जागरूकता की कमी के कारण बढ़ रहा है दिल के रोगों का खतरा, जानें बचाव

महिलाओं में हृदय रोगों के लक्षण पुरुषों से अलग होते हैं। आमतौर पर प्रचलित लक्षणों से मिलान करने के कारण महिलाओं में होने वाले हृदय रोग के बारे में काफी देर से पता चलता है। 
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जागरूकता की कमी के कारण बढ़ रहा है दिल के रोगों का खतरा, जानें बचाव


महिलाओं में हृदय रोगों के लक्षण पुरुषों से अलग होते हैं। आमतौर पर प्रचलित लक्षणों से मिलान करने के कारण महिलाओं में होने वाले हृदय रोग के बारे में काफी देर से पता चलता है। यह बात हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में की। हाल ही में आयोजित हो रहे दिल का दरबार कार्यक्रम के लिए डॉ. अग्रवाल ने बताया कि महिलाओं में दिल की बीमारियों के लक्षण अलग होते हैं। जागरूकता की कमी के कारण रोग वक्त पर सामने नहीं आ पाता है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर रोग की आशंका घटाई जा सकती है।

क्या है हार्ट अटैक

हार्ट अटैक वो है जिसमें किसी ब्लॉकेज के कारण दिल को खून नहीं मिल पाता है। जब दिल रक्त नलिकाओं में किसी तरह के अवरोध के कारण हृदय की धमनियों को खून नहीं मिल पाता या पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता तो वो मर जाती हैं। धमनियां चूंकि तीन होती हैं इसलिए दिल के जितने हिस्से को प्रभावित धमनी से खून मिल रहा था, दिल का उतना हिस्सा भी मर जाता है जबकि शेष दो धमनियों में मिलने वाले खून के सहारे दिल का बाकी हिस्सा चलता रहता है। इस कारण अगर कार्डियक अरेस्ट हो गया तो मरीज की मिनटों में मौत संभव है और अगर कार्डियक अरेस्ट नहीं हुआ है तो मरीज को बचाया भी जा सकता है।

कोरोनरी आर्टरी डिजीज के मुख्‍य कारण

कोरोनरी आर्टरी डिजीज या कार्डियो वस्क्युलर बीमारी के ज्यादातर मामलों का मुख्य कारण अथीरोमा कही जाने वाली वसा धमनियों के अंदर जम जाती है। समत के साथ-साथ ये सतह बढ़ी होती जाती है और खून के बहाव में रूकावट होने लगती है और एंजाइना का दर्द होने बन जाता है।  ऐसा अधिकतर तब होता है जब इस सतह पर खून का थक्का बन जाता है। ऐसा होने पर हृदय की मांसपेशी के एक हिस्से में अचानक खून की कमी हो जाती है और वह क्षतिग्रस्त हो जाता है। इस अवस्था को ही हार्ट अटैक कहते हैं। अगर ये क्षति सीमित हो तो हृदय अपनी पहली वाली अवस्था में लौट सकता है लेकिन यदि नुकसान अधिक हो तो मौत भी हो सकती है।

कैसे संभव है बचाव

दिल की तमाम बीमारियों की तरह इस बीमारी से बचाव के लिए भी आपको अपनी जीवनशैली में थोड़ा-बहुत बदलाव करना पड़ेगा। अच्छे, सेहतमंद और पौष्टिक आहार का सेवन करना, फास्टफूड्स से दूर रहना, सिगरेट-शराब आदि नशीले पदार्थों का सेवन न करना और शरीर की जरूरत के अनुसार भरपूर नींद लेना आदि बातों को अपने जीवन में शामिल करके आप एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। और हां! सबसे महत्वपूर्ण बात जीवन में रोजाना थोड़ा बहुत व्यायाम और शारीरिक मेहनत जरूरी है। अगर आप कुछ नहीं कर सकते तो कम से कम कुछ समय पैदल चलिए, सीढ़ियां चढ़िये और डांस कीजिए। तनाव भी दिल की बीमारियों की एक बड़ी वजह है इसलिए तनाव न लें।

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