अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (President Donald Trump's) की पहली भारत यात्रा के दूसरे दिन, नई दिल्ली और वाशिंगटन ने मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य की बेहतरी और जेनेरिक दवाओं की व्यवस्था में सहयोग को मजबूत करने के लिए दो द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए।
पहले समझौते से उम्मीद की जा रही है कि भारत अमेरिका के अनुसंधान और अनुभव से मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं का इलाज करने में सक्षम होगा, जो भारत के लिए एक चिंता का विषय बन गया है। लैंसेट पत्रिका की एक रिपोर्ट के अनुसार, 1990 में भारत में मानसिक स्वास्थ्य विकारों (Mental Health Disorder) का बोझ 3% से बढ़कर 2013 में 6% हो गया है। अधिकांश मामलों में रिपोर्ट नहीं की जाती है क्योंकि 80% लोग किसी भी प्रकार के मानसिक विकार का इलाज नहीं चाहते हैं।
'स्वस्थ भारत,समृद्ध भारत' की तरफ कदम बढ़ाते हुए भारत ने अमेरिका के साथ आज #Mentalhealth और Medical Products की सेफ्टी को लेकर अलग-अलग MoUs पर साइन किए।
पूर्ण विश्वास है कि ये MoUs मोदी जी के #SwasthBharat के सपनों को पूरा करेंगे।#Trump #TrumpInIndia @PMOIndia @MoHFW_INDIA @POTUS pic.twitter.com/29HaW8ukCS
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दोनों देशों के बीच मेमोरैंडम ऑफ स्टैंडिंग (MoU) में मेंटल हेल्थ की समस्या को सुलझाने के लिए भारतीय पारंपरिक चिकित्सा और दवाओं पर बल दिया गया, साथ ही साथ अमेरिका के बड़े बाजारों में दवाओं और चिकित्सा की पहुंच बढ़ाने की सुविधा प्रदान करता है।
दूसरा समझौता अमेरिका में जेनेरिक दवाओं (Generic drugs) की पहुंच बढ़ाने में मदद करने के लिए किया गया है। दरअसल, अमेरिका दवाओं के लिए दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक है, जबकि भारत दवाओं का एक बड़ा उत्पादक है। यह एमओयू भारत को अपने खाद्य और दवा प्रोटोकॉल को मजबूत करने और अमेरिकी बाजार में जेनेरिक की पहुंच में सुधार करने की अनुमति देगा। साथ ही जेनेरिक ड्रग स्टैंडर्ड अनुपालन के उच्च मानकों को सुनिश्चित करके भारतीय उपभोक्ताओं को फायदा पहुंचाएगा।
President Trump ने ड्रग्स और ओपी-ऑयड crisis से लड़ाई को प्राथमिकता दी है। आज हमारे बीच Drug trafficking, narco–terrorism और organized crime जैसी गम्भीर समस्याओं के बारे में एक नए mechanism पर भी सहमति हुई है: PM @narendramodi pic.twitter.com/pkrfi2C0NQ — PMO India (@PMOIndia) February 25, 2020
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