
रेड मीट के शौकीनों के लिए एक अच्छी खबर है। मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के हालिया अध्ययन में इसे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर पाया गया है। बशर्ते व्यक्ति सीमित मात्रा में सेवन करे।
शोधकर्ताओं के मुताबिक बकरे, सुअर, खरगोश, गाय और भैंस का मांस रेड मीट की श्रेणी में आता है। इसमें विटामिन-ए और डी जिंक, आयरन तथा पोटैशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये तत्व न सिर्फ याददाश्त में तार्किक क्षमता में इजाफा करते हैं, बल्कि बीमारियों से लड़ने भी की क्षमता भी बढ़ाते हैं। उन्होंने यह भी माना कि रेड मीट मोटापे, दिल की बीमारियों और स्ट्रोक से मौत का खतरा बढ़ाता है। ऐसे में सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करना चाहिए।
प्रमुख शोधकर्ता रॉबर्ट पिकर्ड के अनुसार हफ्ते में एक पौंड (लगभग 500 ग्राम) से ज्यादा रेड मीट नही खाना चाहिए। उन्होंने 103 शोध पत्रों का विश्लेषण करने के बाद यह सलाह दी। पिकर्ड ने बताया कि विटामिन-ए और डी, जिंक, आयरन तथा पोटैशियम की कमी से जूझ रहे लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ये तत्व विकास के हर पड़ाव पर अहम भूमिका निभाते हैं। विटामिन ए और डी जहां हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी हैं, वही जिंक व आयरन खून बनाते हैं।
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