Must Avoid Common Mistakes About Formula Milk in Hindi: नवजात शिशुओं के लिए मां का दूध सबसे बेस्ट माना जाता है। लेकिन, स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं या कई अन्य कारणों से कई बार पेरेंट्स को अपने शिशु को फॉर्मूला मिल्क पिलाना पड़ता है। फॉर्मूला मिल्क, ब्रेस्ट फीड न कर पाने वाले बच्चे के लिए दूध का एक विकल्प होता है। लेकिन, कई बार फॉर्मूला मिल्क देने से शिशु के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है, जिसका सबसे बड़ा कारण इसे गलत तरीके से देना है। अक्सर, फॉर्मूला मिल्क पिलाने के दौरान माता-पिता कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिससे बच्चे के लिए यह मिल्क नुकसानदायर साबित हो सकता है। ऐसे में आइए लखनऊ के मा-सी केयर क्लीनिक की आयुर्वेदिक डॉक्टर और स्तनपान सलाहकार डॉ. तनिमा सिंघल (Dr. Tanima Singhal, Pregnancy educator and Lactation Consultant at Maa-Si Care Clinic, Lucknow) से जानते हैं कि फॉर्मूला मिल्क देते समय किन बातों का ध्यान रखें? (mistakes to avoid giving formula milk to baby)
शिशुओं को फॉर्मूला मिल्क देते समय किन गलतियों से बचना चाहिए? - What Mistakes To Avoid While Giving Formula Milk in Hindi?
1. फॉर्मूला मिल्क का ज्यादा या कम उपयोग
शिशुओं के लिए फॉर्मूला पाउडर का सही मात्रा में इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है। ज्यादा भरा हुआ स्कूप, बहुत ज्यादा गाढ़ा मिश्रण बन सकता है, जिससे शिशु को पाचन से जुड़ी समस्याएं हो सकती है, जबकि कम भरा हुआ स्कूप, शिशु के पीने के लिए पतला मिश्रण बन सकता है, जिससे पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। इसलिए, हमेशा पानी की मात्रा के (What not to do with baby formula) अनुसार शिशु को सही मात्रा में फॉर्मूला मिल्क पीने के लिए दें।
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2. फॉर्मूला तैयार करने के बाद पानी मिलाना
फॉर्मूला मिल्क का मिश्रण तैयार करने के बाद उसमें पानी मिलाने से पोषक तत्व कम हो सकते है। इससे शिशुओं को पाचन से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती है और फॉर्मूला मिल्क का प्रभाव कम हो सकता है, इसलिए, हमेशा एक बार में और सही मात्रा में फॉर्मूला मिल्क तैयार करें।
3. ज्यादा उबलते पानी में फॉर्मूला मिल्क तैयार करना
अक्सर कई पेरेंट्स फॉर्मूला मिल्क को बहुत ज्यादा उबलते पानी में बनाते हैं। लेकिन, इसको नॉर्मल गर्म पानी में ही बनाना चाहिए। नॉर्मल गर्म पानी में फॉर्मूला मिल्क तैयार करने से यह आपके बच्चे के पीने के लिए आरामदायक रहेगा।रहेगा।
4. निप्पल को पकड़कर मिल्क मिलाना
निप्पल को पकड़कर फॉर्मूला मिल्क मिलाने से मिश्रण में हवा आ सकती है, जिससे शिशु को पाचन से जुड़ी समस्याएं और असुविधा हो सकती है। इसके बजाय, आप फॉर्मूला को एक अलग कंटेनर में मिलाएं और फिर बोतल में डालें।
5. बोतल को जोर जोर से हिलाना
बोतल में फॉर्मूला मिल्क डालने के बाद उसे जोर से हिलाने से दूध के पोषक तत्व खत्म हो सकते हैं और बोतल में बुलबुले बन सकते हैं, जिससे शिशु को पाचन से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती है। इसके बजाय, आप दूध की बोतल को धीरे से घुमाएं ताकि फॉर्मूला अच्छी तरह से मिल जाए।
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6. बोतल में बचा हुआ फॉर्मूला मिल्क पीलाना
एक बार में सारा फॉर्मूला मिल्क शिशु के न पीने के बाद कई पेरेंट्स थोड़ी देर के बाद शिशुओं को दोबारा वहीं फॉर्मूला मिल्क पीने के लिए दें देते हैं, लेकिन आपको ऐसा करने से बचना चाहिए। बचे हुए फॉर्मूला मिल्क में बैक्टीरिया तेजी से बढ़ सकते हैं। इससे शिशु को पाचन से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
निष्कर्ष
स्तनपान सलाहकार डॉ. तनिमा सिंघल के अनुसार, किसी वजह से अगर मां बेबी को दूध शुरुआत में नहीं पिला पाई तो वो लैक्टेशन कंसल्टेंट से सलाह लेकर अपने ब्रेस्ट मिल्क को फिर से बढ़ा सकती हैं। फॉर्मूला मिल्क का इस्तेमाल हमेशा इमरजेंसी में ही करना चाहिए, शिशु को उसकी आदत न डालें। फॉर्मूला मिल्क में प्रिजर्वेटिव्स और शुगर की मात्रा ज्यादा होती है, जो शिशु के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है। मां के दूध से बेबी को इम्यूनिटी मिलती है, जो फॉर्मूला मिल्क से नहीं मिल पाता है। इसलिए, अगर आप फॉर्मूला मिल्क का इस्तेमाल कर भी रहे हैं तो इमरजेंसी में ही करें और अपने मिल्क की सप्लाई बढ़ाने के लैक्टेशन कंसल्टेंट से सलाह लें।
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