कोरोना वायरस का कहर दुनिया भर में जारी है। पर अब कोरोना बच्चों को भी अपना शिकार बना रहा है। जी हां, भले ही वयस्कों की तुलना में , बच्चे कोरोना वायरस से कम संक्रमित हुए हैं, पर माना जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर में सबसे ज्यादा बच्चे कोरोना पॉजिटिव ( covid-19 positive kids) हो सकते हैं। दरअसल, अभी तक जो बच्चे कोरोना के शिकार हुए हैं, उनमें कोरोना के लक्षण (covid 19 symptoms in kids) कुछ खास नजर नहीं आए हैं। कोविड-19 (COVID-19) वाले अधिकांश बच्चों में हल्के लक्षण होते हैं या उनमें कोई लक्षण ही नहीं होता है। इसलिए बच्चों के जरिए कोरोना तेजी से फैलने का अनुमान लगाया जाता रहा है। हालांकि, कुछ बच्चे कोरोना से गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ सकता है। ऐसे कोरोना पॉजिटिव बच्चों में इलाज से साथ उनकी इम्यूनिटी को बढ़ना बेहद जरूरी है।
कोरोना पॉजिटिव बच्चों में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए डॉ. श्रीशैलेश डी मंटूर (Dr. Shrishailesh D Mantur), कंसल्टेंट-नियोनेटोलॉजी एंड पीडियाट्रिक्स अपोलो क्रैडल एंड चिल्ड्रन हॉस्पिटल, कहते हैं कि कोरोना पॉजिटिव बच्चों के लिए इम्यूनिटी बूस्ट करना थोड़ा सा मुश्किल हो सकता है। ऐसा इसलिए कि बच्चे थोड़ा चिढ़चिढ़े हो सकते हैं और खाने-पीने में बड़ों के मुकाबले ज्यादा जिद्दी हो जाते हैं। ऐसे में बच्चों को स्मार्ट तरीके से खिलाना-पिलाना होगा, ताकि उनकी इम्यूनिटी बूस्ट हो। पर उससे पहले जानते हैं, 1 साल से छोटे बच्चों के लिए क्या है खास इम्यूनिटी बूस्टर टिप्स (immunity booster tips)
कोरोना पॉजिटिव बच्चों के लिए इम्यूनिटी बूस्टर टिप्स- Immunity booster tips for covid positive kids
1 साल से छोटे बच्चों के लिए
डॉ. श्रीशैलेश डी मंटूर (Dr. Shrishailesh D Mantur) कहते हैं कि 1 साल या 2 साल तक के बच्चे जो कि अपनी मां का दूध पीते हैं, उनके लिए इम्यूनिटी बूस्टर टिप्स यही है कि ऐसे बच्चों की मां उन्हें स्तनपान (Breast-feed your baby) करवाती रहें। मां के दूध में टर्बोचार्ज्ड इम्यूनिटी बढ़ाने वाले एंटीबॉडी और सफेद रक्त कोशिकाएं होती हैं। कान के संक्रमण, एलर्जी, दस्त, निमोनिया, मेनिन्जाइटिस, मूत्र पथ के संक्रमण और अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम (SIDS) के खिलाफ ये इम्यूनिटी बूस्टर की तरह काम करता है। कोलोस्ट्रम, पतला पीला "प्रीमिल्क" जो जन्म के बाद पहले कुछ दिनों के दौरान स्तनों से निकलता है, विशेष रूप से रोग से लड़ने वाले एंटीबॉडी में समृद्ध है। इस तरह स्तनपान का फायदा ये है कि ये बच्चे के मेटाबोलिज्म को हेल्दी रखता है, तमाम सेल्स की सुरक्षा करता है और बच्चे के शरीर के टी सेल्स, जो कि बीमारियों से लड़ते हैं उन्हें ये मजबूत बनाए रखता है। इस तरह मां का दूध कोरोना पॉजिटिव बच्चों के लिए भी इम्यूनिटी बूस्टर साबित होता है।
इसे भी पढ़ें : बच्चों में दांतों से जुड़ी 5 आम समस्याएं और इन्हें ठीक करने के आसान उपाय
टॉप स्टोरीज़
बड़े बच्चों के लिए
1. बैलेंस डाइट दें
बड़ों की तरह ही बच्चों के लिए भी बैलेंस डाइट लेना बेहद जरूरी है। ये डाइट आपके शरीर के हर अंग को अंदर से मजबूत करता है और उन्हें इफेक्टिव तरीके से काम करने में मदद करता है। इसके लिए आपकी डाइट में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फैट्स संतुलित तरीके से होना चाहिए। इसलिए आपको अपने बच्चे को इस दौराना
- -मूंग की दाल और रोटी खिलाएं।
- -हल्दी वाला दूध पिलाएं
- -खिचड़ी, ओट्स और दलिया खिलाएं।
2. हरी सब्जियां और फल खिलाएं
गाजर, हरी बीन्स, संतरा और स्ट्रॉबेरी। इन सभी में कैरोटेनॉयड्स होते हैं, जो इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फाइटोन्यूट्रिएंट्स हैं। फाइटोन्यूट्रिएंट्स संक्रमण से लड़ने वाली व्हाइट ब्लड सेल्स को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा ये शरीर में इंटरफेरॉन नाम के एंटीबॉडी के उत्पादन को बढ़ा सकता है, जो कि सेल्स की सतहो पर वायरस को पहुंचने से रोकते हैं। इसललिए कोरोना से पीड़ित अपने बच्चे को एक दिन में पांच सर्विंग फल और सब्जियां जरूर खिलाएं।
इसे भी पढ़ें : ज्यादातर बच्चों की त्वचा पर क्यों दिखते हैं जन्मजात निशान (बर्थमार्क)? डॉक्टर से जानें इसके बारे में सबकुछ
3. नींद का समय बढ़ाएं
नींद इम्यूनिटी बूस्ट करने का भी काम करती है। दरअसल, अच्छी नींद फाइन रेडिकल्स को कम करते हैं और आपकी इम्यूनिटी बूस्ट कर सकते हैं। बच्चों के लिए भी यही सच है क्यों बच्चों में नींद की कमी उनके विकास में कमी लाती है। इसके एक शिशु को दिन में 16 घंटे तक सुलाएं, 6 महीने से से ऊपर के बच्चों को 11 से 14 घंटे और प्रीस्कूलर को 10 से 13 घंटे की नींद लेने दें। कोरोना वायरस बीमारी के दौरान ये बच्चे को अंदर से भी हील करेगा और इम्यून सेल्स को मजबूत करेगा।
इस तरह बच्चों के लिए ये टिप्स इम्यूनिटी बूस्टर है। इन सबके साथ गर्म पानी पीने, भांप लेने और साफ-सफाई का भी खास ध्यान रखें। बीमार बच्चे को अलग कमरे में रखें, मास्क पहनाएं और यहां-वहां घूमने से रोकें।
Read more articles on Children's Health in Hindi