
कई बार इशारे बिलकुल सही समझ में आते हैं और कई बार उन्हें समझने में गलती हो सकती है, सही मायनों में हमारा शरीर में हमें कई इशारे करता है।
कई बार इशारे बिलकुल सही समझ में आते हैं और कई बार उन्हें समझने में गलती हो सकती है। सही मायनों में हमारा शरीर में हमें कई इशारे करता है, लेकिन हम उन्हें जानने समझने में चूक कर देते हैं। आखिर क्या है वे इशारे और क्या हम उन्हें समझ लेते हैं। साथ ही जानते हैं कि आखिर उन इशारों का असल निशाना क्या होता है।
अगर आप सुनें तो आपका शरीर आपको अपनी जरूरत के बारे में बता देता है। आप भूखे होते हैं क्योंकि आपके शरीर को भोजन की जरूरत होती है। आग के पास जाते ही आपका हाथ खुद-ब-खुद पीछे आ जाता है, क्योंकि उसे जलने का डर होता है। यह शरीर की स्वाभाविक क्रियायें हैं।
इशारों को अगर समझो
कई बार हमें सही संकेत नहीं मिलते या हम संकेतों की भाषा को सही प्रकार समझ नहीं पाते। उदाहरण के लिए मान लीजिए आपको चॉकलेट बहुत पसंद है, आपको मालूम भी है कि ज्यादा चॉकलेट खाना आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है, लेकिन फिर भी आप अपनी इस आदत को रोक नहीं पाते। जब भी आपको थकान होती है या आप थोड़ा उदास महसूस करते हैं, आप चॉकलेट खाना शुरू कर देते हैं।
अवचेतन मन की कहानी
आप कह सकते हैं कि हमारे अवचेतन मन में कहीं न कहीं यह बात घर कर गई है कि चॉकलेट खाना उसकी सब समस्याओं का हल है। यह बात कितनी सही है या नहीं, लेकिन मनोवैज्ञानिक रूप से चॉकलेट खाने से उसे फायदा जरूर महसूस होता है। और इसलिए किसी भी परेशानी की स्थिति में उसका शरीर उसे चॉकलेट खाने का इशारा देता है। तो, क्या वाकई शरीर के इन संकेतों को समझा जा सकता है।
मन बड़ा चालाक है
क्या हम शरीर के इन भ्रमित करने वाले संदेशों पर यकीन कर सकते हैं। जी हां, बस जरूरत है कि असल संदेश को पढ़ने की। चॉकलेट वाले संकेत को ही अगर हम समझें तो शरीर हमें चॉकलेट खाने के लिए नहीं, बल्कि लो ब्लड शुगर, पानी की कमी या फिर काम की परिस्थितियों से ऊबने का इशारा दे रहा है। इसका सीधा सा इलाज, समय पर लंच करना, अधिक पानी पीना और किसी मुद्दे पर बात करना है। चॉकलेट तो महज मनोवैज्ञानिक पहलु है और कुछ नहीं।
अकसर होती है गलती
हम अकसर अपने शरीर के संकेतों को समझने में चूक कर देते हैं। यहां हम असल संकेतों को न समझते हुए अपनी चालाकी दिखाते हैं। हमारे भीतर छुपा बैठा 'षड़यंत्रकारी' अपनी पसंद के हिसाब से एजेंडा बना लेता है। वह असल संकेत न समझते हुए यह मान लेता है कि उसे 'चॉकलेट' चाहिए। और यह संकेत कहीं नेपृथ्य में चला जाता है कि वास्तव में वह प्यासा है या उसे चीजों को बदलने की जरूरत है।
शरीर की जरूरतों को समझने का असली तरीका यह है कि आप अपने अंदर बैठे उस 'चालाक बच्चे' को डपटकर चुप करा दें और सीधे सही व असली संकेत को समझें। यहां हम जानते हैं आपके शरीर के कुछ सामान्य संकेत जिन्हें समझने में हम अकसर गलतियां कर जाते हैं।
मैं अकेला रहना चाहता हूं
बेशक, कई बार अकेला रहना अच्छा होता है। लेकिन, अगर आप लगातार ऐसा कर रहे हैं, तो आपको सावधान होने की जरूरत होती है। आमतौर पर इसका अर्थ होता है कि आप अलगाव महसूस कर रहे हैं। या फिर किसी बात को लेकर शर्मिंदा हैं। या आप उस परिस्थिति का सामना करने को तैयार नहीं हैं। लोगों के साथ जो चीज आपको जोड़ सकती है वो है प्रेम और बातचीत। लेकिन, समस्या यह है कि आप ऐसा करना नहीं चाहते। याद रखिये एकाकीपन किसी समस्या का हल नहीं है, बल्कि वास्तव में यह खुद एक समस्या है।
मैं तुम पर चिल्लाना चाहता हूं
संभव है कि उस व्यक्ति ने कोई ऐसा काम किया हो, जिससे आपको बहुत गुस्सा आ गया। लेकिन, चिल्लाने का अर्थ यह होता है कि आप अपने जीवन में घट रहे घटनाक्रमों से संतुष्ट नहीं हैं। आपकी नाराजगी वास्तव में उनके अवांछनीय परिस्थितियों के प्रति है। इसके साथ ही यह भी संभव है कि उस व्यक्ति के साथ अन्य मुद्दों पर भी असहमत हैं और आपको उनका निपटारा नहीं हो पाने का भी मलाल है। आमतौर पर केवल उस समय की परिस्थितिजन्य हालात चिल्लाने योग्य नहीं होते।
मैं बस टीवी देखना चाहता हूं
अपने आपको बस टीवी के साथ चिपका लेना एक रोचक किंतु गंभीर इशारा देता है। इसका अर्थ यह हो सकता है कि आप किसी ऐसी समस्या से भाग रहे हैं, जिसका सामना करना आपके लिए जरूरी है। या फिर आप नकारात्मकता से भागना चाहते हैं। तो, हालात से भागने से अच्छा है कि अपने हाथ के काम और मुसीबत का सामना कीजिए और जीवन में आगे बढि़ये।
मुझे चीनी चाहिए
जैसा कि हम ऊपर बात कर चुके है कि जब आपका शरीर चीनी की मांग करे, तो इसके ये संभावित इशारे हो सकते हैं, जैसे- आपको अपना लंच समय पर खाना चाहिए, रात को पर्याप्त नींद लेनी चाहिए, आप जीवन की किसी समस्या का सामना नहीं करना चाहते। आप इन लक्षणों में से अपने पर लागू होने वाले लक्षण और संकेत को चुन सकते हैं। इसका निदान कर आप अपनी इस समस्या से बच सकते हैं।
इशारों को अगर समझो, तो सेहत आपकी है। जी, आपका शरीर बता देता है अपनी जरूरतें। अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप उन इशारों को कितना समझ पाते हैं और उस हिसाब से अपने जीवन में किस प्रकार का बदलाव लाते हैं। समय रहते इन इशारों को समझना और काम करना आपके जीवन को सुखद और शरीर को सेहतमंद बना सकता है।
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