डेड स्किन सेल्स निकालने के लिए ट्राई करें 'ड्राई ब्रशिंग', जानें तरीका और फायदे

ड्राय ब्रश‍िंग तकनीक में ब्रश की मदद से स्‍किन को एक्‍सफोल‍िएट क‍िया जाता हैं, गंदगी निकलती है और त्‍वचा में बैक्‍टीर‍िया बढ़ने की समस्‍या दूर होती है
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डेड स्किन सेल्स निकालने के लिए ट्राई करें 'ड्राई ब्रशिंग', जानें तरीका और फायदे

ड्राय ब्रश‍िंग तकनीक क्‍या है? ड्राय ब्रश‍िंग तकनीक में ब्रश की मदद से स्‍क‍िन से डेड सैल्‍स न‍िकाले जाते हैं। इस तकनीक से स्‍क‍िन में न‍िखार आता है, इंफेक्‍शन कम होता है क्‍योंक‍ि स्‍क‍िन बैक्‍टीर‍िया मुक्‍त बनती है। ड्राय ब्रश‍िंग तकनीक को आप हफ्ते में दो बार इस्‍तेमाल कर सकते हैं। इस तकनीक के ल‍िए हमेशा फाइबर ब्रश का इस्तेमाल करें और ड्राय ब्रश ही यूज करें। ड्राय ब्रश को नहाने से पहले इस्‍तेमाल करें ताकि नहाते समय डेड सैल्‍स न‍िकल जाएं, उसके बाद मॉइचराइजर या लोशन लगाना न भूलें। ड्राय ब्रश‍िंग तकनीक की मदद से सैल्‍युलाइट या एक्‍सट्रा फैट भी स्‍क‍िन से कम होता है। ज‍िन लोगों को गांठ की समस्‍या होती है उसके ल‍िए भी ये अच्‍छी तकनीक है। अगर स्‍क‍िन के क‍िसी ह‍िस्‍से में दानें, बम्‍प्‍स या कोई और स्‍क‍िन एलर्जी है तो ड्राय ब्रश का इस्‍तेमाल न करें। आप ड्राय ब्रश को फेस पर यूज न करें, वहां क‍ि स्‍क‍िन भी सेंसेट‍िव होती है। ड्राय स्‍कि‍न तकनीक का इस्‍तेमाल और इससे जुड़ी जानकारी के लि‍ए हमने ओम स्किन क्लीनिक, लखनऊ के वरिष्ठ कंसलटेंट डर्मेटोलॉज‍िस्‍ट डॉ देवेश मिश्रा से बात की। 

dry brushing technique

ड्राय ब्रश‍िंग तकनीक क्‍या है? (Dry Brushing Technique)

ड्राय ब्रश‍िंग तकनीक में केवल एक ब्रश की मदद से स्‍किन में मौजूद डेड स्‍कि‍न सैल्‍स को न‍िकाला जाता है, ज‍िससे आपकी स्‍क‍िन हेल्‍दी, साफ बनती है और टेक्‍सचर साफ होता है क्‍योंक‍ि स्‍क‍िन से गंदगी बाहर न‍िकल जाती है। डेड स्‍कि‍न जमा होने से त्‍वचा रूखी और बेजान होती है इसल‍िए समय-समय पर डेड स्‍कि‍न सैल्‍स न‍िकालना जरूरी है इसल‍िए ड्राय ब्रश‍िंग तकनीक को इस्‍तेमाल क‍िया जाता है। नहाने से पहले का समय, ड्राय ब्रश को इस्‍तेमाल करने का बेस्‍ट टाइम माना जाता है क्‍योंक‍ि नहाने से पहले ड्राय ब्रश का इस्‍तेमाल करने से डेड स्‍क‍िन सैल्‍स न‍िकल जाते हैं जिसे आप नहाने के दौरान साफ कर सकते हैं। इसल‍िए नहाने से पहले ड्राय ब्रश यूज करें। इस बात का ध्‍यान रखें क‍ि नहाने के बाद अच्‍छे लोशन को एप्‍लाई जरूर करें ताक‍ि स्‍क‍िन में मॉइश्‍चर लौट आए। कुछ लोग ये कहते हैं क‍ि ड्राय ब्रश‍िंग तकनीक की मदद से बालों की ग्रोथ कम होती है और आपको बार-बार वैक्‍स‍िंग नहीं करवानी पड़ती। इस बात को साब‍ित करने के ल‍िए कोई साइंट‍िफ‍िक थ्‍योरी मौजूद नहीं है तो ये नहीं कहा जा सकता क‍ि ड्राय ब्रश‍िंक तकनीक से बालों कम आएंगे। 

ड्राय ब्रश‍िंग तकनीक के फायदे क्‍या हैं? (Benefits of Dry Brushing Technique)

  • 1. एक्‍सफोल‍िएशन (Exfoliation) ड्राय ब्रश‍िंग तकनीक के इस्‍तेमाल से डेड स्‍क‍िन सैल्‍स निकल जाते हैं ज‍िससे त्‍वचा बैक्‍टीर‍िया मुक्‍त होती है। 
  • 2. ब्‍लड सर्कुलेशन बेहतर होता है (Improves blood circulation) ड्राय ब्रश‍िंग तकनीक से ब्‍लड सर्कुलेशन इंप्रूव होता है इसल‍िए त्‍वचा अंदर से ग्‍लो करती है। 
  • 3.सेल्‍युलाइट कम होता है (Reduces Cellulite) बॉडी में एक्‍सट्रा फैट जमा होता है ज‍िसे हम सेल्‍युलाइट कहते हैं, ड्राय ब्रश‍िंग तकनीक के इस्‍तेमाल से सेल्‍युलाइट कम होता है। 
  • 4.ल‍िम्‍फ नोड्स या गांठ (Reduces lymph nodes) बहुत से लोगों को ल‍िम्‍फ नोड्स या गांठ बनने की समस्‍या होती है, उनके लि‍ए ड्राय ब्रश‍िंग तकनीक बहुत मददगार है। इससे ल‍िम्‍फ नोड्स की समस्‍या कम होती है। 
  • 5. गंदगी (Release toxins) हमारी बॉडी में पसीने के रूप में गंदगी जमा हो जाती है, ड्राय ब्रश‍िंग तकनीक की मदद से गंदगी स्‍क‍िन के बाहर न‍िकल जाती है और त्‍वचा क्‍लीन होती है। 
  • 6. र‍िलैक्‍सेशन (Relaxation) ड्राय ब्रश‍िंग तकनीक से आपकी स्‍क‍िन को वैसा ही आराम म‍िलता है जैसा क‍िसी मसाज से म‍िलता है, इसके इस्‍तेमाल से आप र‍िलैक्‍स महसूस करेंगे। 

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ड्राय ब्रश‍िंग करने का तरीका क्‍या है? (Method of Dry Brushing Technique)

dry brush for skin

  • 1. ड्राय ब्रश‍िंग तकनीक का इस्‍तेमाल करने के ल‍िए एक फाइबर ब्रश लें, अगर आपको पीठ या पैर पर ड्राय ब्रश यूज करना है तो लंबे हैंडल वाला ब्रश लें। 
  • 2. पैरों से शुरू करते हुए ऊपर बॉडी में जाएं। फ‍िर हाथ, पीठ की तरफ ब्रश घुमाएं। 
  • 3. ब्रश को सर्कुलर, क्‍लॉकवाइस, एंटी-क्‍लॉकवाइस घुमाएं। शुरूआत में प्रेशर कम रखें फ‍िर धीरे-धीरे बढ़ाएं। 
  • 4. ब्रश के इस्‍तेमाल करने के बाद नहा लें और अच्‍छा लोशन या ऑयल स्‍किन पर लगा लें। 
  • 5. अंत में ब्रश में साफ करना न भूलें नहीं तो आपकी स्‍क‍िन पर अगले इस्‍तेमाल पर इंफेक्‍शन हो सकता है। ब्रश को धोकर धूप में रख दें। 

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ड्राय ब्रश को इस्‍तेमाल करने के नुकसान (Risks of Dry Brushing Technique)

  • 1. ज‍िन लोगों की स्‍क‍िन सेंसेट‍िव है उन्‍हें ड्राय ब्रश से परेशानी हो सकती है तो ये तकनीक ज्‍यादा सेंसेट‍िव स्‍क‍िन के ल‍िए नहीं है पर ऐसा भी नहीं है क‍ि सेंसेट‍िव स्‍किन वाले लोग ब्रश का इस्‍तेमाल नहीं कर सकते। आप प्‍लेन ब्रश या सूखे कपड़े का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। लेकि‍न अगर आपको तब भी स्‍क‍िन में लालपन, सूजन या जलन होती है तो ब्रश का इस्‍तेमाल स्क‍िन पर न करें, नहीं तो आपकी स्‍किन कंडीशन और खराब हो सकती है।
  • 2. डॉ देवेश ने बताया क‍ि ड्राय ब्रश को आप पूरी बॉडी पर इस्‍तेमाल नहीं कर सकते। आपको अपनी बॉडी में ये देखना होगा क‍ि कोई एर‍िया ऐसा तो नहीं है जहां आपकी स्‍क‍िन पर दाने या कोई और समस्‍या हो।
  • 3. अगर आपकी स्‍क‍िन पर क‍िसी भी तरह के दाने, बम्‍प्‍स हैं, मोल्‍स हैं, न‍िशान हैं तो आप ड्राय ब्रश का इस्‍तेमाल न करें वरना ये समस्‍या और बढ़ सकती है।
  • 4. अगर स्‍क‍िन पर चोट लगी है, कट लगा है, सूजन है क‍िसी कारण से जलन या लालपन है तो भी ड्राय ब्रश का इस्‍तेमाल न करें। ड्राय ब्रश का इस्‍तेमाल अपने चेहरे पर न करें। चेहरे की स्‍क‍िन आपकी बाक‍ि बॉडी से ज्‍यादा सेंसेट‍िव होती है। अगर आप चेहरे से डेड सैल्‍स हटाना चाहते हैं (exfoliate your face) तो जेंटल प्रोडक्‍ट्स का इस्‍तेमाल करें। 

ड्राय ब्रश को इस्‍तेमाल करने का सही तरीका है पैच टेस्‍ट करें। अपनी स्‍क‍िन के कम ह‍िस्‍से पर ब्रश यूज करके देखें अगर परेशानी नहीं होती है तो आप ड्राय ब्रश का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। अगर आपको क‍िसी भी तरह की स्‍किन प्रॉब्‍लम है तो ड्राय ब्रश का इस्‍तेमाल करने से पहले अपने डर्मेटोलॉज‍िस्‍ट से संपर्क करें। 

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