विश्व में सबसे कम वजन के बच्चे और कुपोषित आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा भारत में हैं। भारत के पास समस्याओं को सुलझाने के लिए जरूरी सभी कार्यक्रम और नीतियों तो हैं लेकिन उनका उचित क्रियान्वयन नहीं होने से देश में हालात बदतर हैं।
यह कहना है कनाडा स्थित गैर सरकारी संगठन माइक्रोसॉफ्ट इनीशिएटिव के अध्यक्ष और वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञ एमजी वेंकटेश मन्नार का। मन्नार ने बताया कि उभरती अर्थव्यवस्था होने के बावजूद स्वास्थ्य और पोषण के मामले में भारत की हालत ब्राजील, नेपाल, बांग्लादेश और चीन जैसी है।
भारत में बच्चों में बाधित विकास, कम वजन और रक्त की कमी की समस्या है जो विश्व के अन्य देशों के मुकाबले सबसे अधिक है। मातृत्व और बाल कुपोषण पर लांसेट की 2013 की श्रृंखला के सह लेखक मन्नार ने स्वास्थ्य, महिला और बाल विकास मंत्रालय, शिक्षा तथा ग्रामीण विकास मंत्रालय में बंटा हुआ है।
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