
भारत एक ऐसा देश है जहां साल के ज्यादातर महीनों में कोई न कोई त्योहार होता है। असल में ये त्योहार आते जाते मौसमों से जुड़े हुए हैं। मकर संक्रांति (makar sankranti 2021) एक ऐसा ही त्योहार है, जो कि किसानों के लिए कटाई के समय है और सर्दियों के अंत से जुड़ा हुआ है। इस वसंत की शुरुआत का भी संकेत भी माना जाता है , जिसके बाद ठंडी थोड़ी कम हो जाती है। भारत में इस त्योहार को विशेष भोजन और व्यंजनों के साथ मनाया जाता है। हमारे यहां देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग व्यंजन बनते हैं और उनके अपने ही स्वास्थ्य लाभ हैं। इस साल कोरोना के कारण मकर संक्रांति हमें घर पर ही मनानी है। ऐसे में आप घर पर बनने वाले कुछ खास रेसिपीज ट्राई कर सकते हैं। इन्हीं मकर संक्रांति रेसिपीज के बारे में जानने के लिए हमने आहार विशेषज्ञ, डाइटिशियन शीला सहरावत, हेड डाइटिशन डाइट क्लिनिक से बात की जिन्होंने, हमें 8 हेल्दी रेसिपी (Makar Sankranti Special Recipes) के बारे में बताया।

मकर संक्रांति रेसिपीज -Makar Sankranti Special Recipes
1.तिल के लड्डू
तिल का लड्डू संक्रांति में सबसे ज्यादा खाया जाता है। तिल के बीज और गुड़ से बनाया गया ये लड्डू गर्म तासीर वाला होता है।तिल के लड्डू की रेसिपी की बात करें, तो ये बनाने में काफी आसान है। इसे बानने के लिए
- -तिल को अच्छी तरह साफ कर लें।
- - भारी तले की कढ़ाई में इसे गरम कर लें
- -तिल को हल्के ब्राउन होने तक भुने।
- -कढ़ाई में एक चम्मच घी डालकर गरम करें।
- - गुड़ के टुकड़े डालिए और बिलकुल धीमी आग पर गुड़ को पिघला लीजिए।
- - गुड़ के जरा से ठंडा होने के बाद इसमें भुने तिल अच्छी तरह मिलाइए। फिर, इसमें काजू बादाम और इलाइची का पाउडर भी मिक्स कर दीजिए और हाथों में घी लगाकार इससे लड्डू बना लें।
तिल का लड्डू काफी इम्यूनिटी बूस्टर होता है। दरअसल, सर्दियों में हमारे शरीर में वात का प्रभाव काफी तेजी से बढ़ जाता है। इसके कारण से जोड़ों में दर्द और मासपेशियों में जकड़न शुरू हो जाती है। ऐसे में आप अगर तिल और गुड के लड्डू खाएंगे तो आपको फायदा मिलेगा। साथ ही तिल में कई प्रकार के प्रोटीन, कैल्शियम, पोटैशियम, कॉपर, फाइबर, बी काम्प्लेक्स और कार्बोहाइट्रेड आदि तत्व भी पाए जाते हैं, जो कि शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद है।
2.मूंग दाल की मसाला खिचड़ी
चावल के साथ पके हुए मूंग और देहाती मसालों से बनी खिचड़ी असल शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है। बिहार और बंगाल में लोग संक्रांति के दिन मसाला खिचड़ी बनाते हैं, जिसे घी के साथ खाया जाता है। यह अक्सर तली हुई सब्जी और चटनी के साथ मिला कर बनाया जाता है, जो कि इसकी पौष्टीकता को बढ़ा देते हैं। मूंग दाल की खिचड़ी बनाने के लिए
- -पहले काली मूंग लें और उसे धो कर रख लें।
- -अब एक तरफ आलू, गोभी और मटर को भून कर रख लें।
- -अब चावल लें और इसमें दाल, ये सब्जियां और मसालें डाल कर प्रेशर कुकर में सीटी लगा लें।
- -अब बनने के बाद ऊपर से घी डालें और खाएं।
खिचड़ी असल में पेट के लिए बहुत फायदेमंद चीज है। ये मेटाबॉलिज्म को सही करता है और पेट की गतिविधियों को तेज बनाता है। खिचड़ी की सब्जियों में काफी पौष्टिकता है, जो कि शरीर के लिए भी कई तरह से फायदेमंद है।
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3.पिन्नियां
घी, गेहूं का आटा, गुड़ और बादाम से बनी पिन्नी, पंजाब में काफी फेमस है। ये लोहड़ी और संक्रांति के उत्सव के दौरान (Makar Sankranti Special Food)व्यापक रूप से तैयार किया जाता है। इसकी मिठास, घी और नट्स की पौष्टिकता इतनी ज्यादा होती है कि इसे पारंपरिक रूप से विभिन्न सर्दियों से संबंधित बीमारियों से बचे रहने के लिए खाया जाता है। पिन्नियों को बनाने की रेसिपी की बात करें, तो
- -एक कढ़ाही ले और उसमें घी डाले और इसको गर्म कर के पिघला लें। इसमें आटा मिलाएं और इसे 3 से 4 मिनट तक लगातार चलाते हुए भुने जब तक यह गोल्डन न हो जाए। जब यह अच्छे से भून जाएगा तो इसे एक बर्तन में निकाल कर अलग रख ले।
- -गुड़ पिघला कर रख लें।
- -अब इसी कढ़ाही में खोया को डालकर लगातार चलाते हुए भुनें।
- - खोया को एक बर्तन में निकाल कर अलग रख ले। अब इसमें भुना हुआ आटा मिला लें और ड्राई फूट्स और गुड़ मिला लें।
- -अब इसमें काजू, किशमिश, पिस्ता और बादाम मिलाएं और अब इसमें गर्म दूध डाले और इसे अच्छे से मिक्स करने के बाद इसे गोलाकार लड्डू बना लें।
- डायबिटीज और मोटापे के मरीज इसे ज्यादा न खाएं क्योंकि इसमें फैट और कैलोरी की मात्रा ज्यादा होती है।
4.पुरन पोली
पुरन पोली महाराष्ट्रीयन डिश है, जो कि मूंग से भरी हुई चटपटी मिठाई की तरह है। एक पूरन पोली 195 कैलोरी देती है। जिसमें से कार्बोहाइड्रेट में 123 कैलोरी , प्रोटीन में 18 कैलोरी और शेष 75 कैलोरी फैट की होती है। एक पुराण पोली 2,000 कैलोरी के एक मानक वयस्क आहार की कुल दैनिक कैलोरी आवश्यकता का लगभग 10 प्रतिशत प्रदान करता है। इसलिए इसे ज्यादा नहीं खाना चाहिए। पूरन पोली की रेसिपी की बात करें, तो इसमें
- -पहले आपको तेल के साथ आटा को अच्छे से मिला कर गर्म पानी से उसे गुंदना है।
- -फिर एक कढ़ाई में मूंग डाल, मेवा, गुड़ और खोए से एक स्टफिंग तैयार करनी है।
- -अब आटे की एक लोई लें, उसमें ये स्टफिंग भरें और इसे पराठे की तरह बेल लें।
- -अब तवे पर इसे पका लें।
5.मकर चौला
संक्रांति के दिन ओडिशा में मकरा चौला (Foods for Makar Sankranti)बनाता जाता है। इसे बनाने के लिए चावल के आटे को पीसकर इसमें नारियल को घिसकर मिलाते हैं। फिर इसमें दूध, गन्ने के छोटे-छोटे टुकड़े, पका केला, चीनी, सफेद मिर्च पाउडर, पनीर, घिसा हुआ अदरक और अनार भी डाला जाता है। मकरा चौला को संक्रांति के दिन प्रसाद के तौर पर बनाया जाता है और फिर भगवान को भोग लगाकर सभी को बांटा जाता है। अगर आप भी इसे घर पर बनाना चाहते हैं, तो आप इसमें अन्य मौसमी फलों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ये काफी इम्यूनिटी बूस्टिंग है क्योंकि इसमें खूब सारे फलों और ड्राई फ्रूट्स का इस्तेमाल हुआ है। साथ ही ये प्रोटीन और हेल्दी कार्ब्स से भी भरपूर है, जो कि नेचुरल चीजों से बना है।
6.स्वीट पोंगल
स्वीट पोंगल मीठे दलिया जैसा होता है। ये चावल और मूंग दाल से बनी डिश है, जिसमें इलायची और ड्राई फ्रूट्स ढ़ेर सारा डाला जाता है। स्वीट पोंगल को तमिल भाषा में सक्करई पोंगल के नाम से भी जाना जाता है, दक्षिण भारत में त्योहारों के दौरान बनाई जाने वाली मिठाई है। इसे आप नाश्ते में भी खा सकते हैं। ये काफी एनर्जी देने वाला फूड है।

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7.अप्पालू
अप्पलू दक्षिण भारत का एक व्यंजन है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लोग इस मिठाई को गेहूं के आटे, चावल के आटे और गुड़ से तैयार करते हैं। फिर चटपटा मीठा पकवान बनाने के लिए तेल में तलते हैं से तेल में फ्राई कर क्रिस्पी स्वीट डिश बनायी जाती है। इसे भगवान को भोग लगाकर ही इसका सेवन किया जाता है।
8.घेवर
घेवर एक गोलाकार मीठा व्यंजन है जो राजस्थान में बनाया जाता है। घेवर तीन प्रकार के होते हैं- सादा, मावा और मलाई घेवर। इस व्यंजन को तैयार करते समय, आटे और दूध के घोल को गर्म घी में डाला जाता है और पकाया जाता है। इस प्रकार तैयार किया गया घेवर तब शक्कर की चाशनी में डुबोया जाता है, जिसे सूखे मेवों से गार्निश किया जाता है और परोसा जाता है।
इसमें से ज्यादातर चीजों को बनाने के लिए गुड़ का इस्तेमाल हुआ है, जो शरीर के लिए फायदेमंद है। पर स्वीट पोंगल, अप्पालू और घेवर को मोटापा, हाई बीपी और डायबिटीज के मरीजों को खाने से बचना चाहिए। साथ ही कोशिश करें अगर आप किसी भी बीमारी के मरीज हैं, तो इन चीजों को अधिक मात्रा में न खाएं।
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