भारत में कोरोना वायरस (Covid-19 India) का कहर लगातार जारी है पर राहत की खबर ये है कि कि कल लगभग तीन हफ्ते बाद पहली बार 4 लाख से नीचे कोरोना के केस आए हैं। पिछले 24 घंटों के आंकड़ों पर ध्यान दें, तो देश में 3,29,942 कोरोना मामले सामने आए हैं, जिनमें से 3876 लोगों की मौत हुई है। इस बीच सरकार और विश्व के तमाम स्वास्थ्य संस्थाएं विभिन्न प्रकार के दवाइयों को कोरोना के इलाज और बचाव में इस्तेमाल कर रही हैं। हाल ही में गोवा में 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को आइवरमेक्टिन (ivermectin) दवा देने की घोषणा की गई है। गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे राज्य सरकार ने सोमवार को बताया कि नए कोविड ट्रिटमेंट प्रोटोकॉल को मंजूरी देते हुए 18 वर्ष से ज्यादा आयु के सभी लोगों को इवरमेक्टिन दवा की 5 गोलियां लेने की सलाह दी है। पर क्या सच में आइवरमेक्टिन (ivermectin) कोरोना से बचाव में कारगर (is ivermectin effective against covid)है? आइए जानते हैं क्या है ये दवाई और इसे लेकर क्या कहते हैं डॉक्टर, शोध और खाद्य और औषधि प्रशासन (FDA)
क्या है आइवरमेक्टिन (What is Ivermectin)?
आइवरमेक्टिन (Ivermectin) एक एंटी पैरासिटिक ड्रग (anti-parasitic drug) है, जो कि पेट के इंफेक्शन जैसे कि राउंडवॉर्म इंफेक्शन के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है। एक तरह से आप इसे पेट के कीड़े को मारने वाली दवाई कह सकते हैं। व्यापक तौर पर इसका उपयोग आंतों के स्ट्रॉग्लोडायसिस (strongyloidiasis) और ऑन्कोकेरिएसिस (onchocerciasis) के रोगियों के लिए किया जाता है।
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कोरोना के इलाज में 'आइवरमेक्टिन' को FDA की मंजूरी नहीं
कोरोना वायरस के ट्रीटमेंट में इस दवा को खाद्य और औषधि प्रशासन (FDA) द्वारा इस्तेमाल की मंजूरी नहीं मिली है। इसे लेकर FDA का कहना है कि हार्टवर्म रोग और कुछ आंतरिक और बाहरी परजीवियों को रोकने के लिए जानवरों में इवरमेक्टिन के कुछ रूपों का उपयोग किया जाता है। इसलिए इसे ध्यान में रखना जरूरी है ये दवा इंसानों के लिए अलग तरह से काम करता है और जानवरों के लिए अलग तरह से। ये कोई एंटी वायरल दवा नहीं है जिसे हम सुरक्षित रूप से कोरोना वायरस से बचाव के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इस दवा की बड़ी खुराक लेना खतरनाक है और इससे गंभीर नुकसान हो सकता है।
जानवरों और इंसानों, दोनों के लिए अलग है Ivermectin
Ivermectin को लेकर गौर करने वाली बात ये है कि ये दवा इंसान और जानवरों दोनों के लिए अलग है। इसका ज्यादा इस्तेमाल बड़े जानवरों जैसे कि घोड़ों और गायों के इलाज के लिए लिए किया जाता है। जबकि इंसानों के लिए इसे ज्यादा मात्रा में लेना नुकसानदेह हो सकता है। इसे बिना किसी एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह पर लेने से बचें। साथ ही इसे उसा मात्रा में लें जिस मात्रा में आपको इसे लेने के लिए कहा गया है। अपने मर्जी से इस तरह की किसी भी दवा के इस्तेमाल से बचें।
पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मानें, तो COVID-19 रोगियों के इलाज के लिए Ivermectin के उपयोग पर वर्तमान में दिए गए साक्ष्य और तथ्य अनिर्णायक है। जब तक अधिक डेटा उपलब्ध नहीं होता है, तब तक डब्ल्यूएचओ का सुझाव है कि दवा केवल क्लिनिकल ट्रायल्स के भीतर ही उपयोग की जाए।
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आइवरमेक्टिन के इस्तेमाल को लेकर क्या कहते हैं डॉक्टर?
कोरोना से बचाव में आइवरमेक्टिन के इस्तेमाल को लेकर हमने किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ में प्रोफ़ेसर और हेड ऑफ रेस्पिरेटरी मेडिसिन, डॉ. सूर्यकांत (Dr. Suryakant) से भी बात की। डॉ. सूर्यकांत COVID-19 के लिए उपचार में आइवरमेक्टिन के इस्तेमाल पर कहते हैं कि "हमने कुछ पुराने मोलिक्युल्स पर दोबारा गौर किया है और आइवरमेक्टिन को पाया है, जो मूल रूप से COVID-19 की रोकथाम और उपचार के लिए हमारे देश में एक प्रभावी, सुरक्षित और सस्ती चिकित्सीय विकल्प के रूप में है। डॉ. सूर्यकांत कहते हैं कि
- - असल में ये एक एंटीहेल्मिन्थिक (antihelminthic) के रूप में इस्तेमाल हो रहा है।
- - इवरमेक्टिन के उपयोग से कोरोनो के वायरस लोड में 93% की कमी आई, जो 24 घंटों के भीतर 99.8% तक पहुंच गया। इसके बारे में ऑस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय द्वारा पिछले साल प्रकाशित एक शोध पत्र में भी पाया गया है।
- - अब तक, 3.7 बिलियन लोगों का आइवरमेक्टिन से इलाज किया गया है और इसलिए यह उपयोग के लिए सुरक्षित है।
डॉ. सूर्यकांत और भारतीय चिकित्सा विशेषज्ञों का शोध-
बता दें कि डॉ. सूर्य कांत, जो IMA अकादमी ऑफ़ मेडिकल स्पेशिएलिटी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं, उन्होंने SARs-CoV2 संक्रमण के मामलों में आइवरमेक्टिन (Ivermectin) दवा की प्रभावशीलता के बारे में जानने के लिए कई अध्ययन भी किए हैं। जुलाई 2020 में, डॉ. सूर्यकांत ने भारत के कुछ अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ आइवरमेक्टिन पर एक व्हाइट पेपर लिखा, जिसमें उन्होंने कोरोना के इलाज में आइवरमेक्टिन को लेकर कहा कि Ivermectin से संक्रमण की प्रतिकृति दर बहुत कम हो सकती है। इस पत्र को लिखने के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने नोटिस लिया और दवा का उपयोग शुरू कर दिया। यूपी इमेक्टेक्टिन का उपयोग करने वाला पहला राज्य था, जिसके बाद, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, असम और केरल की सरकार ने COVID -19 के हल्के से मध्यम संक्रमित रोगियों के उपचार के लिए अपने प्रोटोकॉल में आइवरमेक्टिन को भी शामिल किया।
क्या कहता है अमेरिकन जर्नल ऑफ थेरप्यूटिक्स का शोध-
कोरोना से बचाव में आइवरमेक्टिन के इस्तेमाल पर कई शोध हैं। अमेरिकन जर्नल ऑफ थेरप्यूटिक्स (American Journal of Therapeutics) के मई-जून अंक में प्रकाशित यह शोध में बताया गया कि आोरल एंटीपैरासिटिक दवा इवरमेक्टिन के नियमित उपयोग से कोरोनोवायरस के संक्रमण होने के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। अमेरिकन जर्नल ऑफ थेरप्यूटिक्स के मई-जून अंक में प्रकाशित यह शोध में क्लिनिकल इन विट्रो, एनिमल और रियल-वर्ल्ड स्टडीज द्वारा आइवरमेक्टिन पर उपलब्ध आंकड़ों की सबसे व्यापक समीक्षा की बात कही गई है। इसमें बताया गया है कि कोविड को रोकने में Ivermectin की प्रभावकारिता का मूल्यांकन करने के लिए, लगभग 2,500 रोगियों सहित 3 आरसीटी (RCT) और 5 ऑब्जर्वेशन कंट्रोल टेस्ट का विश्लेषण किया गया है। सभी अध्ययनों ने बताया कि आइवरमेक्टिन नियमित रूप से उपयोग किए जाने पर कोविड -19 होने के जोखिम को कम कर देता है।
कोविड रोगियों में मृत्यु दर में कमी ला सकता है Ivermectin?
इसके अलावा यूके, इटली, स्पेन और जापान के एक्सपर्ट पैनल ने भी आइवरमेक्टिन दवाई को शक्तिशाली रोगनिरोधी के रूप में मान्यता दी है, जिसमें इस दवा से इलाज किए गए कोविड रोगियों में मृत्यु दर में उल्लेखनीय रूप से कमी, कोरोना से रिवकरी के समय में तेजी और संक्रमण के फैलाव में कमी देखे जाने की बात कई गई है।पर इस दवा के इस्तेमाल को लेकर अब भी कई उलझे हुए तथ्य है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मानें, ये कहना बहुत जल्दी होगा कि कोरोना के उपजार में ये दवाई पूरी तरह से कारगर है। इसी तरह कोरोनोवायरस के लिए एक कारगर उपाय के रूप में दवा की स्वीकृति अभी भी शोध के स्तर पर है क्योंकि एफडीए ने कोविड रोगियों में इवरमेक्टिन दवा के उपयोग का समर्थन करने के लिए डेटा की मंजूरी या समीक्षा नहीं की है। हालांकि, दुनिया के कई हिस्सों में इस दवा का इस्तेमाल हो रहा है और कारगर परिणाम आ भी रहे हैं।
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हाल ही में मई 2021 में, AIIMS / ICMR-COVID-19 प्रोटोकॉल ने भी COVID-19 के उपचार के लिए आइवरमेक्टिन दवा के उपयोग की सलाह दी। जब मरीज घर पर कोरोना का इलाज कर रहे हों या उनका टेस्ट पॉजिटिव न आया हो और उनमें संक्रमण के हल्के लक्षण हो रहे हों, तो डॉक्टर के कहने पर वो आइवरमेक्टिन ले सकते हैं। वर्तमान में, भारत में 8 सहित दुनिया भर में आइवरमेक्टिन दव पर 40 से अधिक नैदानिक परीक्षण चल रहे हैं और अभी तक किसी ने भी कोई बड़ा दुष्प्रभाव नहीं बताया है। पर फिर भी बिना डॉक्टर से पूछे या बताए आइवरमेक्टिन दवा का उपयोग न करें। साथ ही प्रेग्नेंसी और कुछ विशेष स्वास्थ्य स्थितियों में डॉक्टर से अच्छी तरह से बात करके, बार-बार सलाह लेने के बाद ही इसका उपयोग करें, नहीं तो इसे लेने से बचें।
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