मेडिटेशन (ध्यान) सुबह खाली पेट करना चाहिए या कुछ खाकर करें? जानें कैसे ध्यान से मिलते हैं ज्यादा फायदे

मेडिटेशन यानी ध्यान करने का सही तरीका क्या है? क्या सुबह खाली पेट ध्यान करना चाहिए या दिन में किसी भी समय आप मेडिटेशन कर सकते हैं।
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मेडिटेशन (ध्यान) सुबह खाली पेट करना चाहिए या कुछ खाकर करें? जानें कैसे ध्यान से मिलते हैं ज्यादा फायदे


हम व्यस्त जीवनशैली के कारण अक्सर बहुत सी बीमारियों से घिरे रहते हैं। यदि हम स्वस्थ रहना चाहते हैं तो जरूरी है कि ध्यान या मेडिटेशन (Meditation) करें। मेडिटेशन करने से शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। लेकिन मेडिटेशन (Meditation) खाली पेट करना(Empty Stomach) फायदेमंद है या किसी भी समय किया जा सकता है, इस बात को लेकर अक्सर लोग कंफ्यूज रहते हैं। तो आपको बता दें कि मेडिटेशन (Meditation) करने का सबसे अच्छा समय सुबह ही है। दरअसल हमारा दिमाग सुबह शांत रहता है तो पूरा दिन हमारा अच्छा बीतता है। मेडिटेशन से ऊर्जा (Energy) मिलती है और ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त करने के लिए इस ऊर्जा को अपनी सांसों (Breath) या योग मुद्रा (Mudra) पर फोकस करना काफी फायदेमंद है। पर जब आप पेट भरकर कोई भी व्यायाम करते हैं, तो आपके लिए कुछ समय के लिए फोकस (Focus) करना और या ध्यान लगाना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में मेडिटेशन (Meditation) के दौरान उत्पन्न एनर्जी आपके मन को शांत (Calm) करने और आपके शरीर को ठीक करने की जगह भोजन को पचाने (Digestion) में खर्च होगी।

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खाली पेट मेडिटेशन करना क्यों लाभदायक है (Benefits Of Meditation)

अगर आप रोजाना कुछ समय खाली पेट मेडिटेशन करते हैं तो आप का कंसंट्रेशन लेवल बढ़ जाता है और आप एक ऐसी स्थिति में जाने लगते हैं जहां आप किसी भी शोर शराबे (Noice) के बीच भी अपने दिमाग को एकाग्रचित रख सकें। लेकिन अगर आप खाने के बारे में सोचते हैं तो यह आपका ध्यान बंटाता है। मेडिटेशन से ध्यान हटने से मेडिटेशन नहीं होता। खाना खाने के बाद अगर आप मेडिटेशन करते है तो आपको सुस्ती महसूस होगी।

खाना और मेडिटेशन (Food And Meditation)

जब आप खाना खाते हैं तो आपका शरीर उसे पचाने में जुट जाता है और आपका सारा ब्लड फ्लो पेट की तरफ हो जाता है। इस दौरान आपके मस्तिष्क (Brain) पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता और इसलिए आपको थोड़ी नींद आने लगती है या आप सुस्त से हो जाते हैं। इसकी बजाए मेडिटेशन में आप खुद को उठाते है न कि सुलाते हैं। इस दौरान आपके सारे शरीर का एक्टिव होना जरूरी होता है ताकि आपका पूरा दिन बढ़िया तरह से बीत सके। मेडिटेशन से मूड अच्छा रहता है।

जब आप खाना खाने के बाद मेडिटेट करते हैं तो आप कंसंट्रेट (concentrate) नहीं कर पाते हैं और हर छोटी चीज आपका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। इससे आप वह तेज खो देते हैं जो खाली पेट मेडिटेट करने के दौरान आपको प्राप्त होता है।

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मेडिटेशन और खाने के बीच में आपको कितना टाइम गैप रखना चाहिए (Time Gap)

यह बात आप जिस प्रकार का खाना खाते है और आपका शरीर उसे कैसे पचाता है इस पर निर्भर करती है। आपको खाना खाने के दो घंटे बाद मेडिटेशन (Meditation) कर लेना चाहिए। अगर आप लंच कर रहे हैं या शाम को मेडिटेशन करना चाहते हैं तो खाने के दो घंटे बाद करें। हालांकि ब्रेकफास्ट के एक घंटे बाद भी आप मेडिटेशन कर सकते है।

मेडिटेशन करने से पहले आप को कौन कौन सी चीजें नहीं खानी चाहिए (Food We Should Not Eat Before Meditation)

  • दो प्रकार के फूड आपको उपलब्ध होते हैं पहला प्रोटीन रिच फूड जिसमें चिकन, अंडे, मछली, सोयाबीन आदि शामिल होते हैं और दूसरे कार्बोहाइड्रेट रिच (Carbs) फूड जिसमें आलू, पास्ता, चावल, ब्रेड, शुगर आदि शामिल होते हैं। प्रोटीन से युक्त चीजें खाने से आपके अंदर आलस आता है। हालांकि आप कार्ब रिच फूड खा सकते हैं।
  • आपको मेडिटेशन करने से पहले बहुत अधिक कैलोरी (Calories) वाली डाइट भी नहीं खानी चाहिए।
  • अगर आप सच में ही मेडिटेशन से पहले कुछ खाना चाहते हैं तो कुछ हेल्दी सब्जी या फल (Healthy Veggies) में से कुछ खा लें।

आपको कोशिश करनी चाहिए की आप मील खाने से पहले ही मेडिटेशन करें। अगर अधिक समय के लिए नहीं कर पा रहे हैं तो पहले एक मिनट से ही शुरुआत करके देखें।

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