अब खून से हो सकेगी स्किन कैंसर की जांच, शुरुआत में ही चल जाएगा पता

ऑस्ट्रेलिय के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे ब्लड टेस्ट की खोज कर ली है जिससे शुरुआती स्टेज में ही स्किन कैंसर का पता लगाया जा सकेगा। वैज्ञानिकों द्वारा खोजे गए इस ब्लड टेस्ट को मेलानोमा ब्लड टेस्ट का नाम दिया गया है।
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अब खून से हो सकेगी स्किन कैंसर की जांच, शुरुआत में ही चल जाएगा पता


ऑस्ट्रेलिय के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे ब्लड टेस्ट की खोज कर ली है जिससे शुरुआती स्टेज में ही स्किन कैंसर का पता लगाया जा सकेगा। वैज्ञानिकों द्वारा खोजे गए इस ब्लड टेस्ट को मेलानोमा ब्लड टेस्ट का नाम दिया गया है। इस खोज से न सिर्फ लाखों लोगों का जीवन बचाया जा सकेगा बल्कि कैंसर की जांच और इलाज में खर्च होने वाले लाखों रुपए भी बच जा सकेंगे।

ऑस्ट्रेलिया के एडिथ कोवन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कहा, 'यह नया ब्लड टेस्ट डॉक्टरों के लिए एक मजबूत हथियार साबित होगा. इससे मेलेनोमा को पकड़ने में आसानी होगी।' मुख्य शोधकर्ता पॉलीन जेंकर ने कहा, 'जिन मरीजों में मेलानोमा का पता शुरुआती स्टेज में लग जाता है उनके पांच साल तक बचने की गुंजाइश 90 से 99 प्रतिशत तक हो जाती है जबकि अगर इसका जल्दी पता नहीं चलता है तो मरीज के बचने की संभावना केवल 50 प्रतिशत रह जाती है क्योंकि तब यह तेजी से पूरे शरीर में फैल जाता है।

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जेंकर ने कहा 'यह ब्लड टेस्ट बहुत अलग है क्योंकि यह शुरुआती चरण में ही मेलेनोमा को पकड़ने में सक्षम है।' अब तक मेलेनोमा को विजुअल स्कैन के द्वारा ही पकड़ा जा सकता था, जो कि एक मंहगी तकनीक है। इस रिसर्च के लिए वैज्ञानिकों ने 105 लोग, जिन्हें मेलेनोमा था और 104 स्वस्थ लोगों का ब्लड टेस्ट किया गया। टेस्ट के दौरान 81.5 प्रतिशत मामलों में यह ब्लड टेस्ट सही साबित हुआ।

कैसे फैलता है स्किन कैंसर

शरीर लाखों जीवित कोशिकाओं से मिलकर बना है। सामान्‍य रूप से शरीर की कोशिकाएं बढ़ती हैं और नई कोशिकाओं का जन्‍म होता है, फिर पुरानी कोशिकाएं मर जाती है। यही क्रम चलता रहता है। किसी भी व्‍यक्ति के जीवन के शुरुआती सालों में सामान्‍य कोशिकाएं तेजी से बढ़ती है। इसके बाद युवावस्‍था आने पर ज्‍यादातर नई कोशिकाएं बेकार कोशिकाओं को बदलने या क्षतिग्रस्‍त कोशिकाओं की रिपेयर के लिए तैयार होती है।

जब स्किन कैंसर कोशिकाओं के माध्‍यम से शरीर में फैलना शुरु होता है तो इसका उपचार कठिन हो जाता है। स्किन कैंसर एबनार्मल कोशिकाओं के बढ़ने के कारण होता है और यह कई प्रकार का होता है। सामान्‍य कोशिकाओं से कैंसर कोशिकाओं की ग्रोथ एकदम अलग होती है। कैंसर कोशिकाओं मरने के बजाय बढ़ती रहती हैं और नई बनती रहती है।

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दरअसल डीएनए के क्षतिग्रस्‍त होने से सामान्‍य कोशिकाएं कैंसर कोशिका में तब्‍दील हो जाती हैं। डीएनए प्रत्‍येक कोशिका में मौजूद होता है। जब किसी सामान्‍य कोशिका का डीएनए क्षतिग्रस्‍त हो जाता है तो उस कोशिका का उपचार किया जा सकता है। लेकिन कैंसर कोशिकाओं में क्षतिग्रस्‍त डीएनए की मरम्‍मत नहीं की जा सकती।
यदि आपके शरीर पर हुए किसी दाग या धब्‍बे में खुजली होती है और खून निकलता है तो आपको मेलानोमा कैंसर हो सकता है। इसके उपचार के लिए जल्‍द से जल्‍द चिकित्‍सक से संपर्क करें।

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