कई बार स्तन में पनप रही गांठ को नजरअंदाज करना आपके लिए घातक हो सकता है। आपके स्तन की गांठ ब्रेस्ट कैंसर का संकेत भी हो सकती है। स्तन कैंसर महिलाओं में सबसे ज्यादा पाया जाने वाला कैंसर है। इस लेख को पढ़ें और जानें स्तन कैंसर के बारे। स्तन कैंसर की जानकारी ही इसका बचाव है।
यदि स्तन में गांठ या दर्द हो तो उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। स्तन की गांठ कैंसर भी हो सकती है। यदि शुरूआत में ही इसको पहचान लिया जाये तो इसका इलाज संभव हैं। स्तन कैंसर की पहचान में देरी होने पर स्थिति गंभीर हो सकती है। कई बार ऐसा होता है कि जानकारी का अभाव और शर्म की वजह से महिलाये रोग के घातक होने पर इलाज के लिए पहुंचती हैं।
[इसे भी पढ़ें: ब्रेस्ट कैंसर के कारण]
स्तन कैंसर के दुनियाभर में सबसे ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। भारत में इसे रोगियों की संख्या दूसरे नंबर पर हैं। ब्रेस्ट कैसर की जांच महिला खुद ही कर सकती है। यदि महिला को स्तन में गांठ या दर्द का अहसास हो तो तुरंत संबंधित चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। हो सकता है कि शुरूआत में गांठ में दर्द ना हो। मेमोग्राफी से गांठ और स्तन कैंसर की सटीक स्थिति का पता लगाया जा सकता है। मेमोग्राफी कराने में ज्यादा खर्चा नहीं होता। 30 से 35 वर्ष की आयु के बाद हर महिला को एक बार मेमोग्राफी करानी चाहिए।
स्तन कैंसर के लक्षण-
ब्रेस्ट कैंसर, स्तन के ऊतकों पर होता है। स्तन में किसी गांठ का होना स्तन कैंसर का शुरूआती संकेत होता है। यह रोग किसी भी आयु की महिला को हो सकता है। इस रोग में स्तन के अंदर गांठ जैसी बन जाती है, जो कि थोडे़ समय बाद साफ दिखाई देने लगती है। इसे आप अपने शरीर को देखने और छूने पर महसूस कर सकती हैं। डॉक्टरी परामर्श और जांच के बाद यह पता लगाया जा सकता है कि वह गांठ कितनी पुरानी और कितनी बड़ी है। जांच के बाद यदि ब्रेस्ट कैंसर की पुष्टि हो जाती है तो इसका तुरंत इलाज कराना चाहिए। अधिकतर मामलों में देखा गया है कि यह गांठ दर्द रहित होती है।
- प्रत्येक महिला को यह मालूम होना चाहिये कि स्तन की गांठ की जांच कैसे की जाती है। आप अपने शरीर को सबसे बेहतर तरीके से जानती हैं तो अगर कुछ गड़बड़ लगे तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
- स्तन की गांठ दर्द रहित हो सकती है। इसका आकार समय के साथ बढ़ता जाता है।
- स्तन का असमान्य तरीके से बड़ा होना।
- बगल में सूजन आना भी स्तन कैंसर का लक्षण होता है।
- निपल का आकार बिगड़ने पर भी स्तन कैंसर हो सकता है।
- निपल से खून आने या लाल पड़ने पर भी स्तन कैंसर हो सकता है।
[इसे भी पढ़ें: स्तन कैंसर से बचाव]
स्तन कैंसर की जांच
- आप खुद भी स्तन कैसर की जांच कर सकती हैं। नहाते समय या शीशे के सामने खड़े होकर अपने हाथों को स्तनों पर ऊपर से नीचे की तरफ लाये। कोई गांठ होगी तो आपको अहसास होगा। ऐसा प्रत्येक सप्ताह करें।
- यदि किसी महिला को गांठ का अहसास होता है तो तुरंत चिकित्स से इलाज कराये।
- मैमोग्राफी करा लें। इससे स्तन कैंसर होने का पता लग जाता है।
स्तन कैंसर होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। जैसे देर से मां बनना, कम बच्चे पैदा करना, कम अवधि तक बच्चे को दूध पिलाना आदि। फैमिली हिस्ट्री भी इसका कारण हो सकता है। इसके अलावा मासिक धर्म कम उम्र में शुरु हो जाना तथा रजोनिवृत्ति देर से होना भी कुछ हद तक स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा देते हैं। स्तन कैंसर से बचने के लिए शराब का सेवन न करें, धूम्रपान छोड दें, अपने शरीर का वजन संतुलित रखें तथा नियमित व्यायाम करें और आहार में वसा की मात्रा कम कर दें।
Read More Article On Cancer in Hindi
Read Next
हड्डियों के कैंसर की स्थितियां
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version