इन 4 आदतों से आपका बच्‍चा कभी नहीं होगा बीमार!

हम आपको बता रहे हैं कुछ तरीके, जिन्हें अपनाकर बच्चों को हाथों की सफाई के बारे में बता सकते हैं।
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इन 4 आदतों से आपका बच्‍चा कभी नहीं होगा बीमार!


बच्चों को अच्‍छी आदतें सिखाते समय खान-पान, आउटडोर गेम्स की बातें तो करते हैं लेकिन हाथों की सफाई के बारे में बात अक्सर छूट जाती है। शोध कहते हैं कि हाथों की साफ-सफाई से कई बीमारियों की आशंका घट जाती है।  सर्दी, फ्लू जैसी सामान्य बीमारियों के अलावा मैनिन्जाइटिस, ब्रोंकिओलाइटिस, हिपेटाइटिस ए और फूड पॉइज़निंग जैसी बीमारियों की एक बड़ी वजह ठीक तरह से हाथ न धोना भी है। हम आपको बता रहे हैं कुछ तरीके, जिन्हें अपनाकर बच्चों को हाथों की सफाई के बारे में बता सकते हैं।

हाथ धोने की आदत

बच्चों को बताएं कि कब-कब हाथ जरूर धोने चाहिए। खाना पकाने के दौरान और खाना पकाने के बाद, खाने से पहले, रुमाल या टिशू पेपर इस्तेमाल करते हुए, बीमार व्यक्ति की देखभाल से पहले एवं बाद में, कॉन्टैक्ट लैंस लगाने या निकालने के बाद, बगीचे में मिट्टी या पेड़-पौधों में काम करने के बाद, पालतू पशुओं को छूने के बाद, टॉयलेट के इस्तेमाल के बाद, बच्चों की नैपी बदलने के बाद। इन कामों के अलावा भी रोजमर्रा में कई ऐसी गतिविधियां होती रहती हैं जहां तुरंत हाथ धोना बीमारियों से बचाता है।

कैसे धोएं हाथ

बच्चों के साथ मिलकर हाथ धोएं। उन्हें खुद करके बताएं कि हाथों को कैसे धोते हैं। पहले अपने हाथों को साफ पानी से धोएं। साबुन लगाकर हाथों को लगभग 20 सेकेंड्स तक आपस में रगड़ें। पानी से अच्छी तरह से धोने के बाद हाथों को साफ तौलिये से पोछें। हाथों में नमी संक्रमण का कारक बन सकती है इसलिए हाथों के साफ रहने के अलावा सूखा रहना भी जरूरी है। अगर सफर कर रहे हों तो अल्कोहल-युक्त हैंड सैनेटाइजर का उपयोग करना उन्हें सिखाएं।

ऐसे होती है सफाई

साधारण साबुन और नल का पानी हाथ धोने के लिए सबसे सही हैं। साबुन जर्म्स को मारते नहीं हैं लेकिन धोने की प्रक्रिया के दौरान वे बाहर बह जाते हैं। वहीं एंटीबैक्टीरियल साबुन की वजह से गुड बैक्टीरिया भी कई बार मर जाते हैं।  इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। यही वजह है कि हाथ धोने के लिए रेगुलर साबुन को बेहतर माना जाता है।

बरतें सावधानी

अगर आप अपने बच्चों के साथ ट्रैवल कर रहे हों तो ध्यान रखें कि पब्लिक टॉयलेट के उपयोग के बाद वे और आप भी हाथ अच्छी तरह से धोएं। टॉयलेट के नल से लेकर दरवाजे की हैंडल पर जर्म्स होते हैं। बाहर निकलने के बाद हाथों पर सैनेटाइजर लगाया जा सकता है। या फिर टिशू पेपर हाथों में लेकर फिर दरवाजे का हैंडल पकड़ें।

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