बच्चे के साथ एक मां का भी जन्म होता है ऐसे में अगर मैटरनिटी लीव खत्म हो जाए तो जिम्मेदारी और ममता दोनों को सूझबूझ के साथ संभालना होता है। जब घर में नन्हा मेहमान आता है तो मां सारी जिम्मेदारियों को भूल जाती है। उसके साथ समय कब बीत जाता है पता ही नहीं चलता। ऐसे में मैटरनिटी लीव कब खत्म हो जाती है इसका एहसास भी नहीं होता है। अब अपनी पुरानी दुनिया में लौटना आसान नहीं है। उन दिनों को फिर से अपनाना जो कुछ महीने पहले थे अब फिर से ऑफिस की शिफ्ट, प्रोजेक्ट, असाइनमेंट, डेडलाइंस, करियर सब उस नन्ही जिम्मेदारी यानि बच्चे के साथ समभालना, इस बात की चिंता छुट्टियां खत्म होने से पहले ही मांओं को चिंता सताने लगती है। ऐसे में आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे कि आप किस प्रकार टाइम मैनेज करते इन दोहरी जिम्मेदारी को निभा सकते हैं और खुद को कैसे तनावमुक्त रख सकते हैं? पढ़ते हैं आगे...
तैयारी है जरूरी
वापस अपनी पुरानी दुनिया में लौटते वक्त जरूरी है टाइम मैनेजमेंट का ध्यान रखना। अगर आप पहले से ही प्लैनिंग करके चलेंगे तो यह आपके बेहद काम आएगा। इसके माध्यम से आप भागदौड़ से भी बच पाएंगे। अपनी प्लैनिंग बनाते वक्त बीच में 10 मिनट का ब्रेक खुद के लिए भी रखें। इससे आपको थकान महसूस नहीं होगी। इसके अलावा ऐसा करने से आपको खुद के लिए और अपने बच्चे के लिए समय भी मिल जाएगा। ऐसे में प्लैनिंग के अनुसार ही चलें।
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खुद के फैसलों पर सवाल क्यों?
बच्चे की जिम्मेदारी के साथ जॉब करने का फैसला कितना सही है अक्सर यह सवाल एक मां की मन में आ ही जाता है। लेकिन जॉब करने में कोई बुराई नहीं है। आपने देखा होगा कि मांए जब काम के चलते ऑफिस आ जाती हैं और बच्चे को घर पर छोड़ना पड़ता है तो वह इसके लिए खुद को दोषी मान बैठती हैं। लेकिन ऐसा गलत है इसकी वजह से आप अपनी मन काम में नहीं लगा पाएंगी। इस उलझन से बचने के लिए जरूरी है कि आप अपनी सोच को बदलें।
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अपनों का साथ है जरूरी
अगर आपको ऑफिस जाना पड़ता है तो सारी जिम्मेदारी खुद पर न लें। बच्चे की देखभाल के लिए आप फैमिली की मदद ले सकती हैं। ऐसे समय में अपनी ही सबसे ज्यादा काम आते हैं। ऐसे में अगर आपको मीटिंग से या नए प्रोजेक्ट के लिए काफी समय तक बाहर रहना पड़े या अपने फोन पर व्यस्त रहना पड़े तो इसके लिए आप अपने पति या अपने किसी नजदीकी संबंधी की मदद ले सकते हैं। इसके अलावा आप अपने पड़ोसियों से दोस्ती बढ़ाएं और उनसे मिलना शुरू करें। मांओं से मिलेगी तो आपको उनके तौर-तरीके भी समझ में आएंगे कि वह अपने बच्चे को किस तरीके से संभालते हैं। उनके साथ अपनी समस्या को शेयर करें। हो सकता है कि आपको अपने लिए सुझाव मिल जाए। इसके अलावा सोशल साइट्स पर भी अपनी समस्याओं को बता सकते हैं।
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योग है जरूरी
जब भी ख्याल आता है कि अब मैटरनिटी लीव खत्म होने वाली है तो तनाव बढ़ जाता है। इस स्थिति में आपकी मदद योग कर सकता है योग से केवल शरीर ही नहीं मन भी शांत रहता है इसलिए योग को अपनी दिनचर्या में जोड़ें। अगर आप तनावमुक्त रहेंगे तो आप ऑफिस की जिम्मेदारी और बच्चे की जिम्मेदारी को अच्छे से निभा पाएंगे।
नींद भरपूर लें
बच्चों के साथ शुरुआती दिनों में मांओं को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है ऐसे में इसका प्रभाव उनके सोने पर भी पड़ता है अगर उनकी नींद पूरी नहीं होती है तो वे तनाव में या सिर दर्द से जूझ रही होते हैं। ऐसे में नींद के लिए जरूर समय निकालें। जरूरी नहीं कि अगर आप रात में नहीं सो पाए तो दिन में भी नहीं सो सकते। आप दिन में अपनी नींद पूरी कर सकते हैं।
दर्द का निवारण
अक्सर आपने देखा होगा कि माओं को बैक पेन की समस्या रहती है। ऐसे में लंबे समय तक बैठे या खड़े रहना इस दर्द को और बढ़ा सकता है। इसीलिए समय-समय पर थोड़े-थोड़े कदम चलती रहें। हर वक्त कंप्यूटर के सामने ना बैठें। फिजिकल एक्टिविटीज भी करते रहें। खुद के लिए थोड़ा समय निकाल एक्सरसाइज को भी अपनी दिनचर्या में जुड़ें।
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