कोरोना की नई लहर के चलते बच्चे भी अब तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं, हालांकि बच्चों में बड़ों जैसे लक्षण नहीं होते इसलिए हमें इसे और अच्छे से समझने की जरूरत है। कोरोना के मुख्य लक्षणों की बात करें तो उसमें लगातार खांसी, तेज बुखार और स्मेल व टेस्ट का न आना शामिल है, लेकिन अगर बच्चों की बात करें तो उनमें मसल्स या ज्वॉइंट्स में पेन की समस्या देखी गई है। इस लेख में हम समझेंगे कि बड़े और बच्चों में देखे गए कोविड के लक्षणों में क्या फर्क है। डॉक्टरों का मानना है बच्चों को कोविड होने पर थकान या तबीयत ठीक न लगने जैसा अहसास हो सकता है। जिन बच्चों की उम्र 6 साल या उससे ज्यादा है उन्हें मास्क लगाने की आदत डालें और अगर आपके घर में नवजात शिशु है तो उसके पास जाने से पहले आपको भी मास्क लगाना चाहिए। ज्यादा जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
बच्चों में कोविड के लक्षण बड़ों से अलग कैसे हैं? (How symptoms of covid in children are different as compared to adults)
एक्सपर्ट्स के मुताबिक बच्चों में कोविड होने के मुख्य लक्षण हैं- गले में खराश, सिर में दर्द, बुखार, टेस्ट और स्मेल न आना, डायरिया, उल्टी, रैशेज। एक स्टडी में 12 हजार से ज्यादा बच्चों पर शोध किया जिसमें ये बात सामने आई कि कोविड होने पर बच्चों में 11 मुख्य लक्षण नजर आते हैं। स्टडी के मुताबिक 18 प्रतिशत बच्चों को बुखार, तबीयत ठीक न लगना, मसल्स और ज्वॉइंट्स में दर्द और स्मेल व टेस्ट चले जाने का अहसास हुआ वहीं करीब 16 प्रतिशत में सांस लेने में तकलीफ और खांसी देखी गई और करीब 13 प्रतिशत बच्चों में उल्टी, डायरिया और जी मिचलाने जैसी समस्या हुई। करीब 8 प्रतिशत बच्चों को रैशेज और 4 प्रतिशत बच्चो में सिर दर्द की शिकायत देखी गई। स्टडी के मुताबिक बच्चों में गंभीर लक्षण कम ही नजर आए, वहीं उल्टी, डायरिया और खांसी की समस्या भी बड़ों के मुकाबले बच्चों में कम देखी गई।
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बच्चों में कोरोना के गंभीर लक्षणों को कैसे पहचानें? (Serious symptoms of corona in kids)
अगर बच्चे को निमोनिया हो या उसे ज्यादा नींद या थकान हो तो इसे गंभीरता से लें। इसके लिए फेफड़े की जांच करवाना जरूरी है। ऑक्सीजन का स्तर ऑक्सीमीटर से चेक करते रहें, अगर ऑक्सीजन का लेवल 90 प्रतिशत के नीचे जाए तो चिंता करने की जरूरत है। अगर इलाज की बात की जाए तो एक्सपर्ट्स का मानना है कि बच्चों को वेंटीलेटर और आईसीयू की जरूरत पड़ सकती है। स्टडी के मुताबिक करीब 5 प्रतिशत बच्चों को वायरस की चपेट में आने के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया। वहीं करीब 4 प्रतिशत बच्चों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ी।
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इन बातों का रखें ख्याल ताकि बच्चों को न हो कोविड (Prevention tips for kids to avoid corona infection)
इससे बचने के लिए बच्चों के लक्षणों पर नजर बनाकर रखें, अगर आपको लगता है कि बच्चे में कोविड के लक्षण हैं तो स्क्रीनिंग यानी चेकअप होने चाहिए। स्टडी के मुताबिक करीब 75 प्रतिशत बच्चों में बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण देखे गए इसलिए आपको 6 साल से ज्यादा उम्र वाले सभी बच्चों को मास्क पहनाना है। इसके साथ ही बच्चों को घर से बाहर न निकलने दें। इसके साथ ही बच्चों में बार-बार हाथों को धोने की आदत डालें। वहीं अगर आपके घर में नवजात शिशु है तो उसे ज्यादा लोगों के बीच न लेकर जाएं। मां अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करवाते समय मास्क लगाए और हाथ धोकर ही बच्चे को छुए।
छोटे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है इसलिए उन्हें ताजे फल, सब्जियां धोकर खिलाएं, नट्स और सीड्स का सेवन भी बच्चों के लिए फायदेमंद है। इसके साथ ही आपको रोज उन्हें हल्दी का दूध देना चाहिए ताकि उनकी इम्यूनिटी मजबूत बनी रहे।
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