माइग्रेन से पीड़ित लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। शोधकर्ताओं ने एक ऐसी दवा की पहचान की है जो गंभीर तरह का सिरदर्द शुरू होने से पहले ही उसे रोक सकती है। अमेरिकी की थॉमस जेफरसन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता स्टीफेन डी सिल्बरस्टेन ने कहा कि उपचार की इस विधि से माइग्रेन पीड़ित उन लोगों के लिए उम्मीद की नई किरण जगी है जिनमें मौजूदा दवाएं कारगर नहीं हो पाती हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि दुनियाभर में करीब 12.7 करोड़ से लेकर 30 करोड़ लोग माइग्रेन से पीड़ित हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, फ्रेमैनजुमब नामक यह दवा एक जैविक एजेंट है। जो माइग्रेन से संबंधित कैल्सीटोनिन जीनरिलेटेड पेप्टाइड (सीजीआरपी) नामक प्रोटीन को रोकते हैं।
माइग्रेन के दौरान सूजन की प्रतिक्रिया में यह पेप्टाइड उच्च स्तर पर मुक्त होता है और इसके प्रभाव से ज्यादा सीजीआरपी की उत्पत्ति होती है। नतीजन मस्तिष्क में तेज दर्द होता है। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि पेप्टाइड पर अंकुश लगाने से दर्द होने की प्रक्रिया रोकी जा सकती है।
माइग्रेन के लक्षण
माइग्रेन की शुरुआत बचपन, किशोरावस्था या वयस्क होने पर कभी भी हो सकती है। इससे ग्रस्त व्यक्ति की दृष्टि अचानक धुंधली हो जाती है और उसे अपने सामने मौजूद चीजें कांपती हुई नजर आती हैं। माइग्रेन पीड़ित की नजर में 15 से 20 मिनट में परिवर्तन होते रहते हैं। माइग्रेन से पीड़ित व्यक्तियों में निम्नलिखित लक्षणों में से कुछ लक्षण हो सकते हैं।
- मितली और उल्टी आना
- तनाव और चिड़चिड़ापन
- नींद की कमी
- आंखों से पानी आना
- एक या दोनों साइड में दर्द
- गर्दन में दर्द
- दर्द का नियत समय
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप