
बॉलिवुड हो या हॉलिवुड अब रोल की मांग के हिसाब से अपने वज़न में तेज़ी से तब्दीली लाना एक शगल बन चुका है, फिल्मी सितारों की तरह लोग भी ऐसा करने लगे हैं, लेकिन ऐसा करना कितना सही है, इसके बारे में इस लेख में जानते हैं।
फिल्म 'थ्री इडियट' के लिये आमिर ख़ान ने अपना वजन काफी कम किया, वहीं अपनी अपकमिंग फिल्म 'दंगल' के लिये उन्होंने तेज़ी से वज़न बढ़ाया। ये चलन बॉलिवुड के सितारों ने हॉलिवुड के कलाकारों से अपनाया है। लेकिन इस बीच एक बड़ा सवाल ये है कि, क्या फिल्मी सितारों की तरह जल्दी-जल्दी वजन बढ़ाना और घटाना कितना सुरक्षित है? चलिये जानें क्या है इसका जवाब-
करेक्टर की डिमांड और एक्टिंग को जीवंत रूप देने के लिये सालों से हॉलीवुड के कलाकर अपने वज़न, चाल-ढ़ाल और रूप आदि में तेज़ी से परिवर्तन करते रहे हैं। बॉलिवुड हो या हॉलिवुड अब रोल की मांग के हिसाब से अपने वज़न में तेज़ी से तब्दीली लाना एक शगल बन चुका है। जैसा की कहा जाता है, फिल्में समाज का आइना होती हैं, समाज में भी लोग इन एक्टरर्स को कॉपी कर तेजी से वज़न कम या बढ़ाने की होड़ में जुट जाते हैं। हालांकि वे इसमें कितने सफल हो पाते हैं, या इस देखा-देखी होड़ में खुद का कितना नुकसान कर लेते हैं, ये एक दूसरा चर्चा का विषय है। विशेषज्ञों की राय में ऐसा करना किसी साधारण व्यक्ति तो क्या, खुद ऐसा करने वाले फिल्मी सितारों की सेहत के लिये जोखिम से भरा होता है।
जूलिया रोबर्ट ने 10 पाउंड वज़न बढ़ाया
हॉलिवुड की मशहूर अभिनेत्री जूलिया रोबर्ट ने एंटरटेनमेंट वीकली पत्रिका को बताया कि, अपनी आने वाली नई फिल्म 'ईट प्रे लव', जिसकी शूटिंग इटली में हो रही है, के लिये उन्होंने 10 पाउंड वज़न बढ़ाया। जूलिया ने बताया कि, "अगर आप किसी भी सीन में मुझे खाते हुए देखेंगे तो, सीन के घतम होने तक में वो खाना पूरी खतम कर चुकी होती हूं। जैसे कि पिज्जा खाते हुए फिल्माते सीन के खतम होते होते में पिज्जा के सारे पीस खा चुकी थी। जब हम नेपल्स में थे, तो सुबह 8 बजे से शूटिंग शुरू किया करते थे, और 8:45 तक में पिज्जा के लगभग 8 से 10 पीस खा चुकी होती थी। पिज्जा एक ऐसी चीज़ थी जिसे में पूरे दिन खाती थी।"
आमिर ने पहले बढ़ाया और फिर घटाया वज़न
फिल्म 'रंग दे बसंती' के 10 साल पूरे होने के अवसर पर एक प्रेस कॉन्फैंस में आमिर ने कहा, "फिल्म दंगल' के लिए वजन बढाने के बाद अब मुझे वजन घटाना भी है। फिल्म में, मैं सुशील कुमार जी की तरह एक राष्ट्रीय स्तर का पहलवान बना हूं। मैंने फिल्म के लिये 25 किलो वजन बढाया था और अब सुशील कुमार की तरह बलवान और तंदुरस्त दिखने के लिए मुझे 25 किलो वजन घटाना है।"
कितना है ऐसा करना सही
विशेषज्ञों के मुताबिक यकीनन ऐसा करना जोखिम से भरा है, फिर चाहे ऐसा कोई भी करे। तेज़ी से वज़न बढ़ाने पर दिल और घुटनों पर तेज़ दबाव पड़ता है। वहीं तेजी से वजन घटाने पर पित्त पथरी, लिवर को नुकसान, बालों का झड़ना (कम प्रोटीन की वजह से), मांसपेशियों की हानि आदि समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही इससे त्वचा का लटक जाना, थुलथुला हो जाना आदि समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि ये समस्या जोखिम से भरी नहीं है, लेकिन इसे ठीक करने के लिये सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।
आकर्षक और पतला दिखने के लिए लोग कई बार गलतियां कर बैठते हैं, और इसका सबसे अधिक दबाव सेलीब्रेटीज पर होता है। लेकिन पतला या मोटा दिखने के लिये की गई छोटी मोटी गलतियां भी कई बार इंसान के लिए जानलेवा साबित होती हैं। बीते वर्ष तेलुगू अभिनेत्री आरती अग्रवाल का निधन हो गया। मोटापे की समस्या से जूझ रही आरती अग्रवाल ने इस पर काबू पाने के लिए लिपोसक्शन सर्जरी करावाई। लेकिन आरती को मोटापे के साथ फेफड़ों की बीमारी भी थी। उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने के कारण हुई। तेलगु अदाकारा आरती अग्रवाल का कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने अपने शरीर को पतला बनाने की चाह में डॉक्टर की शरण ली और डॉक्टरों ने उनकी लिपोसक्शन सर्जरी कर दी और सर्जरी में कोई गलती हो जाने से आरती अग्रवाल की जान चली गयी। इसे डॉक्टरों की लापरवाही कहें या गलती, लिपोसक्शन ने आरती अग्रवाल की जिंदगी छीन ली।
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