गर्भावस्था हर औरत के लिए कठिन समय होता है। बच्चे के जन्म से ठीक पहले और बाद का वक्त उसके विकास और भविष्य के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान मां को अपने खान-पान और अन्य आदतों का विशेष ख्याल रखना पड़ता है। गर्भावस्था में खान-पान की छोटी गलती भी कई बार बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। प्रेगनेंसी के दौरान कई महिलाओं को लिस्टीरियोसिस रोग हो जाता है। सामान्यतः लिस्टीरियोसिस रोग खतरनाक नहीं है मगर गर्भावस्था के दौरान ये होने वाले शिशु के लिेए खतरनाक हो सकता है। आइए आपको बताते हैं कि क्या है लिस्टीरियोसिस रोग और क्या हैं इसके कारण और लक्षण।
गर्भावस्था में लिस्टीरियोसिस रोग के खतरे
लिस्टीरियोसिस एक तरह की फूड प्वायजनिंग है, जो लिस्टीरिया नामक कीटाणुओं से होती है। हालांकि ये रोग खतरनाक नहीं होता है और कुछ दिनों बाद ठीक हो जाता है, मगर प्रेगनेंसी के दौरान होने पर ये आपके होने वाले शिशु के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। कई बार तो ये रोग महिलाओं में गर्भपात या शिशु की किसी गंभीर बीमारी के लिए भी जिम्मेदार हो सकता है।
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क्या है लिस्टीरियोसिस इंफेक्शन
लिस्टीरियोसिस या लिस्टीरिया किसी को भी हो सकता है। आमतौर पर ये रोग 2-3 दिन में ठीक हो जाता है। लिस्टीरियोसिस रोग का प्रमुख कारण लिस्टीरिया बैक्टीरिया हैं। ये बैक्टीरिया धूल, मिट्टी, पानी, जानवरों के मल-मूत्र आदि में पाए जा सकते हैं। मनुष्यों में ये बैक्टीरिया खाने-पीने की चीजों के जरिए पहुंचते हैं। लिस्टीरियोसिस रोग उन लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है, जिनका इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली बहुत कमजोर हो।
क्या है लिस्टीरियोसिस का कारण
लिस्टीरियोसिस इंफेक्शन लिस्टीरिया बैक्टीरिया के कारण होता है। ये बैक्टीरिया खाने-पीने की चीजों में पैदा हो सकते हैं। लिस्टीरिया बहुत कम तापमान में भी जीवित रहते हैं और कई बार खाने को रेफ्रिजरेटर में रखने के बाद भी ये बढ़ते रहते हैं। इनकी खास बात ये है कि खाने के लिस्टीरिया बैक्टीरिया से संक्रमित होने के बाद भी आप सूंघकर या चखकर इनके बारे में नहीं जान सकते हैं। इस इंफेक्शन का सबसे ज्यादा खतरा मांसाहारी आहारों और डेयरी प्रोडक्ट्स के द्वारा होता है।
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गर्भावस्था में रखें इन बातों का ध्यान
लिस्टीरिया बैक्टीरिया आमतौर पर कच्चे दूध, बिना पाश्चराइज किए हुए दूध, कच्चे मांस और बिना धोई हुई सब्जियों में मौजूद हो सकते हैं। इसलिए गर्भावस्था के दौरान हमेशा पाश्चराइज्ड दूध का इस्तेमाल करें या दूध को अच्छी तरह उबाल कर ही इस्तेमाल करें। इसके अलावा अच्छी तरह पका हुआ मांस और धुली हुई सब्जियों का ही सेवन करें। लिस्टेरिया कीटाणु खाना अच्छी तरह गर्म करने से खत्म हो जाते हैं। इसलिए अगर खाना बनाने के 2-3 घंटे बाद खा रहे हैं, तो उसे अच्छी तरह गर्म कर लें, जब तक कि उसमें से भाप न उठने लगे। फ्रिज में रखने से भी लिस्टेरिया के कीटाणुओं की रोकथाम नहीं हो सकती है इसलिए फ्रिज में रखा हुआ बासी खाना न खाएं।
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