Kabir Singh: 'थप्‍पड़' मारना प्‍यार जताने का एक तरीका है या पागलपन?

वह कैसी मौहब्‍बत जिसमें आदमी औरत को जब चाहे तब थप्‍पड़ मार दे या फिजिकल एब्‍यूज करें। क्‍या आपके मुताबिक, पीटने या हाथ उठाने का मतलब है प्‍यार करना और प्‍यार करने का मतलब है? 
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Kabir Singh: 'थप्‍पड़' मारना प्‍यार जताने का एक तरीका है या पागलपन?


हाल में ही आयी शाहिद कपूर की फिल्‍म 'कबीर सिंह' जिसने की बॉक्‍स ऑफिस पर इन दिनों धमाल मचाया हुआ है। 'कबीर सिंह' फिल्‍म ने अब तक लगभग 200-250 करोंड़ रूपये का आंकड़ा पार कर लिया है। दर्शकों द्धारा फिल्‍म कॉफी पसंद की जा रही है और साथ ही अभिनेता शाहिद कपूर और कियारा अडवाणी के बेहतर प्रदर्शन के साथ फिल्‍म की कहानी काफी चर्चे में है।

'कबीर सिंह' एक रोमांटिक-ड्रामा आधरित फिल्‍म है, जिसके डायरेक्‍टर संदीप रेड्डी वांगा हैं। 'कबीर सिंह' ब्‍लॉकबस्‍टर फिल्‍म की लिस्‍ट में शामिल हो चुकी है, जो कि देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी पसंद किया जा रहा है। फिल्‍म समीक्षकों के मुताबिक 'कबीर सिंह' ने ऑस्‍ट्रेलिया में भी दमदार प्रदर्शन करते हुए रिकॉर्ड दर्ज किया है।

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विवादों में फंसे कबीर सिं‍ह के डायरेक्‍टर 

लेकिन अभी हाल में 'कबीर सिंह' फिल्‍म के डायरेक्‍टर संदीप रेड्डी वांगा ने अनुपमा चोपड़ा के साथ एक साक्षात्‍कार में कुछ सवालों के जवाब देते हुए कहा 'जब आप किसी से सच्‍चा या गहरा प्‍यार करते हैं या फिर किसी से दिल से जुड़े होते है, तो ऐसे में यदि आपके पास फिजिकल डेमोनस्‍ट्रेशन की आजादी नहीं है और आप एक दूसरे को थप्‍पड़ मारने की आजादी नहीं है, तो आपके बीच प्‍यार नहीं है। 

फिल्‍म की सीन बना विवाद की वजह 

फिल्‍म में कई ऐसे सीन हैं, जिसमें हीरो अपनी गर्लफ्रेंड को थप्‍पड़ मारता है और काफी हिंसक व्‍यवहार करता है। जिसमें लड़की कुछ भी रिएक्‍ट नहीं करती। इस फिल्‍म मे हीरो के हिंसक व्‍यवहार को सामान्‍य बताने की कोशिश की गई है और संदीप रेड्डी वांगा ने 'कबीर सिंह' में शाहिद कपूर और कियारा अडवाणी के करेक्‍टर की आलोचना करने वालों को जवाब मे कहा है कि 'जो लोग आलोचना कर रहे हैं, उन्होंने कभी सच्‍चा प्यार नहीं किया। लड़की उसे बिना वजह थप्पड़ मारती है जबकि कबीर सिंह के पास उसे थप्पड़ मारने की वजह होती है। अगर आप अपनी गर्लफ्रेंड को छू नहीं सकते, थप्पड़ नहीं मार सकते या फिर किश नहीं कर सकते, तो मुझे नहीं लगता वहां कोई इमोशंस या प्‍यार मौजूद हैं।' संदीप वांगा रेड्डी के इस इंटरव्यू में उनके इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर इन दिनों खूब बवाल मचा हुआ है। साउथ एक्ट्रेस सामंथा रुथ प्रभु और बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गट्टा ने भी उनके इस बयान की आलोचना की थी। 

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क्‍या कहती है रिसर्च?

ह्यूमन साइक्‍लॉजी पर हुए एक नए अध्ययन के अनुसार, शोधकर्ता बताते हैं कि दो न्यूरोहोर्मोन, रसायन जो मस्तिष्क में रक्तप्रवाह और न्यूरोट्रांसमीटर में हार्मोन के रूप में कार्य करते हैं, यह मुख्‍य रूप से हिंसक या गुस्‍सैल व्‍यवहार व प्रतिक्रिया के लिए आंशिक रूप से जिम्मेदार होते हैं। ऑक्सीटोसिन और वैसोप्रेसिन हॉर्मोन्‍स व्‍यक्ति के व्‍यवहार परिवर्तन में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 

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