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क्‍या बीपी बढ़़ने के साथ बढ़ सकती हैं स्‍क‍िन से जुड़ी समस्‍याएं? डॉक्‍टर से जानें बचाव के उपाय

क्‍या बीपी बढ़ने के साथ स्‍क‍िन से जुड़ी कई समस्‍याएं हो सकती हैं? डॉक्‍टर से जानते हैं पूरा सच और बचाव के उपाय 
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क्‍या बीपी बढ़़ने के साथ बढ़ सकती हैं स्‍क‍िन से जुड़ी समस्‍याएं? डॉक्‍टर से जानें बचाव के उपाय

हाई बीपी के कारण आपको स्‍क‍िन से जुड़ी कई समस्‍याओं का सामना करना पड़ सकता है, हाई बीपी का सीधा कनेक्‍शन स्‍क‍िन से न भी हो तो हाई बीपी के बुरे असर का प्रभाव स्‍क‍िन पर भी पड़ता है ज‍िसके कारण एजि‍ंग साइंस की समस्‍या, झुर्रि‍यां, डॉर्क सर्कि‍ल की समस्‍या आद‍ि होने लगती है। इस लेख में हम जानेंगे क‍ि हाइपरटेंशन की समस्‍या होने से स्‍क‍िन पर क्‍या प्रभाव पड़ता है और आप इससे कैसे बच सकते हैं। omh की खास पहल focus of the month में हम आपके साथ हाइपरटेंशन से जुड़ी साझा कर रहे हैं और इस कड़ी में हम आपको इस लेख के जर‍िए बताएंगे क‍ि हाइपरटेंशन का क्‍या असर स्‍क‍िन पर पड़ता है। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की। 

skin problems and hypertension

1. एज‍िंग साइंस नजर आना (Ageing signs)

अगर आपको हाई बीपी की समस्‍या है तो आपको एज‍िंंग साइंस नजर आ सकते हैं। कई स्‍टडी में ऐसा कहा गया है क‍ि एज‍िंग साइंस और हाई बीपी का गहरा नाता हो सकता है। हाई बीपी होने से ब्‍लड फ्लो पर असर पड़ता है और लंबे समय तक ब्‍लड फ्लो ब‍िगड़ने के कारण स्‍क‍िन पर इसका असर नजर आ सकता है। मह‍िलाओं में ये समस्‍या ज्‍यादा जल्‍दी नजर आने लगती है ज‍िसके चलते उनकी स्‍क‍िन समय से पहले ही मुरझा जाती है और र‍िंकल्‍स आने लगते हैं या स्‍क‍िन लूस होने लगती है।

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2. झुर्र‍ियों की समस्‍या होना (Wrinkles)

हाई बीपी के मरीजों को झुर्र‍ियों की समस्‍या हो सकती है। ये समस्‍या उन मह‍िलाओं में ज्‍यादा होती है ज‍िनकी उम्र 40 से 49 के बीच होती है। अगर आपको र‍िंकल्‍स की समस्‍या ज्‍यादा हो रही है या आपकी स्‍क‍िन ड्राय हो रही है तो इसका मतलब है आपके ब्‍लड में पाए जाने वाला ऑक्‍सीजन फ्लो बध‍ित हो रहा है ज‍िसका असर हार्ट या अन्‍य ऑर्गन पर भी पड़ सकता है। ज‍ितना आपकी स्‍क‍िन को ऑक्‍सीजन कम म‍िलेगा उतना जल्‍दी आपकी स्‍क‍िन में र‍िंकल्‍स की समस्‍या होगी।        

3. हाई बीपी के कारण प‍िगमेंटेशन की समस्‍या (Pigmentation)

अगर आपको हाई बीपी के लक्षण नजर आ रहे हैं तो ये प‍िगमेंटेशन के साइंस भी हो सकते हैं। एक्‍सपर्ट्स की मानें तो हाई बीपी के कारण स्‍लीप ड‍िसऑर्डर की समस्‍या हो सकती है और स्‍लीप ड‍िसऑर्डर के कारण स्‍क‍िन की इलास्‍ट‍िस‍िटी कम हो सकती है और प‍िगमेंटेशन की समस्‍या हो सकती है। हाइपरटेंशन के कारण सोने में परेशानी आती है और नींद न पूरी कर पाने के कारण भी बीपी बढ़ जाता है ज‍िसका बुरा असर स्‍क‍िन में नजर आता है। आपकी स्‍क‍िन डल नजर आएगी या प‍िगमेंटेशन मॉर्क्स नजर आ सकते हैं।         

4. एक्‍ने की समस्‍या (Acne)

स्‍ट्रेस का ल‍िंक हाइपरटेंशन से है और हाइपरटेंशन का बुरा असर स्‍क‍िन पर देखने को म‍िलता है। अगर आपको तनाव महसूस हो रहा है तो कॉर्ट‍िसोल हार्मोन बढ़ जाएगा ज‍िसके कारण हाई बीपी की समस्‍या हो सकती है। कॉर्ट‍िसोल हार्मोन बढ़ने के कारण स्‍क‍िन में र‍िंकल्‍स की समस्‍या भी होती है और स्‍ट्रेस व हाई बीपी के कारण स्‍क‍िन में एक्‍ने नजर आ सकते हैं या स्‍पाइडर वेन्‍स की समस्‍या भी हो सकती है।      

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5. काले घेरे की समस्‍या (Under eye spots)

हाई बीपी के कारण टाइप 2 डायबि‍टीज का र‍िस्‍क भी बढ़ जाता है। हाई बीपी के कारण स्‍क‍िन से जुड़ी समस्‍याएं बढ़ने लगती हैं और ब्‍लड वैसल्‍स को डैमेज होता है ज‍िससे आंखों के नीचे काले घेरे या एज‍िंग स्‍पॉट्स भी हो सकते हैं। अगर आपका बीपी 120/80 से ज्‍यादा रहता है तो आपको डॉक्‍टर से संपर्क करना चाह‍िए। 

हाई बीपी की समस्‍या से कैसे बचें? (How to prevent high BP)

  • हाई बीपी की समस्‍या उम्र बढ़ने के साथ ज्‍यादा हो सकती है इसल‍िए अगर आपकी उम्र 20 से 30 के बीच है तो आपको समय-समय पर अपना बीपी जरूर चेक करना चाह‍िए। बीपी चेक करने के ल‍िए आप 40 या 50 की उम्र का इंतजार न करें, आप ज‍िस भी एज ग्रुप में हैं आपको चेकअप जरूर करवाना चाह‍िए।    
  • बीपी की मात्रा कम करने के ल‍िए आपको अपनी डाइट में भी बदलाव करने चाह‍िए। सही डाइट और एक्‍सरसाइज की मदद से आप हाई बीपी की समस्‍या से छुटकारा पा सकते हैं।  
  • हाई बीपी की समस्‍या को कम करने और स्‍क‍िन से जुड़ी समस्‍याओं से छुटकारा पाने के ल‍िए आप शुगर और सोड‍ियम इंटेक कम कर दें, इसका ज्‍यादा सेवन करने से आपको हाई बीपी की समस्‍या हो सकती है।

इस लेख में बताई गई स्‍क‍िन समस्‍याएं हाई बीपी के हर मरीज को हो ऐसा जरूरी नहीं है पर हाई बीपी के मरीजों को ऐसी समस्‍याओं का सामना करना पड़ सकता है अगर स्‍क‍िन में आपको बदलाव नजर आता है तो आप तुरंत डॉक्‍टर से संपर्क करें।  

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