
उच्च रक्तचाप अपने में एक ऐसी समस्या है, जो शायद इंसान के लिए कई बार जानलेवा भी साबित हो सकती है। छोटे बच्चे से लेकर बड़े तक इस समस्या की चपेट में हैं। आज की भाग दौड़ वाली जिन्दगी में घर हो या बाहर, चिन्ता, परेशानी व गुस्सा हमारे दिल दिमाग व शरीर के दूसरे भागों को भी प्रभावित करता है। हमारा हृदय हमारे शरीर में रक्त को प्रवाहित करता है। स्वच्छ रक्त आर्टरी से शरीर के दूसरे भागों में जाता है और शरीर के दूसरे भागों से दूषित रक्त हृदय में वापस जाता है। ब्लड प्रेशर खून को पम्प करने की इसी प्रक्रिया को कहते हैं। ब्लड प्रेशर इसीलिए कोई बीमारी नहीं है बल्कि एक नार्मल प्रक्रिया है। लेकिन जब किसी कारणवश यह प्रेशर कम या ज़्यादा होता है, तो इसे हाई ब्लड प्रेशर या लो ब्लड प्रेशर कहते हैं। आज लोगों में हाइपरटेंशन एक बहुत ही आम समस्या है। यह बिना किसी चेतावनी के होती है इसलिए इसे साइलेंट किलर कहते है।
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आंख, दिमाग, किडनी और हार्ट पर पड़ता है बुरा प्रभाव
हाइपरटेंशन होने के दो कारण होते हैं। एक शारीरिक गतिविधि और दूसरी मानसिक गतिविधि। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हाइपरटेंशन जब होता है, तो वह सबसे पहले आपके हार्ट पर असर डालता है। साथ ही यह आखों, दिमाग और किडनी को भी नुकसान पहुंचाता है। ग्लोबल हॉस्पिटल के डॉ. अनिल शर्मा, चीफ कार्डियोलॉजिस्ट का कहना है कि “हाइपरटेंशन के दौरान हमारे शरीर की आर्टरीज को सही तरह से खून का सप्लाई नहीं हो पाता है, जिसकी वजह से स्ट्रोक होने का खतरा हो सकता है। अगर दिमाग की बात करें, तो हाइपरटेंशन की समस्या से हमें लक्वा मार सकता है। ऐसा तब होता है, जब आपकी आर्टरीज गल जाती हैं और ब्लड क्लॉट की वजह से खून का सप्लाई नहीं हो पाता है। इसे एम्बॉलिक स्ट्रोक के नाम से भी जाना जाता है। दूसरा अगर आपका ब्लड प्रेशर 200-250 के ऊपर जाता है, तो आपको ब्रेन हैमरेज होने का खतरा भी पढ़ जाता है”।
डॉक्टर अनिल आगे कहते हैं कि “हाइपरटेंशन में आंखों का रेटिना गलने लगता है, जिसकी वजह से लोगों को दिखाई देना बंद हो जाता है। इस समस्या को कहते हैं रेटिनोपैथी। वहीं, हाइपरटेंशन से किडनी में नेफ्रोपैथी की समस्या होने लगती है। हार्ट की अगर बात करें, तो हाइपरटेंशन में सबसे बुरा प्रभाव दिल पर पड़ता है। इस दौरान आपका हार्ट रिलेक्स नहीं हो पाता है और कोरोनरी आर्टरीज में कोलेस्ट्रोल जमने के कारण हार्ट अटैक आने की संभावना बढ़ जाती है”।
डॉ. अनिल कहते हैं कि “हाइपरटेंशन एक ऐसी समस्या हो, जो खासकर हमारी बॉडी के चार मुख्य हिसों पर हमला करती है। डब्ल्यूएसओ के अनुसार हर तीसरे युवा को यह समस्या है। 90 प्रतिशत यह एक साइलेंट किलर बीमारी के नाम से जानी जाती है। केवल 10 प्रतिशत ऐसा होता है, जब व्यक्ति को इसका पता चल पता है। अगर किसी को सिर दर्द भी होता है, तो उससे विशेषज्ञ की सलाह जरूर लेनी चाहिए”।
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कौन-से आहार हैं बेस्ट और कौन-से हैं वर्सट
हाइपरटेंशन के होने के समय कई ऐसे आहार होते हैं, जिन्हें आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं, जैसे हरी सब्जियां, सलाद आदि। इसके अलावा व्यक्ति को खुद को खुश और रिलेक्स करने के लिए मेडिटेशन भी जरूर करना चाहिए। इसके अलावा आधे घंटे की एक्सरसाइज भी व्यक्ति को अपनी लाइफ में शामिल करनी चाहिए। ध्यान रहे इसमें वेट लिफटिंग आदि शामिल नहीं है। वहीं, दूसरी ओर लोगों को नमक, चीनी, मिठाई, तेल आचार, जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक आदि सो दूरी बनानी चाहिए।– डॉ. अनिल शर्मा
हाइपरटेंशन से बचना चाहते हैं, तो खुद को फिट रखें और जंक फूड से दूर रहे।
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