Dairy and Gut Health: दूध पीने के फायदे (benefits of milk) कई हैं। रोजाना एक गिलास दूध पीने से आप शरीर को प्रोटीन, फॉस्फोरस, पोटेशियम, आयोडीन, राइबोफ्लेविन और विटामिन बी12 की कमी से बचा सकते हैं। ये न सिर्फ शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार है बल्कि, इससे हमारी हड्डियां हेल्दी रहती हैं, बीपी मैनेज हो सकता है, आंखों की सेहत अच्छी रहती है और फिर त्वचा समेत शरीर की छोटी-छोटी समस्याओं से बच सकते हैं। लेकिन, आज हम बात सिर्फ दूध पीने की नहीं करेंगे बल्कि दूध से बनने वाली चीज़ (Cheese) भी करेंगे।
दरअसल, NIH PubMed Central में प्रकाशित एक रिसर्च की मानें तो दूध और चीज़, दोनों ही आपके पेट की सेहत को प्रभावित करते हैं। इस रिसर्च में बताया गया है कि अगर आप चीज़ का सेवन करते हैं तो आपके गट बैक्टीरिया को नुकसान हो सकता है। जबकि, अगर आप दूध पीते हैं तो रिजलट्स कुछ और हो सकते हैं। कैसे, तो आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से डॉ. शरद मल्होत्रा, वरिष्ठ सलाहकार और निदेशक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, हेपेटोलॉजी और चिकित्सीय एंडोस्कोपी, आकाश हेल्थकेयर।
चीज़ का सेवन डाइजेशन को कैसे प्रभावित करता है-How does cheese affect digestion?
चीज़ जो कि दूध को ही प्रोसेस करके बनाई जाती है ये बॉडी में गुड बैक्टीरिया के ग्रुप में कुछ बदलाव ला सकती है। दरअसल, हमारे पेट में लैक्टोबैसिलस (Lactobacillus) और बिफीडोबैक्टीरियम (Bifidobacterium)जैसे गुड बैक्टीरिया होते हैं। जब आप चीज का सेवन करते हैं तो बैक्टेरॉइड्स में बदलाव करते और पेट के पीएच लेवल को भी प्रभावित कर सकते हैं जिससे गुड बैक्टीरिया बढ़ने की जगह कम हो सकते हैं।
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चीज़ के सेवन से डाइजेशन प्रभावित होने का एक कारण ये भी है कि ये एक प्रकार का सैचुरेटेड फैट (Saturated fat) है जो कि आपके अच्छे आंत बैक्टीरिया की विविधता और प्रचुरता दोनों को प्रभावित करते हैं। इसलिए भी आपको ज्यादा चीज़ के सेवन से बचना चाहिए।
दूध पीने से गुड बैक्टीरिया कैसे बढ़ता है-How does milk increase good bacteria production in gut
जब आप दूध पीते हैं तो आपके पेट के गुड बैक्टीरिया बढ़ सकते हैं। ऐसा इसलिए कि दूध का सेवन फेकलिबैक्टेरियम (Faecalibacterium) और अक्करमेन्सिया (Akkermansi) जैसे गुड बैक्टीरिया को बढ़ावा देते है जो कि शरीर और पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद माने जाते हैं। जबकि जब आप चीजं का अधिक सेवन करते हैं तो ये बैक्टेरॉइड्स (Bacteroides) और सबडोलिग्रानुलम (Subdoligranulum) में कमी का कारण बन सकते हैं जिससे आपके आंत का काम काज प्रभावित हो सकता है।
पनीर ज्यादा बेहतर है
डॉ. शरद मल्होत्रा का कहना है, चीज़ और दूध से ज्यादा पनीर (Cottage Cheese)सेहत के लिए ज्यादा बेहतर है। क्योंकि यह सूक्ष्मजीवों की क्रिया द्वारा निर्मित होता है। पनीर बनाने के लिए दूध का उपयोग किया जाता है, लेकिन यह बैक्टीरिया को नहीं बदलता है। ज्यादा लाभ के लिए प्राकृतिक और ताजा पनीर का उपयोग करना बेहतर है। इसमें लैक्टिक एसिड होता है जो कि डाइजेशन को बेहतर बनाने में भी मददगार है।
डॉ. शरद मल्होत्रा की मानें तो अगर आपको गट बैक्टीरिया बढ़ाना है तो ज्यादा से ज्यादा प्रोबायोटिक फूड का सेवन करें। प्रोबायोटिक फूड, पेट के गट बैक्टीरिया और गट फ्लोरा को बढ़ाने का काम करते हैं। इसके अलावा जब आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में हेल्दी गट बैक्टीरिया रहते हैं तो आपका बॉवेल मूवमेंट अच्छा रहता है। आपका शरीर समय समय से खुद को डिटॉक्स करता रहता है और फिर शरीर में गंदगी जमा नहीं होती। इतना ही नहीं जब शरीर में आपके पर्याप्त मात्रा में गुड बैक्टीरिया रहता है तो आपकी इम्यूनिटी भी अच्छी होती है। इसके अलावा आप तमाम प्रकार की बीमारियों से भी बचे रहते हैं।
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इतना ही नहीं आपको अपनी डाइट में कुछ दूसरे फर्मेंटेड फूड्स को भी शामिल करना चाहिए जो कि शरीर के गुड बैक्टीरिया बढ़ाने में मददगार हैं। तो डॉक्टर की बात मानें और डाइट में ज्यादा से ज्यादा गुड बैक्टीरिया बढ़ाने वाले फूड्स को शामिल करें।