आज की तारीख में बीपी की समस्या बहुत आम है। इसकी वजह है, बिगड़ती लाइफस्टाइल। असल में, देर रात जगना और स्क्रीन पर ज्यादा से ज्यादा समय बैठकर बिताने के कारण लोग कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। इन्हीं में से एक है, हाई बीपी। विशेषज्ञों की मानें, तो हाई बीपी को साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इसके शुरुआती लक्षणों का आसानी से पता नहीं चलता है और जब तक बीपी होने का पता चलता है, तब तक काफी देर हो जाती है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप पहले से ही अपनी लाइफस्टाइल को बैलेंस रखें और उन आदतों को छोड़ें, जो हाई बीपी के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं।
एक्सरसाइज न करना (Less Physical Activity)
शारदा अस्पताल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. भूमेश त्यागी कहते हैं, "हाई बीपी होने के पीछे एक बड़ी वजह है, एक्सरसाइज न करना। असल में, आज की तारीख में ज्यादातर लोगों को बैठकर काम करना होता है। लंबे समय बैठे रहने के कारण शारीरिक गतिविधियां पूरी तरह कम हो जाती हैं। विशेषज्ञों की मानें, तो अगर आप लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहते हैं, तो इससे शरीर को कई नुकसान हो सकते हैं। इन्हीं में से बीपी एक है। आप एक्सरसाइज को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाकर अपनी बॉडी को एक्टिव रख सकते हैं। जरूरी नहीं है कि आप एक्सरसाइज करने के लिए जिम ही जाएं। आप चाहें, तो ऐसे एक्सरसाइज भी घर में कर सकते हैं, जिन्हें आसानी से किया जा सकता है। इससे शरीर की सक्रियता बढ़ेगी और हाई बीपी के रिस्क में कमी आएगी।"
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खराब डाइट लेना (Bad Diet Habits)
हाई बीपी होने का बहुत बड़ा कारण, खराब डाइट है। डॉ. भूमेश त्यागी कहते हैं, "हमने देखा है, ज्यादातर कामकाजी वर्ग घर का बना खाना कम खाते हैं, वहीं रेडी टू ईट फूड खाना पसंद करते हैं। जबकि जंक फूड या रेडी टू ईट फूड्स स्वास्थ्य के लिहाज से सही नहीं होते हैं। इस तरह के फूड्स में शुगर और सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है, जो हाई बीपी का कारण बन सकते हैं। आप अपने खानपान की आदतों में सुधार करें। डाइट में जितना संभव हो, हेल्दी फूड्स शामिल करें। इनमें हरी सब्जियां, अनाज, फल और डेयरी प्रोडक्ट्स शामिल हैं।"
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वक्त पर न सोना (Bad Sleeping habits)
डॉ. भूमेश त्यागी के अनुसार, "हाई बीपी न हो, इसके लिए जरूरी है कि आपकी बॉडी का कंप्लीट रेस्ट मिले और अच्छी नींद भी लें। आजकल बीपी बढ़ने के पीछे, अच्छी नींद न लेना भी वजह बनता जा रहा है। दरअसल, लोगों की देर रात तक जगह काम करना, फिल्में देखना या फिर पार्टी करने की आदतें बढ़ती जा रही है। इस बात का ध्यान रखिए कि हमारे शरीर का एक बायोलॉजिकल क्लॉक होता है। वह आपको दिन में जगने और रात को सोने का संदेश देती है। अगर आप उसके उलट काम करते हैं, तो इससे आपके शरीर पर नेगेटिव असर पड़ता है। अगर आप लंबे समय तक रात भर जगने वाली आदत में सुधार नहीं करते हैं, तो इससे बीपी बढ़ने का रिस्क बढ़ जाता है। रोजाना समय पर सोएं और कम से कम आठ घंटे की नींद जरूर लें। इस तर आप खुद को बीपी से बचा सकते हैं।"
बढ़ता वजन को कंट्रोल न करना (Weight Gain)
डॉ. भूमेश त्यागी बताते हैं, "हाई बीपी के लिए ओवर वेट और ओबेसिटी भी जिम्मेदार होती है। भले आपको लगता हो कि खराब खानपान की आदतों की वजह से ही वेट गेन होता है। जबकि मोटापे के लिए सिर्फ यही एक कारण नहीं है। एक जगह पर लंबे समय तक बैठे रहना, वर्कआउट न करना और ओवर ईटिंग करना। ये तमाम कारण मोटापे के लिए जिम्मेदार हैं। विशेषज्ञों की मानें, तो मोटापे के कारण हाई बीपी की समस्या जन्म ले सकती है। इसलिए, अपने वजन को कंट्रोल में रखने की कोशिश करें।"
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