Mistakes To Avoid While Eating Curd In Hindi: दही को सेहत के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है। इसका सेवन करने से आंत में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद मिलती है और पाचन स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाती है। इसके अलावा, रोज एक कटोरी दही खाने से शरीर को कई अन्य लाभ भी मिलते हैं। दही एक बेहतरीन प्रोबायोटिक है। साथ ही, इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, हेल्दी फैट्स, फाइबर के साथ-साथ कई जरूरी विटामिन और मिनरल्स भी मौजूद होते हैं। दही में कई औषधीय गुण भी होते हैं, जो इसे सेहत के लिए बहुत लाभकारी भी होते हैं। हालांकि, दही को लेकर लोगों के बीच कुछ गलत धारणाएं भी हैं। लोगों के बीच एक आम गलत धारणा है कि दही की तासीर ठंडी होती है, जबकि ऐसा नहीं है। आयुर्वेद की सभी संहिताओं में दही को गर्म बताया गया है। हेल्थ एक्सपर्ट यह सलाह देते हैं कि सभी को दोपहर के भोजन के साथ एक कटोरी दही का सेवन जरूर करना चाहिए। इससे सेहत को जबरदस्त लाभ मिलते हैं। लेकिन अक्सर हम देखते हैं कि लोग दही का सेवन करते समय कुछ ऐसी गलतियां करते हैं, जिसकी वजह से उन्हें दही खाने का पूरा फायदा नहीं मिल पाता है। बल्कि कुछ लोगों को तो इन गलतियों की वजह से कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. वरालक्ष्मी यनामंद्र ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में ऐसी 5 गलतियां बताई हैं, जो आमतौर पर लोग दही खाते समय करते हैं और हमें इनसे बचना चाहिए। इस लेख में हम आपको इनके बारे में विस्तार से बता रहे हैं...
दही खाते समय इन 5 गलतियों से बचें- Mistakes To Avoid While Eating Curd In Hindi
1. दही को ठंडा समझकर न खाएं: दही न तो ठंडा होता है और न ही ताजगी देने वाला, यह भारी और गर्म होता है। इसलिए आपको सुबह और देर रात दही खाने से बचना चाहिए।
2. रात में दही खाने के बाद न घूंमें: दही खाने के बाद रात में इधर-उधर न घूमें, इससे कंजेशन और माइग्रेन हो सकता है!
3. कफ प्रकृति वाले लोग खाने से बचें: बेहतर होगा कि कफ और पित्त प्रकृति वाले लोग दही खाने से बचें। इससे उनकी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
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4. सादा दही न खाएं: अगर आपको रात में दही खाने का मन हो तो खाने से पहले इसमें एक चुटकी मिश्री या आंवला मिला लें।
5. पकाकार न खाएं: दही को कभी भी पकाकर न खाएं, इससे दही में टॉक्सिन्स और हानिकारक कणों मात्रा बढ़ जाती है।
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एक्सपर्ट क्या सलाह देते हैं?
डॉ. वरालक्ष्मी के अनुसार, दही स्वभाव से गर्म और गरिष्ठ भोजन है जिसके बारे में आयुर्वेद कहता है कि इसे केवल दिन के समय ही खाना चाहिए। यह मुख्य रूप से वात प्रकृति के लोगों के लिए उपयुक्त है। कफ और पित्त प्रकृति वाले लोग अक्सर दही खाने के बाद कुछ समस्याओं का सामना कर सकते हैं। रात में दही खाने से कंजेशन, त्वचा संबंधी समस्याएं और कफ और पित्त असंतुलन हो जाता है। दही खाते समय हमेशा सावधानी बरतनी चाहिए और उपरोक्त बातों को ध्यान में रखना चाहिए।
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