तेज आवाज वाले पटाखे आपको बना सकते हैं बहरा, बरतें सावधानी

क्या आप जानते हैं कि तेज आवाज वाले पटाखे आपको हमेशा के लिए बहरा भी बना सकते हैं? आइए आपको बताते हैं पटाखों से कैसे प्रभावित होता है आपका कान।
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तेज आवाज वाले पटाखे आपको बना सकते हैं बहरा, बरतें सावधानी


पटाखों से होने वाले नुकसान की जब भी बात होती है, तो हममें से ज्यादातर लोग केवल पर्यावरण को होने वाले नुकसानों के बारे में सोचते हैं। पटाखों से निकलने वाली जहरीली गैस तो खतरनाक है ही लेकिन इससे होने वाली तेज रोशनी और धमाकेदार आवाज भी इंसानों के लिए बहुत खतरनाक हो सकती है। आजकल बाजार में ऐसे बहुत से पटाखे आ गए हैं, जिनसे तेज धमाकेदार आवाज होती है। छोटे-छोटे बच्चे अगर इन पटाखों को फोड़ते हैं, तो उन्हें ये कई तरह से नुकसान पहुंचाता है। क्या आप जानते हैं कि तेज आवाज वाले पटाखे आपको हमेशा के लिए बहरा भी बना सकते हैं? आइए आपको बताते हैं पटाखों से कैसे प्रभावित होता है आपका कान।

पटाखों की तेज आवाज और आपके कान

कान हमारे शरीर के सबसे नाजुक अंगों में से एक है। दिवाली पर बजाए जाने वाले तेज आवाज के पटाखों से कई बार कान को भारी नुकसान पहुंचता है और व्यक्ति बहरा भी हो सकता है। पेट्रोलियम तथा विस्फोटक सुरक्षा संगठन के अनुसार पटाखों की आवाज 125 डेसीबल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। एक्सपर्ट्स का मानना है कि छोटे बच्चों और बुजुर्गों के कान में अचानक 120 डेसीबल से ज्यादा की आवाज कई बार उनमें बहरेपन का कारण बन सकती है। इसके अलावा इसका खतरा उन लोगों को भी ज्यादा होता है, जिनको कान संबंधी बीमारियां होती हैं।
सामान्य तौर पर आप दिवाली में पटाखों के शोर को डेसीबल में नहीं नाप सकते हैं मगर इस बात अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सामान्य बातचीत में आदमी की आवाज औसतन 60 डेसीबल होती है और हेडफोन पर गाने सुनने पर आवाज 100-110 डेसिबल होती है, जबकि , सामान्य पटाखों से कम से कम 140-200 डेसिबल आवाज निकलती है, जो कान के लिए नुकसानदायक हो सकती है।

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टिनिटस की हो सकती है समस्या

टिनिटस कान की एक बीमारी है, जिसमें व्यक्ति को बिना कुछ बोले ही आवाज सुनाई देती है। कई बार पटाखों की आवाज बार-बार कान में पड़ने से टिनिटस की समस्या हो सकती है और बिना किसी आवाज के हुए भी पटाखों, मोबाइल रिंगटोन, डोर बेल, अपने नाम की आवाजें सुनाई दे सकती हैं।

गर्भवती स्त्रियों को नुकसान

पटाखों से उठने वाला धुंआ और शोर गर्भवती स्त्रियों के लिए खतरनाक हो सकता है। गर्भावस्था की शुरुआत में ज्यादा तेज शोर और जहरीली कार्बन मोनोऑक्साइड के कारण महिला को गर्भपात हो सकता है। इसके अलावा गर्भावस्था के अंतिम दिनों में पटाखों का तेज शोर गर्भ में ही शिशु को बहरा बना सकता है या पटाखों से उठने वाले धुंएं के कारण शिशु को जन्मजात अस्थमा और फेफड़ों के दूसरे रोग हो सकते हैं।

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दिल और दिमाग पर भी पड़ता है असर

पटाखे से निकलने वाली तेज आवाज का असर आपके दिल और दिमाग पर भी बहुत बुरा पड़ता है। बड़े पटाखों से निकलने वाली धमाकेदार आवाज से दिल के मरीजों को दिल का दौरा भी पड़ सकता है। इसके अलावा पटाखों से निकलने वाली कई हानिकारक जहरीली गैसें दिमाग के रोगों जैसे- अल्जाइमर, डिमेंशिया, आदि का खतरा होता है। कई बार जब पटाखे कान के पास बज जाते हैं, तो थोड़ी देर के लिए आपकी चेतना भी खो सकती है।

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