स्‍मार्टफोन और सोशल मीडिया का ज्‍यादा इस्‍तेमाल बन रहा युवाओं में मानसिक समस्‍याओं और आत्‍महत्‍या का कारण

अध्‍ययन बताते हैं कि स्मार्टफोन और सोशल मीडिया का जरूरत से ज्‍यादा उपयोग मानसिक समस्‍याओं और युवाओं में आत्महत्या के जोखिम से जुड़ा हो सकता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
स्‍मार्टफोन और सोशल मीडिया का ज्‍यादा इस्‍तेमाल बन रहा युवाओं में मानसिक समस्‍याओं और आत्‍महत्‍या का कारण

हाल में कनाडाई मेडिकल एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित हुए कई अध्‍ययनों की समीक्षा ने स्मार्टफोन के उपयोग पर ध्यान केंद्रित किया है। जिसमें अध्‍ययन के अनुसार, शोधकर्ताओं का मानना है कि युवाओं में जरूररत से ज्‍यादा स्‍मार्टफोन और सोशल मीडिया जैसे-फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्‍टाग्राम आदि का उपयोग करना मानसिक विकारों और यहां तक कि आत्महत्या के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हो सकता है।

एलिया अबी-जाउडे ने कहा, " कनाडा में बीमार बच्चों के लिए डॉक्‍टरों, शिक्षकों और परिवार को युवाओं के साथ स्मार्टफोन और सोशल मीडिया पर संभावित हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए काम करने की आवश्यकता है।'' कनाडा के टोरंटो वेस्टर्न अस्पताल के शोधकर्ताओं सहित अन्‍य शोधकर्ताओं द्वारा किए गए विश्लेषण में डॉक्‍टर, माता-पिता और शिक्षकों के लिए मार्गदर्शन शामिल है कि कैसे वह बच्‍चों या युवाओं को स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के उपयोग का प्रबंधन करने में मदद कर सकते हैं। 

Excess use of Smartphone

शोधकर्ताओं ने कहा कि खोज डॉक्‍टरों और शोधकर्ताओं द्वारा विचार किए जाने वाले कारकों में से होनी चाहिए, जो युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करते हैं।

इसे भी पढें:  दर्द को कम करने में कारगर नहीं ओपियोइड दवाओं का हाई डोज, शरीर पर पड़ सकते हैं ये दुष्प्रभाव

शोधकर्ताओं ने एक बयान में कहा, "सोशल मीडिया से संभावित नुकसान को कम करने में युवाओं को व्‍यस्‍त रखने के महत्व को देखते हुए, एक निषेधात्मक दृष्टिकोण प्रतिशोधात्मक होगा।" उनका कहना है कि "युवा किशोरों के लिए, जो सोशल मीडिया के बिना दुनिया को नहीं जानते हैं, डिजिटल इंटरैक्शन आदर्श हैं।" 

हालांकि, शोधकर्ताओं के बयान ने यह नहीं बताया कि समीक्षा में कितने अध्ययन शामिल थे।

शोधकर्ताओं ने उल्लेख किया कि प्रॉडक्टिव मेंटल हेल्‍थ संबंधी जानकारी के साथ-साथ इंटरनेट बेस्‍ड टॉकिंग थैरेपी जैसे संसाधनों की के फायदों और कम बाधाओं को देखते हुए भी ऑनलाइन पहुंच को ज्‍यादा छूट नहीं दी जा सकती है। उन्होंने मीडिया लिटरसी या डिजिटल साक्षरता, रचनात्मकता, आत्म-अभिव्यक्ति, अपनेपन की भावना और नागरिक जुड़ाव को भी शामिल किया है।

Side Effects of Smartphone and Social Media

इसे भी पढें: लिवर पर जमा फैट को हटा सकती है गोभी और ब्रोकोली जैसी सब्जियां, शोध में आया सामने

शोधकर्ताओं ने कहा कि अमेरिका के एक हालिया सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि 54 प्रतिशत किशोर सोचते हैं कि वे अपने स्मार्टफोन पर बहुत अधिक समय बिताते हैं, और लगभग आधे ने कहा कि वे उपयोग में कटौती कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, "उत्साहजनक रूप से देखा गया है कि युवा अपने जीवन पर सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभाव को तेजी से पहचान रहे हैं और इसे कम करने के लिए कदम उठाने लगे हैं।" 

Read More Article On Health News In Hindi 

Read Next

दर्द को कम करने में कारगर नहीं ओपियोइड दवाओं का हाई डोज, शरीर पर पड़ सकते हैं ये दुष्प्रभाव

Disclaimer