Mental Health पर साथ मिलकर काम करेंगे भारत-अमेरिका, जेनरिक दवाओं का बढ़ेगा कारोबार

भारत-अमेरिका (India-America)  के संबंधों में मजबूती देने के लिए दोनों देशों के बीच हेल्‍थ सेक्‍टर में दो महत्‍वपूर्ण समझौते हुए हैं। 
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Mental Health पर साथ मिलकर काम करेंगे भारत-अमेरिका, जेनरिक दवाओं का बढ़ेगा कारोबार

अमेरिका राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रम्‍प (President Donald Trump's) की पहली भारत यात्रा के दूसरे दिन, नई दिल्‍ली और वाशिंगटन ने मानसिक और भावनात्मक स्‍वास्‍थ्‍य की बेहतरी और जेनेरिक दवाओं की व्‍यवस्‍था में सहयोग को मजबूत करने के लिए दो द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए।

पहले समझौते से उम्मीद की जा रही है कि भारत अमेरिका के अनुसंधान और अनुभव से मानसिक स्वास्थ्य की समस्‍याओं का इलाज करने में सक्षम होगा, जो भारत के लिए एक चिंता का विषय बन गया है। लैंसेट पत्रिका की एक रिपोर्ट के अनुसार, 1990 में भारत में मानसिक स्वास्थ्य विकारों (Mental Health Disorder) का बोझ 3% से बढ़कर 2013 में 6% हो गया है। अधिकांश मामलों में रिपोर्ट नहीं की जाती है क्योंकि 80% लोग किसी भी प्रकार के मानसिक विकार का इलाज नहीं चाहते हैं।

— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) February 25, 2020

दोनों देशों के बीच मेमोरैंडम ऑफ स्‍टैंडिंग (MoU) में मेंटल हेल्‍थ की समस्‍या को सुलझाने के लिए भारतीय पारंपरिक चिकित्‍सा और दवाओं पर बल दिया गया, साथ ही साथ अमेरिका के बड़े बाजारों में दवाओं और चिकित्‍सा की पहुंच बढ़ाने की सुविधा प्रदान करता है। 

दूसरा समझौता अमेरिका में जेनेरिक दवाओं (Generic drugs) की पहुंच बढ़ाने में मदद करने के लिए किया गया है। दरअसल, अमेरिका दवाओं के लिए दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक है, जबकि भारत दवाओं का एक बड़ा उत्पादक है। यह एमओयू भारत को अपने खाद्य और दवा प्रोटोकॉल को मजबूत करने और अमेरिकी बाजार में जेनेरिक की पहुंच में सुधार करने की अनुमति देगा। साथ ही जेनेरिक ड्रग स्‍टैंडर्ड अनुपालन के उच्च मानकों को सुनिश्चित करके भारतीय उपभोक्ताओं को फायदा पहुंचाएगा।

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