बारिश के पानी से फैलता है अमीबियासिस रोग, जानें इसके लक्षण और घरेलू उपचार

अमीबियासिस से पेट में ऐंठन, दस्‍त, कब्‍ज, उल्‍टी और अन्‍य संक्रमण के कारण बनते हैं। इससे त्‍वचा संबंधी समस्‍याएं भी हो सकती हैं। हालांकि, इन संक्रमणों का इलाज संभव है।
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बारिश के पानी से फैलता है अमीबियासिस रोग, जानें इसके लक्षण और घरेलू उपचार


अमीबियासिस (Amoebiasis) आमतौर पर दूषित पानी से फैलने वाला रोग है। यह एक संक्रमण है, जो कि एंटैमोएबिस्टालिटिका (Entamoebahistolytica) नामक परजीवी के कारण होता है। यह आंतों के अलावा लिवर, फेफड़े और हृदय समेत शरीर के कई अंगों को प्रभावित करता है। ऊतकों के मरने के बाद यह कोलन में सूजन और छालों का कारण बनते हैं। इससे पेट में ऐंठन, दस्‍त, कब्‍ज, उल्‍टी और अन्‍य संक्रमण के कारण बनते हैं। इससे त्‍वचा संबंधी समस्‍याएं भी हो सकती हैं। हालांकि, इन संक्रमणों का इलाज संभव है। लेकिन हम आपको कुछ आसान घरेलू उपाय बता रहे हैं, जिसके माध्‍यम से अमीबीयासिस से छुटकारा पा सकते हैं। 

 

अमीबियासिस का घरेलू इलाज- Natural remedies for amoebiasis

बेल: अम्लीय पदार्थों से युक्त, बेल रोगाणुरोधी (antimicrobial) क्रिया को प्रदर्शित करता है। आपको बेहतर परिणाम के लिए कच्‍चे बेल का सेवन करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि पके हुए फलों की तुलना में कच्‍चे बेल में अम्लीय पदार्थ अधिक नहीं होते हैं। आप इसे आग में भून कर भी सेवन कर सकते हैं। भूनने के बाद लुगदी अलग कर लें और इसमें शहद मिलाकर खा सकते हैं। इसे रोजाना दो बार खाने से अमीबायसिस के लक्षण पूरी तरह से गायब हो सकते हैं।

नीम: एंटीबायोटिक गुण होने के कारण, नीम के पत्ते आंतों की सूजन और दर्दनाक ऐंठन को कम करते हैं। आपको बस सूखे नीम के पत्तों, हल्दी पाउडर, और सरसों के तेल का एक पेस्ट बनाने की जरूरत है और इसे अपने पेट के आसपास लगाएं। 

खुबानी के पत्ते: विटामिन ए, सी और फाइबर से भरपूर खुबानी के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। इसके अलावा, इसके पत्ते मल को बांधते हैं और दस्त के रोगियों की मदद करते हैं जो अमीबियासिस की वजह से होते हैं। इसे सही करने के लिए, आप उन्हें धोने के बाद इन पत्तियों से रस निकाल सकते हैं और इसे पीने के लिए पानी से मिलाकर पी सकते हैं। 

ब्‍लैक टी: चीनी के बिना रोजाना काली चाय पीने से आंत से परजीवी को साफ करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, यह आंत में परजीवियों द्वारा उत्पन्न विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाला जा सकता है। 

अमरूद के पत्ते: प्रकृति में अत्यधिक अम्लीय होने के कारण, अमरूद की पत्तियां परजीवियों को नष्ट कर देती हैं, इसलिए, सूखे अमरूद के पत्तों को पीसकर उसमें पानी मिलाएं। बेहतर प्रभाव के लिए इसे रोजाना तीन बार पियें।

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अमीबियासिस से बचाव- Amoebiasis prevention 

अमीबियासिस एक संक्रामक रोग है इसलिए इससे बचाव के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

  • अमीबियासिस के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
  • अच्छे से फिल्टर किया हुआ पानी पिएं या उबालकर ही पानी पिएं।
  • खाना बनाने के लिए साफ पानी का इस्तेमाल करें और किचन में साफ-सफाई का ध्यान रखें।
  • बरसात में भीगने से बचें और सड़क पर खुले में इकट्ठा पानी में देर तक पांव भिगाने से बचें।
  • अगर आप सप्लाई का पानी पीते हैं तो पीने के पानी में क्लोरीन डालें।

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