जवां और खूबसूरत दिखने के लिए बोटोक्स का चलन इन दिनों काफी बढ़ गया है। चेहरे पर आती झुर्रियां उम्र के असर को दिखाती हैं और बोटोक्स उसी प्रभाव को दूर करने में मदद करता है। इसके इस्तेमाल से चेहरे और अन्य हिस्सों की त्वचा पर पड़ रही झुर्रियों को दूर किया जाता है। लेकिन इनके कुछ संभावित खतरे और साइडइफेक्ट्स भी होते हैं जिन्हें नजरअंदाज करना कई बार लोगों के लिए महंगा पड़ जाता है। कई बार बोटॉक्स का इंजेक्शन लेने के बाद इंजेक्शन वाले स्थान पर जलन, इंफेक्शन, सूजन, लालिमा, खून निकलना और नील पड़ने जैसी परेशानियां हो सकती हैं। इनमें से कुछ लक्षण एलर्जी के परिणामस्वरूप भी हो सकते हैं। इसके अलावा खुजली, घबराहट, अस्थमा, चक्कर आना और बेहोशी जैसी समस्यायें भी आपको परेशान कर सकती हैं। आज हम प्रेग्नेंसी में बोटॉक्स कराने के नुकसान के बारे में बता रहे हैं। आइए जानते हैं क्या हैं वो रिस्क—
गर्भवती रखें इस बात का ख्याल
- गर्भस्थ या नवजात शिशु की सुरक्षा की दृष्टि से प्रेग्नेंसी या लैक्टेशन पीरियड के दौरान यह ट्रीटमेंट नहीं लेना चाहिए।
- अगर आपको किसी चीज़ से एलर्जी है तो डॉक्टर को उसकी जानकारी अवश्य दें।
- नर्व से जुड़ी किसी भी समस्या से ग्रस्त लोग इसका इस्तेमाल न करें।
- अगर चेहरे पर कोई सर्जरी हुई हो तो भी यह ट्रीटमेंट नहीं लेना चाहिए।
- बोटॉक्स के बाद फेशियल न कराएं।
- यह उपचार कराने के बाद 24 घंटे तक स्पोट्र्स जैसी फिजिकल ऐक्टिविटीज़ से बचें। डॉक्टर से इस बात की जानकारी अवश्य लें कि ट्रीटमेंट के बाद आपको किस तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना चाहिए। यह सौंदर्य उपचार हमेशा किसी अच्छे हॉस्पिटल के प्रशिक्षित डॉक्टर द्वारा ही कराएं। इसकी सफलता के लिए डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना बहुत ज़रूरी है।

ये है खास टिप्स
अगर आपको बेहोशी, चक्कर आने या सांस संबंधी कोई भी दिक्कत आए तो फौरन अपने डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा, मुंह में रुखापन, थकान, सिर दर्द और गर्दन दर्द जैसी तकलीफें भी हो सकती हैं। इसी तरह एंटी एजिंग ट्रीटमेंट्स त्वचा को नुकसान पहुंचाकर गंभीर बीमारी पैदा कर सकती हैं। हाल ही में हुए शोध से पता चला है कि बोटॉक्स मानवीय गुणों को खत्म कर लोगों को स्वार्थी बना देता है। एक शोध में पता चला है कि उम्र बढ़ने के साथ चेहरे पर आई झुर्रियों को दूर करने के लिए प्रयुक्त किए जाने वाले बोटोक्स के इंजेक्शन लगाने से दूसरों की भावनाओं को पढ़ने की क्षमता खत्म हो जाती है।
सर्दन कैलिफोर्निया और ड्यूक विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अपने शोध में पाया है कि बोटोक्स का इंजेक्शन लगवाने वाली महिलाएं अन्य लोगों के चेहरों पर डर, चिंता, खुशी और उदासी के भाव पहले की तुलना में कम पढ सकती हैं। वे स्वार्थी हो जाती हैं।
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