट मीटर, फिटनेस ट्रैकिंग डिवाइस सही तमाम मशीनों से निकलने वाला रेडिएशन बहुत खतरनाक माना जाता है। इन गैजेट्स से विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र (ईएमएफ) का निर्माण होता है जिसे बच्चों के लिए बहुत हानिकारक माना जाता है। विद्युत चुम्बकीय विकिरण (Electromagnetic Emissions) रेडियो से निकलने वाली तरंगों, मोबाइल फोन और माइक्रोवेव से निकलने वाली गामा किरणें के गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। आज के समय में इन गैजेट्स से निकलने वाले रेडिएशन का बहुत बड़ा खतरा बच्चों को रहता है। 2-3 साल के होने के बाद से ही बच्चों को तमाम तरह के गैजेट्स से घिरा रहना होता है। इन बच्चों पर रेडिएशन के प्रभाव से उनमें कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। आइये जानते हैं बच्चों को रेडिएशन से बचाने के टिप्स।
बच्चों को गैजेट्स के हानिकारक रेडिएशन से बचाने के टिप्स (Tips To Protect Your Kids From Dangerous Electromagnetic Emissions)
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विद्युत् चुम्बकीय क्षेत्र बच्चों की सेहत के लिए बहुत खतरनाक माना जाता है। अदृश्य विद्युत और चुंबकीय तरंगें इंसान की सेहत को काफी नुकसान पहुंचाती हैं। बच्चों का मोबाइल फोन इस्तेमाल करना और गैजेट्स का इस्तेमाल करना उनकी सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। आइये जानते हैं बच्चों पर रेडिएशन की वजह से होने वाले न्यूरोसाइकिएट्रिक प्रभाव, सेलुलर डीएनए क्षति, और अंतःस्रावी परिवर्तन सहित कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने के लिए इन बातों का ध्यान जरूर रखें।
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1. इन गैजेट्स को बच्चों से रखें दूर
बच्चों को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस से निकलने वाले रेडिएशन से बचाने के लिए उन्हें उन गैजेट्स से दूर रखना चाहिए। घरों में इस्तेमाल होने वाले ये गैजेट्स काफी दूर तक रेडिएशन फैलाते हैं ऐसे में बच्चों और इन उपकरणों के बीच इन भर की कम दूरी भी खतरनाक हो सकती है। बच्चों को इन डिवाइसेस से निकलने वाल खतरनाक रेडिएशन से बचाने के लिए आपको पोर्टेबल लैप डेस्क या हवाई जहाज की ट्रे टेबल आदि का इस्तेमाल करना चाहिए। यात्रा करते समय इन गैजेट्स के रेडिएशन से बचाव के लिए आपको पोर्टेबल लैप डेस्क का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा इन चीजों को घर में भी गैजेट्स को बच्चों की पहुंच से दूर रखने के लिये इस्तेमाल में ला सकते हैं।
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2. घर में छोटे बच्चों के होने पर वायरलेस फंक्शन का इस्तेमाल कम करें
राउटर, प्रिंटर, टैबलेट और लैपटॉप सहित सभी वायरलेस डिवाइस वाईफाई का इस्तेमाल करते हैं। इन सभी डिवाइसेस के वाईफाई से कनेक्ट होने पर खतरनाक तरंगों का प्रवाह होता है। बच्चों के घर में होने पर आपको कंप्यूटर या लैपटॉप पर इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए वाई-फाई के बजाय इंटरनेट एक्सेस के लिए ईथरनेट केबल का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा आप इससे निकलने वाले रेडिएशन के जोखिम को कम करने के लिए इन गैजेट्स का इस्तेमाल न होने पर इन्हें फ्लाइट मोड में रख सकते हैं।
3. ईएमएफ सोर्सेज को बच्चों से रखें दूर
विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र के विकिरण (Electromagnetic Emissions) से बच्चों को बचाने के लिए आपको इनके सोर्सेज को दूर रखना चहिये। घर में मौजूद ऐसी डिवाइस जिनसे बच्चों को रेडिएशन का अधिक खतरा रहता है उन्हें बच्चों और अन्य लोगों की पहुंच से दूर रखना चाहिए। घर में राउटर, प्रिंटर, माइक्रोवेव और मोबाइल फोन आदि को ऐसी जगह पर नहीं रखना चाहिए जहां पर बच्चे या अन्य लोग ज्यादातर समय बिताते हैं। सेल फोन को भी अपने या बच्चों की जेब में भी रखने से बचना चाहिए। ये डिवाइस जेब में रहने पर भी खतरनाक रेडिएशन छोड़ते हैं। रेडिएशन के सोर्सेज और बच्चों के बीच में दूरी रखने से इसके जोखिम कम होते हैं।
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4. सोने वाली जगहों पर बरते सावधानी
बच्चों को और खुद को गैजेट्स से निकलने वाले रेडिएशन से बचाने के लिए आपको सोने की जगह को इन डिवाइस की पहुंच से दूर रखना चाहिए। ऐसी जगह जहां पर आप सोते हैं वहां वाईफाई राउटर, प्रिंटर और फोन आदि का इस्तेमाल न करें। इन जगहों पर मोबाइल फोन को भी ऑन करके नहीं रखना चाहिए। सोते समय बगल में मोबाइल फोन को ऑन करके रखने से आप गंभीर रूप से इन रेडिएशन का शिकार हो जाते हैं।
5. कॉल के दौरान हमेशा हेडफोन या स्पीकर मोड़ का प्रयोग करें
मोबाइल फोन से निकलने वाले गंभीर रेडिएशन से बच्चों को बड़ा खतरा होता है। बच्चों को रेडिएशन से बचाने के लिए आपको मोबाइल फोन का इस्तेमाल बच्चों को नहीं करने देना चाहिए। अगर बच्चों को आप फोन पर किसी से बात करवा रहे हैं तो उनके कान के बगल में फोन लगाने की जगह आप हेडफोन या स्पीकर मोड का इस्तेमाल कर सकते हैं। फोन कॉल के दौरान सेल फोन से बहुत तेजी से रेडिएशन निकलता है। खासतौर पर जब फोन का सिग्नल कमजोर होता है तो इससे ज्यादा रेडिएशन निकलता है। इसलिए हमेशा बच्चों की फोन पर बात कराते समय आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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6. बच्चों को रात में मोबाइल फोन या डिवाइस के साथ नही सोना चाहिए
बच्चों को सोते समय मोबाइल फोन या अन्य डिवाइस जो रेडिएशन पैदा करते हैं उनसे दूर रखना चाहिए। इन डिवाइसेस के साथ सोने से रात में काफी देर तक के लिए रेडिएशन का शिकार हो सकते हैं। इसलिए हमेशा बच्चों को इन डिवाइस की पहुंच से दूर रखना चाहिए।
7. बच्चों को मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
दस साल से कम उम्र के बच्चों को मोबाइल का इस्तेमाल न करने दें। उनकी खोपड़ी की हड्डियां नर्म होती हैं। चूंकि उनका मस्तिष्क ज्यादा विकसित नहीं होता है, इसलिए रेडिएशन का प्रभाव ज्यादा हो सकता है। ऐसे बच्चे जो दस साल की उम्र से कम हैं उन्हें मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन का अधिक खतरा होता है इसलिए ऐसे बच्चों को इससे दूर रखना चाहिए।
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तकनीक का इस्तेमाल करने से हम निश्चित तौर पर खुद को काफी आराम की स्थिति में पाते हैं। लेकिन तकनीक के इस बढ़ते दौर ने जहां आपकी लाइफ को आसान बना दिया है वहीं यह आपकी सेहत पर भी भारी पड़ता जा रहा है। आपके रोजमर्रा के जीवन में प्रयोग की जाने वाली चीजों जैसे सेल फोन, लैपटॉप और कंप्यूटर से निकलने वाला रेडिएशन आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है। इसलिए न सिर्फ बच्चों को ही बल्कि खुद को भी इस खतरनाक रेडिएशन के संपर्क में आने से बचाना चाहिए।
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