चिंता और गुस्सा दोनों स्थितियों में कुछ बातें होती हैं समान, जानें इनके बीच का संबंध और कंट्रोल करने के उपाय

गुस्सा और एंजाइटी में अक्सर लोग एक ही तरीके से परेशान नजर आते हैं। तो, आइए जानते हैं इन दोनों का संबंध और इन दोनों को कंट्रोल करने के उपाय।
  • SHARE
  • FOLLOW
चिंता और गुस्सा दोनों स्थितियों में कुछ बातें होती हैं समान, जानें इनके बीच का संबंध और कंट्रोल करने के उपाय


हमारी दो भावनाएं या दो जज्बात एक दूसरे से बहुत अधिक मेल खाते हैं। एक है चिंता या एंजाइटी और दूसरा है हमें गुस्सा आना (Anxiety and Anger) जब आपको कोई धमका देता है तो आपको जो चिंता होती है या डर लगता है। उसे हम एंजाइटी कहते हैं और वहीं जब हम इस स्थिति से अधिक खीझ जाते हैं या परेशान हो जाते हैं तो हमारे चेहरे पर गुस्से का भाव खुद ही देखने को मिल जाता है। डॉक्टर विनय भट्ट, जनरल मेडिसिन, कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल, गाजियाबाद का कहना है कि छोटी-छोटी बातों पर बार-बार चिंता करना भी आपकी सेहत पर बुरा असर डालता है। चिंता के कारण आपकी नींद खराब होती है। जिसके कारण अनिद्रा की समस्या और इस वजह से गुस्से में बढ़ोतरी होना शुरू हो जाता है।" जब हम किसी खतरे को महसूस करते हैं तो उत्पन्न डर की वजह से चिंता और फिर गुस्सा (Anxiety and Anger) दोनों भाव ही हमारे अंदर जो चल रहा है उसे व्यक्त करने में मदद करते हैं। 

Inside4anger

गुस्सा और एंजाइटी का संबध-  Link between anxiety and anger in hindi

चिंता और गुस्सा (Anxiety and Anger) दोनों ही एक भय की स्थिति को दर्शाते हैं। दोनों ही जज्बातों के कारण आपको अपने शरीर में कुछ लक्षण देखने को मिलते हैं क्योंकि इनके कारण हमारे खून में कुछ पावरफुल हार्मोन्स रिलीज होते हैं। यह दोनों जज्बात ही हर रोज के अनुभवों के कारण और अधिक बढ़ सकते हैं। आपके विचारों द्वारा यह दोनों जज्बात या तो अधिक गंभीर हो सकते हैं या इंप्रूव हो सकते हैं। आइए जानते हैं चिंता और गुस्सा (Anxiety and Anger) कैसे एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।

1. मानव की प्रकृति (Human Condition)

यह मानव की प्रकृति होती है कि वह किसी न किसी चीज को लेकर गुस्सा होता ही है या चिंता भी अवश्य करता है। कुछ स्थिति ऐसी भी हो जाती हैं जहां इन दोनों जज्बातों का बाहर आना जरूरी हो जाता है। जब आपकी दिन प्रतिदिन की जिंदगी में डिप्रेशन या स्ट्रेस अधिक बढ़ जाते हैं तो आपके चेहरे पर अपने आप ही यह दोनों भाव देखने को मिलेंगे।

2. एंजाइटी और गुस्से के लक्षण -Symptoms of Anxiety and Anger

जब आप चिंतित या गुस्से में होते हैं तो आपके शरीर से कॉर्टिसोल और एड्रेनलीन जैसे हार्मोन्स रिलीज होते हैं जिस कारण आपको निम्न लक्षण देखने को मिल सकते हैं।

  • -बढ़ा हुआ हार्ट रेट
  • -छाती में खिंचाव महसूस होना
  • -मसल्स का टाइट हो जाना
  • -अधिक गर्मी महसूस होना
  • -गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण जैसे डायरिया
  • -टेंशन के कारण होने वाला सिर दर्द

Insideanxietysymptoms

इसे भी पढ़ें : मुंह में जलन (बर्निंग माउथ सिंड्रोम) किन कारणों से होती है, जानें लक्षण, कारण और बचाव

3. एक प्रकार स्थिति होना (Same Conditions)

चिंता और गुस्सा (Anxiety and Anger) दोनों ही भाव आपको तब देखने को मिलेंगे जब कोई स्थिति आपके नियंत्रण से बाहर जा रही हो या आपका किसी चीज पर बस न चले। दूसरे शब्दों में जब आपके सामने कोई ऐसी स्थिति आती है जिसमें आपको लगता है कि इसे आप संभाल नहीं पाएंगे तो आप चिंतित हो जाते हैं। जब आपको इस स्थिति को लेकर और अधिक डर लगने लगता है तो यह चिंता गुस्से में बदलने लगती है। इसमें आप अपनी सुरक्षा और नियंत्रण खोने लगते हैं और आपको एक प्रकार की इंसिक्योरिटी महसूस होने लगती है।

एंजाइटी और गुस्से का स्वास्थ्य पर प्रभाव -Health Effects of Anxiety and Anger

अगर चिंता और गुस्सा (Anxiety and Anger) आप पर अधिक हावी हो जाते हैं और यह स्थिति आपके नियंत्रण से बाहर जाने लग जाती हैं तो आपको निम्न लक्षण देखने को मिल सकते हैं जो आपके शरीर को प्रभावित कर सकते हैं।

  • -फेफड़ों से जुड़ी समस्या जैसे अस्थमा।
  • -सिर दर्द होना।
  • -हृदय से जुड़ी समस्याएं होना।
  • -थकान होना।
  • -ब्लड प्रेशर का अधिक बढ़ जाना।
  • -रात में नींद न आना।

इसे भी पढ़ें : Eye Floaters: आंखों में काले धब्बों का होना हो सकता है इस रोग का संकेत, जानें इसका कारण और इलाज

 एंजाइटी और गुस्से को कैसे कंट्रोल करें -How To Control Anxiety and Anger

  • -रोजाना शारीरिक एक्सरसाइज करें।
  • -मस्तिष्क को नियंत्रण में लाने की प्रैक्टिस करें जैसे मेडिटेशन जैसी तकनीक का प्रयोग करें।
  • -रोजाना ब्रेथिंग एक्सरसाइज करें।
  • -अपने शरीर और सिर की मसाज करें।

अगर आपको चिंता और गुस्सा (Anxiety and Anger) सामान्य से अधिक होने लगता है और इस पर आपका अब किसी तरह का नियंत्रण नहीं बचा है तो आप मानसिक रूप से किसी का सपोर्ट ले सकते है। आप इस स्थिति के बारे में अपने किसी दोस्त या फैमिली के सदस्य की मदद ले सकते हैं और अगर फिर भी बात नहीं बनती है तो आप किसी डॉक्टर की मदद लें जो आपको मानसिक थेरेपी दे सके।

Read more articles on Other-Diseases in Hindi

Read Next

कोरोना के खतरों के बीच केरल में 'जीका वायरस' के 14 मरीज मिलने से हड़कंप, कई राज्यों में घोषित हुआ हाई अलर्ट

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version