कुछ लोगों के शरीर में फैट बढ़ने लगता है। ऐसे में उनको रोजाना के काम करने में भी समस्या का सामना करना पड़ता है। यह समस्या लोगों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालती है। अगर, आपके भी शरीर में फैट लगातार बढ़ रहा है, तो यह लिपिडेमा का संकेत हो सकता है। इस समस्या में खासकर शरीर के निचले हिस्से में फैट बढ़ने लगता है। कुछ समय के बाद व्यक्तिक के कूल्हे और पैर काफी बढ़े लगने लगते हैं। लिपिडेमा होने पर आप अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करके शरीर के ऊपरी हिस्से के फैट को कम कर सकते हैं। लेकिन, इससे निचले हिस्से के फैट पर ज्यादा असर नहीं देखा जाता है। इस लेख में आगे जानते हैं कि लिपिडेमा का समस्या क्यों होती है और लिपिडेमा में क्या लक्षण महसूस होते हैं।
लिपिडेमा के क्या कारण हो सकते हैं? - Causes Of Lipedema In Hindi
लिपिडेमा होने के सही कारणों का अभी पता नहीं लगाया गया है। हालांकि, डॉक्टर इसे जेनेटिक्स रुप में माता-पिता से प्राप्त विकार मानते हैं। नारायणा अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन और सीनियर कंसलटेंट डॉ. पंकज वर्मा के अनुसार, प्यूबर्टी के दौरान हार्मोन में होने वाले बदलाव, प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज के समय लिपिडेमा हो सकता है। महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों को लिपिडेमा होने की संभावना बेहद कम होती है। इस रोग के सही कारणों को पता लगाना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि अधिकतर मामले में इसको मोटापे से जोड़कर देखा जाता है। लेकिन, कुछ संकेतों से इस रोग का पता लगाया जाता है। जैसे पैरों की सूजन को उंगली से दबाया नहीं जा सकता है। इस तरह की सूजन गर्म सिकाई या पैरों को आराम देने से भी नहीं जाती है।
लिपिडेमा होने पर क्या लक्षण महसूस होते हैं? - Symptoms Of Lipedema In Hindi
- लिपिडेमा होने पर व्यक्ति के कूल्हे, जाघों, और पिंडलियों में फैट इकट्ठा होने लगता है।
- कुछ मामलों में ऊपरी बाह में भी फैट बढ़ने लगता है।
- फैट बढ़ने की वजह से पैरों व शरीर के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है।
- पैरों में भारीपन महसूस होना।
- पैरों व पिंडलियों में सूजन आना।
- हमेशा थकान व कमजोरी महसूस होना, आदि।
लिपिडेमा का इलाज कैसे किया जाता है? - Treatment Of Lipedema In Hindi
डॉक्टर के अनुसार इस समस्या का कोई सटीक इलाज उपलब्ध नहीं है। ऐसे में मरीज के लक्षणों को कम करके रोग की गंभीरता को कम किया जाता है। इस दौरान डाइट और लाइफस्टाइल में कुछ आवश्यक बदलाव किए जाते हैं।
डाइट में बदलाव
लिपिडेमा में फैट को कम करना मुश्किल होता है। लिपिडेमा होने पर व्यक्ति डेयरी प्रोडक्ट, मीट, चीनी, कार्बोहाइड्रेट आहार, नमक कम खाने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, फल, साबुत अनाज और सब्जियों को डाइट में शामिल किया जाता है।
स्वीमिंग करने की सलाह
इस दौरान व्यक्ति को स्वीमिंग करने की सलाह दी जाती है। इससे लिम्फैटिक फ्लूइड को हटाने में मदद मिलती है। इस समस्या में स्वीमिंग करने की सलाह इसीलिए दी जाती है, क्योंकि इससे त्वचा पर दबाव बनता है। इसके अलावा, रनिंग करने की सलाह देते हैं।
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इसके अलावा, डॉक्टर मरीज को कुछ सप्लीमेंट्स देते हैं। साथ ही, कम्प्रेशन स्टॉकिंग्स पहनने के लिए सलाह देते हैं। इससे सूजन में आराम मिलता है। साथ ही, मरीज को इमोशनल सपोर्ट देने के लिए थेरेपी दी जा सकती है। अगर, रोग गंभीर स्थिति में होता है, तो सर्जरी की मदद ली जा सकती है।