यूं तो एलईडी लाइट अन्य तरह की लाइट की तुलना में ज्यादा चलती है और कम एनर्जी का उपयोग करती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि घरों को रोशन करने वाली एलईडी आपके शरीर से विटामिन B-12 की मात्रा को खत्म कर सकती है? ये चौंकाने वाले तथ्य अमेरिका की कैनसास स्टेट यूनिवर्सिटी के हालिया शोध में सामने आए हैं।
शोध निष्कर्षों से सामने आया है कि एलईडी की रोशनी खाद्य पदार्थों से विटामिन बी-12 को नष्ट कर देती है। ऐसे में यूरोपीय देशों ने खाद्य पदार्थों को पाश्च्यरीकृत करने के लिए अल्ट्रावॉयलेट पल्सड लाइट का इस्तेमाल शुरू किया गया है। इस लाइट के उपयोग से खाद्य पदार्थों में विटामिनों को सुरक्षित किया जा सकता है।
इस शोध पर फिलहाल जर्मनी की म्यूनिच यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेस में काम हो रहा है और दुनियाभर के विशेषज्ञ इसके नतीजों की गहनता से पड़ताल में जुटे हैं। इस टीम में उदयपुर के महाराणा प्रताप कृषि व प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से प्रो. एलके मूर्डिया भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि रेफ्रिजरेटर में भी एलईडी तकनीक काम में ली जा रही है। इससे फ्रिज में रखे खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ सकता है। खासकर डेयरी और खाद्य वैज्ञानिक शोध के परिणामों से चिंतित हैं। क्योंकि सारे देश में थर्मल प्रोसेसिंग और रेफ्रीजरेटर में एलईडी का उपयोग होता है। जर्मनी इस प्रोजेक्ट पर 1 मिलियन यूरो खर्च कर चुका है।
अमेरीका की कैनसास स्टेट यूनिवर्सिटी के शोध से सामने, पल्सड लाइट रेडिएशन तकनीक का उपयोग होगा। ब्रेन और तंत्रिका-तंत्र को सुचारू रखने में विटामिन बी-12 सहायक होता है। इसकी कमी से शारीरिक थकावट, स्मरण शक्ति कमजोर होती है, और डिप्रेशन बढ़ता है। यह कार्बोहाइड्रेड को ग्लूकोज में परिवर्तित करता है, जिससे एनर्जी मिलती है।
शाकाहारियों को सिर्फ दूध या इसके उत्पादों से 0.5 माइक्रो ग्राम विटामिन बी-12 प्राप्त होती है। वहीं मांसाहार खाने वालों में 98.9 माइक्रोग्राम तक बी-12 होती हैं। इस शोध के बाद से अमेरिका सहित कई देश यूवी तकनीक की और रूख कर रहे हैं।
बी-12 लिए क्या करें
शरीर में बी-12 बढ़ाने के लिए दूध और पनीर का भरपूर सेवन करें। शाकाहारियों में इसकी कमी आना आम है। हालांकि दूध-पनीर का अधिक सेवन कॉलेस्ट्रोल बढ़ाता है। विशेषज्ञों के अनुसार स्वास्थ्य के लिए शाकाहार सबसे सुरक्षित है।
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