
प्रेग्नेंसी में कई तरह के बदलाव आते हैं। मन में कई उलझनें तो शरीर में कई बदलाव दिखने लगते हैं। इस अवस्था में किसी को चक्कर, तो किसी को उल्टी की परेशानी होती है। लेकिन जो एक बहुत ही कॉमन परेशानी लगभग 90 फीसद महिलाओं को होती है वो है प्रेग्नेंसी में मुंह कड़वा (Metallic taste in mouth during pregnancy) होना। यह एक ऐसी अवस्था होती है जिसमें महिला कुछ भी खा ले, लेकिन उसे उसका टेस्ट पसंद नहीं आता। बहुत बार किसी खाद्य पदार्थ की सुगंध भी बुरी लगती है। प्रेग्नेंसी में मुंह कड़वा होने की इस परेशानी को डिस्गेशिया (Dysgeusia During Pregnancy) कहा जाता है। इस स्थिति में मुंह का स्वाद मेटल जैसा हो जाता है, इसलिए इसे मेटेलिक टेस्ट भी कहा जाता है।
गोंडा के जीवनदीप चिकित्सालय में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. गुंजन भटनागर का कहना है कि यह जरूरी नहीं कि प्रेग्नेंसी में हर महिला के मुंह का स्वाद बदले। यह समस्या किसी को होती है और किसी को नहीं। तो वहीं डॉक्टर का कहना है कि डिस्गेशिया कोई बीमारी नहीं है, यह प्रेग्नेंसी का एक लक्षण है। डॉक्टर का कहना है कि प्रेग्नेंसी में मुंह का स्वाद जाना बहुत कॉमन है।
प्रेग्नेंसी में कब होता है मुंह का स्वाद कड़वा
डॉ. गुंजन का कहना है कि गर्भावस्था में मुंह का स्वाद मेटल जैसा होना बहुत ही आम है। इसको लेकर महिलाओं को ज्यादा चिंता नहीं करनी चाहिए। डॉक्टर का कहना है कि गर्भावस्था की पहली तिमाही यानी शुरुआती तीन महीनों में महिलाओं को मुंह का स्वाद कड़वा होता है। मुंह में कुछ भी खाने पर टेस्ट नहीं आता है। यहां तक कि कुछ किसी भी खाद्य पदार्थ की खुशबू भी प्रेग्नेंट महिलाओं को बदबू लगती है। डॉक्टर का कहना है कि यह परेशानी तीन महीने बाद खुद ही खत्म हो जाती है।
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मुंह का स्वाद कड़वा (डिस्गेशिया) होने के कारण
मुंह का स्वाद कड़वा होने को मेडिकल भाषा में डिस्गेशिया कहा जाता है। डिस्गेशिया के कारण मुंह का स्वाद नमकीन, मेटल या जला हुआ सा हो जाता है। डिस्गेशिया के निम्न कारण हैं।
हार्मोन लेवल में परिवर्तन
डॉ. गुंजन का कहना है कि प्रेग्नेंसी के शुरूआती महीनों में एस्ट्रोजन हार्मोन मुंह के स्वाद और नाक की सुगंध को नियंत्रित करता है। गर्भावस्था के दौरान एस्ट्रोजन लेवल में परिवर्तन होता है जिसकी वजह से मुंह का स्वाद बिगड़ता है या खराब होता है। यह हार्मोन टेस्ट बर्ड्स को प्रभावित करता है, इसी का कारण है कि यह परेशानी होती हैं। हालांकि गर्भावस्था के तीन महीनों बाद यह परेशानी चली भी जाती है क्योंकि तब तक हार्मोन खुद को सेटल कर लेते हैं।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. गुंजन भटनागर का कहना है कि प्रेग्नेंसी में हार्मोन लेवल बढ़ जाता है जिस वजह से सेंसिस में बदलाव आ जाता है। यही वजह है कि सूंघने की क्षमता पर भी असर पड़ता है।
प्रेग्नेंसी में मुंह का टेस्ट कड़वा होने के अन्य कारण
डॉ. गुंजन ने बताया कि प्रेग्नेंसी में महिलाओं को आयरन के अलावा मल्टीविटामिन की दवाएं भी लेनी होती हैं, यह दवाएं भी मुंह का स्वाद बिगाड़ती हैं। लेकिन उन्होंने यह भी बताया कि आजकल आयरन की ऐसी दवाएं आ रही हैं जो मुंह का स्वाद नहीं बिगाड़तीं। लेकिन अन्य दवाओं के कारण मुंह का स्वाद कड़वा हो सकता है।
- जीभ की ठीक से सफाई न करने से भी टेस्ट नहीं आता। जीभ की सफाई न करने से टेस्ट बड्स ठीक से काम नहीं करते और किसी चीज का स्वाद नहीं आता।
- शरीर में विटामिन्स की कमी की वजह से भी यह परेशानी हो सकती है।
- प्रेग्नेंसी के दौरान कम पानी पीना भी टेस्ट बड्स को प्रभावित करता है जिस वजह से मुंह का स्वाद बिगड़ता है।
- नाक और मुंह एक दूसरे जुड़े हुए हैं। अगर नाक को कोई सुगंध आती है तब मुंह को उसका टेस्ट आता है।
- प्रेग्नेंसी में उल्टी की परेशानी से भी मुंह का स्वाद कड़वा होता है।
- जिन महिलाओं को मधुमेह की समस्या होती है उन्हें भी प्रेग्नेंसी में मुंह का स्वाद बिगड़ने की समस्या होती है। तो वहीं, जिनका वजन ज्यादा है वे भी डिस्गेशिया का शिकार होती हैं।
प्रेग्नेंसी में मुंह कड़वा होने की परेशानी से कैसे बचें
डॉ. गुंजन का कहना है कि अव्वल तो मुंह कडवा होना या डिस्गेशिया होना कोई बीमारी नहीं है, यह गर्भास्था का एक लक्षण है। इसलिए यह परेशानी तीन महीने बाद खुद ही ठीक हो जाती है, लेकिन अगर इन तीन महीनों में गर्भवती महिला ने बिगड़ते टेस्ट की वजह से कुछ खाया नहीं तो उसके शरीर में दूसरी परेशानियां शुरू हो जाएंगी। इसलिए यहां बताए घरेलू टिप्स से आप अपने मुंह का स्वाद सुधार सकती हैं।
तरल पदार्थ लें
डॉक्टर का कहना है जब मुंह का स्वाद मेटेलिक होता है तब महिलाएं कुछ भी खाने से कतराती हैं। उन्हें किसी भी खाद्य पदार्थ की खुशबू नहीं आती बल्कि बदबू आती है। इस वजह से उन्हें उबकाई आने लगती है। और बिना कुछ खाए उल्टी कर देती है। ऐसी परिस्थिति महिलाओं में कमजोरी बढाती है। डॉ. गुंजन का कहना है कि अगर आप प्रेग्नेंसी में कुछ खा नहीं पा रहे हैं तो तरल पदार्थों का सेवन करें। पानी पीएं।
पानी भी अच्छा नहीं लग रहा है तो नींबू पानी पिएं। जिस तरह का तरल पदार्थ आपको पसंद है उसका सेवन करें। इससे आपको अपनी इच्छा का तरल पदार्थ मिलता रहेगा और शरीर में पानी की कमी नहीं होगी।
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खट्टे फल खाएं
अमूमन प्रेग्नेंसी में महिलाओं को खट्टा पसंद आता है। तो अगर आपके मुंह का स्वाद कड़वा हो गया है तो आप संतरा, नींब, मोसंबी, कच्चा आम आदि खा सकती हैं। खट्टे फलों में विटामिन सी होता है जो मुंह में लार बनाता है। और मुंह के कड़वेपन से निजात दिलाता है।
मुंह की सफाई
जीभ की सफाई नियमित रूप से करने से मुंह के बैक्टीरिया मर जाते हैं। और मुंह का स्वाद वापस आ जाता है। हालांकि प्रेग्नेंसी में यह परेशानी शुरुआत के तीन महीने चलती ही है लेकिन इससे थोड़ा बचा जा सकता है। ताकि शरीर में अन्य पोषक तत्त्वों की कमी न हो।
प्रेग्नेंसी में मुंह का स्वाद जाना एक आम परेशानी है। यह कोई बीमारी नहीं बल्कि प्रेगनेंसी का लक्षण है। यह परेशानी खुद ही ठीक हो जाता है।
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