108 Surya Namaskar Everyday Safe Or Not: सूर्य नमस्कार एक प्राचीन योगाभ्यास है। इसका अभ्यास संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है। सूर्य नमस्कार में 7 योगासन किये जाते हैं, जिनका अभ्यास 12 चरणों के पैटर्न में किया जाता है। यह एक फुल-बॉडी वर्कआउट है, लेकिन इसका अभ्यास करने से कार्डियोवस्कुलर, शरीर और दिमाग पर काफी सकारात्मक असर पड़ता है। सूर्य नमस्कार करने से शरीर मजबूत और लचीला बनता है। यह रीढ़ में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है। इसके अलावा, इसके स्वास्थ्य संबंधी अनेक लाभ हैं। आजकल हम देखते हैं कि बहुत से योग गुरु एक बार में 108 सूर्य नमस्कार का सत्र रखते हैं। आम लोग इसकी शुरुआत तो करते हैं, लेकिन वे 10-20 बार दोहराने पर ही काफी थका हुआ महसूस करने लगते हैं और सूर्य नमस्कार का अभ्यास बीच में बंद कर देते हैं। ऐसे में बहुत से लोग कई बार अपने स्वास्थ्य को लेकर ही चिंतित महसूस करने लगते हैं, क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि वे शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं है, जिसकी वजह से उन्हें 108 बार सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन क्या वाकई ऐसा है? योगाचार्य और न्यूट्रिशनिस्ट, जूही कपूर की मानें तो ऐसा नहीं है। वह कहती हैं, "सूर्य नमस्कार का सिर्फ 12 बार अभ्यास करना ही आपके लिए पर्याप्त होता है। जरूरी नहीं है कि आप 108 बार इसका अभ्यास करें। अगर आप 12 बार बिना किसी दिक्कत के इसका अभ्यास कर लेते हैं, तो तब भी आपको इसका पूर्ण लाभ मिल सकता है।" इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
क्या 108 बार सूर्य नमस्कार करना जरूरी है?
जूही कपूर के अनुसार, "जब हम 15वें सूर्य नमस्कार तक पहुंचते हैं, तब तक हम में से ज्यादातर लोग पहले से थक चुके होते हैं। जब आपका शरीर पहले से ही थकान की स्थिति में है, तो क्या वाकई आपको आगे बढ़ने की आवश्यकता है? इसका जवाब है नहीं। योग करते समय आपको सांस, तकनीक, मुद्रा, मन या ध्यान संबंधी अनुभवों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होती है। अगर आप इसकी बजाए सिर्फ बार-बार सूर्य नमस्कार करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, तो इससे आपके शरीर को सिर्फ थकान ही होगी। वास्तव में आपको सही तरीके से सूर्य नमस्कार करने पर ध्यान देना चाहिए, 108 बार दोहराने पर नहीं। भले ही आप सूर्य नमस्कार सिर्फ 6 बार दोहराएं, लेकिन इसे सही तरीके से करें। यह आपको 108 बार से अधिक लाभ प्रदान कर सकता है। हालांकि, अगर आप सही तरीके से कर सकते हैं, तो 12-24 बार दोहराने में कोई गलत बात नहीं है।"
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कैसे जानें कि आप अपनी क्षमता से अधिक अभ्यास कर रहे हैं?
जब आप सांस लेने पर ध्यान केंद्रित करने या प्रत्येक मुद्रा को 3-5 सेकंड तक बनाए रखने में असमर्थ हों, तो आपको सूर्य नमस्कार का अभ्यास बंद कर देना चाहिए। यह संकेत हो सकता है कि आपका शरीर अब थक चुका है।
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