जिम जाने के लिए लोग विभिन्न समय का चुनाव करते हैं, किसी को सुबह जाना पसंद है तो किसी को शाम और कोई रात में जिम करना पसंद करता है। लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो सुबह का समय जिम जाने या वर्कआउट करने के लिए सबसे बेहतर होता है। वहीं साइंस किसी भी समय को जिम के लिए बेहतर समय निर्धारित किये जाने का दावे को सिरे से खारिज करता है। यानी जिम जाने का कोई भी समय बेहतर नहीं है, यह केवल इंसान के दिमाग का फितूर होता है। क्योंकि विज्ञान ने यह सिद्ध किया है कि हमारे शरीर में एक क्रिया होती है जिसे सर्काडियन रिदम कहते हैं और इसके अनुसार ही वर्कआउट का समय निर्धारित होता है जो कि विभिन्न लोगों में विभिन्न तरह का हो सकता है। इस लेख में इसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं।
क्या है सर्काडियन रिदम
सर्काडियन रिदम (Circadian Rhythm) मानव शरीर में 24 घंटे में होने वाली एक मनोवैज्ञानिक और जीव विज्ञानी प्रक्रिया है। ऐसा भी नहीं है कि यह प्रक्रिया सभी में एक समान हो, यानी यह दूसरे इंसान में दूसरे वक्त में भी प्रभावी हो सकती है। इस पर वातावरण का भी असर पड़ता है। यानी प्रकाश, गर्मी, हवा और गतिविधियों के अनुसार यह अलग-अलग भी हो सकती है।
प्रकाश का अधिक महत्व
हालांकि सर्काडियन रिदम को निर्धारित करने में प्रकाश की भूमिका सबसे अधिक महत्वपूर्ण होती है। इस बात की पुष्टि चौथी शताब्दी ईपू में हो चुकी है। क्योंकि उस समय सिकंदर प्रकाश पर अधिक भरोसा करता था। दरअसल प्रकाश आंखों के जरिये केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को चौकन्ना रखता है। इसके जरिये शरीर को यह एहसास होता है कि कौन सा वक्त उसके लिए बेहतर है।
कैसे पड़ता है प्रभाव
सर्काडियन रिदम का आपके वर्कआउट पर क्या असर पड़ता है, इस बात की पुष्टि के लिए शरीर के तापमान और शरीर के आंतरिक अंगों की प्रतिक्रिया की जांच करते हैं। जब हम कोई व्यायाम करते हैं तब शरीर का तापमान बढ़ जाना स्वाभाविक है। लेकिन जब हम रात में व्यायाम करते हैं तब शरीर का तापमान दिन की तुलना में कम होता है। वहीं सुबह उठने के बाद जब हम व्यायाम करते हैं तब शरीर का तापमान अधिक रहता है और शाम के वक्त यह और अधिक रहता है। यानी शाम का वक्त इस हिसाब से अच्छा माना जाना चाहिए।
क्या है बेहतर समय
यानी इस शोध की मानें तो शाम के बाद और रात से पहले का समय वर्कआउट के लिए सबसे बेहतर है। इसे 2:30 से 8:30 के बीच का समय कहना सही होगा। हालांकि यह सभी के लिए बेहतर समय नहीं कहा जा सकता है। क्योंकि जिनके दिन की शुरूआत देर से होती है उनके हिसाब से यह वक्त वर्कआउट के लिए उचित हो सकता है। यानी अगर आप सुबह-सुबह वर्कआउट के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। शाम के वक्त भी वर्कआउट करने से उतना ही फायदा होगा जितना कि सुबह के वक्त वर्कआउट करने से होता है। बस इस बात का ध्यान रखें कि नियमित वर्कआउट करना है और 30 मिनट वर्कआउट के लिए पर्याप्त समय है।
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