घर बैठे इस लड़की ने 5 महीने में घटाया 12kg वजन, पढ़ें पूरा डाइट प्लान

अगर डाइट पर कंट्रोल कर के वजन को तेजी से कम किया जा सकता है। 
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घर बैठे इस लड़की ने 5 महीने में घटाया 12kg वजन, पढ़ें पूरा डाइट प्लान

फास्ट फूड, लेट नाइट पार्टीज, दोस्तों के साथ आउटिंग करना और मनमुताबिक लाइफस्टाइल अपनाना कुछ लोगों की लाइफ की प्राथमिकताएं होती हैं। ये शौक भले ही एक निश्चित समय तक आपको अपनी ही नजरों में हीरो बनाए रखे लेकिन एक वक्त के बाद ये शौक सजा बन सकता है। डॉक्टर्स और आहार विशेषज्ञ यूं ही हमें एक संतुलित लाइफस्टाइल अपनाने की सलाह नहीं देते हैं। संतुलित दिनचर्या न सिर्फ हमें मोटापे से बचाती है बल्कि हमारी पूरी जिंदगी को एक धारा प्रवाह में रखती है। आज हम आपको एक ऐसी लड़की की कहानी बता रहे हैं जो पहले भी लोगों के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत रही है और आज भी वजनी लोगों के लिए एक मिसाल बन गई है। इस लड़की का नाम है सृष्टि झा। दिल्ली की रहने वाली सृष्टि एक ऐसी लड़की है जिसने बिना जिम जाए, बिना किसी इंस्ट्रक्टर की गाइडलाइन लिए और बिना किसी मशीन का प्रयोग किए तेजी से अपना वजन कम किया है। आइए जानते हैं इन्होंने इतनी तेजी से कैसे घटाया है अपना वजन। 

इस डाइट के बूत कम किया है वजन

डाइट पर कंट्रोल कर के वजन को तेजी से कम किया जा सकता है। सृष्टि क कहना है कि जुलाई 2018 से उन्होंने अपना वजन कम करना शुरू किया था। उस वक्त उनका वजन 77 किलो था जबकि नवंबर में यानि कि महज 5 महीने के अंतराल में ही इनका वजन घटकर 65 किलो रह गया। इसके लिए उन्होंने मैदे से बनी सभी चीजों का पूरी तरह से त्याग किया। खासकर पिज्जा, बर्गर, नूडल्स और रिफाइन्ड शुगर आदि से खूब परहेज रखा। सृष्टि की सुबह से लेकर शाम तक की डाइट में सिर्फ घर का बना खाना, फल और पानी होता था।

घर पर की ये एक्सरसाइज

अगर असल में देखा जाए तो वजन कम करने के लिए किसी जिम या मशीन की नहीं बल्कि दृढ़ निश्चय की जरूरत होती है। सृष्टि ने भी घर पर नियमित एक्सरसाइज और योगा कर के अपना 12 किलो वजन कम किया है। इनकी रोजाना की एक्सरसाइज में प्लैंक, साइकिल चलाना, बैली क्रंच, बट ब्रिज, स्क्वैट और जम्पिंग जैक्स शामिल हैं। इसके अलावा समय मिलने पर ये रोजाना वॉक भी करती थी।

सृष्टि झा पिंकइंक की फाउंडर और एक फेमस ब्लॉगर हैं। उनका कहना है 'मैं बचपन से ही खाने की बहुत शौकीन रही हूं। आज से 5 से 6 महीने पहले शायद ही कोई ऐसा दिन जाता हो जिस दिन मैनें कोई मैदे की चीज न खाई हो। सुबह से लेकर शाम तक मैं सिर्फ बाहर का ही खाना खाती थी। मुझे मेरे बढ़ते वजन से कभी कोई शिकायत नहीं रही। बल्कि मैं जैसी हूं खुद को वैसी ही पसंद करती हूं। लेकिन एक दिन मुझे अहसास हुआ कि शायद मेरा ये शौक मुझे बीमारी के मुंह में धकेल रहा है। पेट की मामूली गड़बड़ी होने के साथ ही धीरे धीरे मैं ओबेसिटी का शिकार हो रही थी। फिर मैनें सोचा कि क्यों न मैं घर पर ही एक्सरसाइज करूं और इस तरह मैनें सिर्फ पांच महीनों में अपना 12 किलोग्राम वजन कम किया है।'

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मोटापा घटाना है तो बनें शाकाहारी

ज्यादातर लोगों का मानना है कि मांसाहारी लोग शाकाहारियों के मुकाबले ज्यादा मजबूत होते हैं लेकिन यह धारणा बिल्कुल गलत है। शाकाहारी होना बिल्कुल हानिकारक नहीं है। मांसाहारियों को जो तत्व मांस से मिलते हैं, वे ही तत्व शाकाहारियों को कई प्रकार के शाक से मिलते हैं। प्रोटीन जो कि मछली, मांस और अंडे से प्राप्त होता है, वहीं वनस्पति से भी प्राप्त होता है। मानव शरीर के कार्य करने के लिए ऐसा कोई पौष्टिक तत्व नहीं है, जो वनस्पतियों से प्राप्त नहीं किया जा सकता। हाल ही में हुए शोध में भी यह बात साबित हुई है। शोधकर्ताओं ने 87 पूर्ववर्ती अध्ययनों के आधार पर एक नई आकलन रिपोर्ट तैयार की है। इसमें कहा गया है कि शाकाहारी आहार लेने से मोटापे से मुक्ति मिल सकती है। अगर संतुलित शाकाहारी आहार लें तो मोटे व्यक्ति प्रति सप्ताह करीब एक पौंड तक अपना वजन घटा सकते हैं।साथ ही इससे व्यक्ति को फिट रहने में भी मदद मिलती है। आइए जानें किस प्रकार शाकाहारी बनकर वजन कम कर सकते हैं-

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  • अगर आप अपने आहार में हरी सब्जियों, फलों का जूस को शामिल करेंगे तो निश्चित ही मोटापा कम कर पाएंगे। 
  • शोधकर्ताओं के मुताबिक शाकाहारी व्यंजन लेने वाले लोग सामान्य तौर पर मांसाहारी व्यंजन लेने वाले लोगों की तुलना में अधिक छरहरे होते हैं।
  • शाकाहारी व्यंजन लेने वाले लोगों में हृदय रोग का खतरा भी मांसाहारी व्यंजन लेने वाले लोगों की तुलना में कम होता है।
  • मांसाहारी व्यंजन हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि खतरनाक बीमारियों को आमंत्रित करता है।
  • मोटापे की एक प्रमुख वजह इन्हीं आहारों को माना गया है।
  • जहां शाकाहारियों के बीच मोटे लोगों की संख्या कम है, वहीं मांसाहारियों के बीच इनकी संख्या गुणात्मक रूप से अधिक है।
  • शोध के मुताबिक शाकाहारियों के बीच मोटापे की दर अधिकतम छह फीसदी तक है जबकि मांसाहारियों के बीच यह दर कई गुना अधिक है।

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