इन दिनों दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी का असर देखने को मिल रहा है। तापमान लगातार 40 डिग्री सेल्सियस के पार जा रहा है और लू चलने की वजह से सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। ऐसे में हेल्दी रहने के लिए यह जरूरी हो जाता है कि हम अपनी डाइट और दिनचर्या में ठंडी तासीर वाली चीजों को शामिल करें, ताकि शरीर का तापमान संतुलित रहे और पाचन तंत्र से लेकर स्किन तक हर अंग पर गर्मी का नकारात्मक असर न हो। गर्मी के इस मौसम में लोग अक्सर प्यास, थकान, जलन, एसिडिटी और स्किन से जुड़ी समस्याओं से परेशान रहते हैं। इन्हीं समस्याओं से राहत पाने के लिए कई लोग प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपायों की ओर रुख करते हैं। तुलसी की पत्तियां भी इन्हीं उपायों में से एक हैं, जो आयुर्वेद में एक शक्तिशाली औषधि के रूप में जानी जाती हैं। हालांकि, एक आम आदत यह है कि लोग तुलसी की पत्तियों का काढ़ा या तुलसी वाली चाय पूरे साल यानी गर्मियों में भी पीते रहते हैं। लेकिन क्या वास्तव में यह गर्मियों में फायदेमंद है? क्या हर व्यक्ति को तुलसी का सेवन गर्मियों में करना चाहिए, या कुछ लोगों को इससे परहेज करना चाहिए? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से बात की-
क्या गर्मियों में तुलसी लेना चाहिए? - Is It Safe To Consume Tulsi In Summer
डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं कि तुलसी की पत्तियों की प्रकृति ऊष्ण होती है, जिसका मतलब है कि यह शरीर में गर्मी उत्पन्न करती है। गर्मी के मौसम में जब वातावरण का तापमान पहले से ही अधिक होता है, तब यदि तुलसी का अधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो यह शरीर में पित्त दोष को बढ़ा सकता है। पित्त दोष बढ़ने से शरीर में जलन, एसिडिटी, सिरदर्द, चिड़चिड़ापन और स्किन पर रैशेज जैसी समस्याएं हो सकती हैं। डॉ. शर्मा कहते हैं कि पित्त प्रकृति वाले लोगों को तुलसी का सेवन बेहद सीमित मात्रा में करना चाहिए। ऐसे लोग जिनके शरीर में पहले से ही पित्त अधिक होता है, उन्हें सर्दियों में भी तुलसी से परहेज करना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह उनकी प्रकृति के विपरीत काम करती है। तुलसी की गर्म प्रकृति पित्तज व्यक्तियों में संतुलन बिगाड़ सकती है, जिससे उन्हें फायदे की बजाय नुकसान हो सकता है।
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हालांकि, जिनकी प्रकृति सम यानी संतुलित होती है, वे तुलसी का सेवन पूरे वर्ष कर सकते हैं। डॉ. शर्मा बताते हैं कि ऐसे लोग तुलसी का सेवन खासकर तब करें जब उन्हें खांसी, जुकाम या सर्दी-जुकाम से जुड़ी कोई (is it safe to consume tulsi in summer) परेशानी हो। गर्मियों में जब मौसम में वायरस और बैक्टीरिया से इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है, ऐसे में तुलसी रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को बढ़ाकर शरीर को मजबूत बनाने में मदद करती है।
तुलसी का सेवन कैसे करें - What Is The Best Way To Consume Tulsi
आयुर्वेदाचार्य के अनुसार, तुलसी की पत्तियों को सुबह खाली पेट लेना सबसे उपयुक्त होता है। इसके लिए तुलसी की ताजी पत्तियों को कूटकर पानी में उबालें और फिर इस काढ़े को छानकर पिएं। यह पाचन को बेहतर करता है, खांसी-जुकाम को कम करता है और शरीर को इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है।
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1 दिन में कितना तुलसी का पानी पीना चाहिए - How Much Tulsi Water Per Day
पित्त प्रकृति वाले लोग: तुलसी के काढ़े की मात्रा 10 मिलीलीटर (Can we drink basil water every day) से कम ही रखें।
सम प्रकृति वाले वयस्क: यदि सर्दी-जुकाम है, तो तुलसी का काढ़ा 50 मिलीलीटर तक ले सकते हैं।
बच्चे: 10 से 15 मिलीलीटर तक तुलसी का काढ़ा दिया जा सकता है, लेकिन मात्रा उम्र और प्रकृति के अनुसार होनी चाहिए।
क्या तुलसी का सेवन गर्मियों में नहीं करना चाहिए? - Should Tulsi Not Be Consumed In Summers
इसका उत्तर डॉ. शर्मा 'नहीं' में देते हैं। वे बताते हैं कि यदि किसी की शरीर की प्रकृति तुलसी के अनुकूल है और तुलसी की मात्रा सीमित रखी जाए, तो गर्मियों में भी इसका लाभ लिया जा सकता है। तुलसी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी बढ़ाती है और मौसमी इंफेक्शन से सुरक्षा देती है, लेकिन मात्रा और प्रकृति का संतुलन बनाए रखना जरूरी है।
निष्कर्ष
आयुर्वेद में तुलसी को दिव्य औषधियों में गिना जाता है। यह अनेक प्रकार के रोगों से शरीर की रक्षा करती है, परंतु हर औषधि की तरह इसका उपयोग भी व्यक्ति की प्रकृति, मौसम और स्थिति को ध्यान में रखकर ही करना चाहिए। डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार, गर्मियों में तुलसी का सेवन पित्त प्रकृति वाले लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकता है, जबकि सम प्रकृति वालों के लिए यह सुरक्षित और लाभकारी हो सकता है बशर्ते मात्रा का ध्यान रखा जाए।
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FAQ
तुलसी के पत्ते कब और कैसे खाने चाहिए?
तुलसी के पत्तों का सेवन सुबह खाली पेट करना सबसे अधिक लाभकारी माना जाता है। आप 4–5 ताजे तुलसी के पत्ते धोकर कूटकर पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं। यह काढ़ा खासकर खांसी, जुकाम या मौसमी बुखार में फायदा देता है। ध्यान रखें कि तुलसी के पत्तों को कभी भी दूध के साथ न लें और अधिक मात्रा में सेवन करने से बचें, विशेषकर गर्मियों में या अगर आपकी प्रकृति पित्तज है। हमेशा सीमित मात्रा और सही समय पर ही सेवन करें।तुलसी का पानी कैसे बनाएं?
तुलसी का पानी बनाना बेहद सरल है और यह स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। इसे बनाने के लिए 7–10 ताजे तुलसी के पत्ते लें और अच्छी तरह धो लें। अब एक पैन में लगभग 1 से 2 कप पानी डालें और उसमें तुलसी के पत्ते डालकर 5–7 मिनट तक मध्यम आंच पर उबालें। जब पानी का रंग हल्का हरा या भूरा हो जाए, तो गैस बंद कर दें और इसे छान लें। यह तुलसी का पानी तैयार है। आप इसे गुनगुना या ठंडा करके पी सकते हैं। सुबह खाली पेट इसका सेवन करना सबसे अधिक लाभकारी होता है।तुलसी के बीज का पानी कब पीना चाहिए?
तुलसी के बीज, जिन्हें सब्जा या फालूदा बीज भी कहा जाता है, शरीर को ठंडक प्रदान करने वाले होते हैं और गर्मियों में विशेष रूप से लाभकारी माने जाते हैं। तुलसी के बीज का पानी सुबह खाली पेट या दोपहर के भोजन के बाद पीना सबसे उपयुक्त होता है। इसे बनाने के लिए 1 चम्मच तुलसी के बीजों को 1 कप पानी में 30 मिनट के लिए भिगो दें। बीज फूलकर जेल जैसे हो जाते हैं। फिर इसे नींबू पानी, नारियल पानी या ठंडे दूध में मिलाकर सेवन किया जा सकता है। यह पाचन में मदद करता है और शरीर को डिटॉक्स करता है।