दाल हमारे शरीर को प्रोटीन समेत कई जरूरी पोषण देती है पर कई बार कुछ दालें पंसद ना होने के कारण हम उन्हें खाने में आनाकानी करते है। बच्चे दाल खाने के लिए हमेशा मना करते हैं। क्योंकि इसमें वो स्वाद नहीं होता है जो फास्ट फूड या सूप आदि में होता है। लेकिन यदि फायदे की बात करें तो दाल सबसे बेहतर आॅप्शन है। सभी दालों के अपने अलग अलग लाभ होते हैं। मूंग की दाल से पाचन समस्याएं समाप्त होती हैं और इसमें भरपूर फाइबर होने से आपका वजन भी कम होता है। तो वहीं अरहर की दाल पेट के एि बहुत अच्छी मानी जाती है। राजमा किडनी के लिए फायदेमंद होते हैं तो हरी मूंग डाइबिटीज 2, कैंसर और दिल की बीमारियों से बचाती है।
मसूर की दाल सौंदर्य बढ़ाने में सहायक होती है और उड़द दाल का प्रयोग आपको जवां बनाए रखती है। चने की दाल को खाने से आप एनीमिया, पीलिया, कब्ज व बालों की समस्याओं से बच सकते हैं। इसमें फाइबर की मात्रा भरपूर होती है, जो आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करती है। आज हम आपको चने की दाल की दाल के फायदे बता रहे हैं। यह एक ऐसी दाल है जिसमें भारी मात्रा में प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व होते हैं। जो लोग वजन बढ़ाना चाहते हैं उनके लिए यह दाल सबसे अच्छी होती है।
चने की दाल के फायदे
100 ग्राम चना दाल में 33000 कैलोरी, 10-11 ग्राम फाइबर, 20 ग्राम प्रोटीन और सिर्फ 5 ग्राम फैट होता है। चने दाल में भी प्रोटीन और फाइबर की सबसे ज़्यादा मात्रा पाई जाती है। इसमें प्रोटीन, नमी, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, कैल्शियम और विटामिन्स पाये जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होते हैं। जो लोग बहुत ज्यादा दुबले पतल हैं और अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं तो उनके लिए चने की दाल बहुत अच्छा विकल्प है। नियमित 1 से 2 कटोरी इस दाल को खाने से वजन बढ़ाता है।
चने की दाल के अन्य लाभ
- चने की दाल के सेवन से आयरन की कमी पूरी होती है। इसमें मौजूद फास्फोरस और आयरन नई रक्त कोशिकाओं को बनाने में सहायक होते हैं और हीमोग्लोबिन के स्तर को भी बढ़ाते हैं, जिससे एनिमिया की संभावना कम हो जाती है। इसमें मौजूद अमीनो एसिड शरीर की कोशिकाओं को मजबूत करने में मददगार है।
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- डाइबिटीज पर नियंत्रण के लिए चने की दाल का सेवन बेहद फायदेमंद होता है। इसमें ग्लाइसमिक इंडेक्स होता है।यह रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है और शरीर में ग्लूकोज की अतिरिक्त मात्रा को भी कम करने में मदद करता है। जिससे डायबिटीज के मरीजों को फायदा मिलता है।
- चने की दालके सेवन से पीलिया में भी काफी फायदा होता है। पीलिया की बीमारी में चने की 100 ग्राम दाल में दो गिलास पानी डालकर अच्छे से चनों को कुछ घंटों के लिए भिगो लें और दाल से पानी को अलग कर लें अब उस दाल में 100 ग्राम गुड़ मिलाकर 4 से 5 दिन तक रोगी को देते रहें।
- चना दाल में फाइबर की मात्रा सबसे अधिक होती है, चने की दाल के सेवन से कई रोग ठीक हो जाते हैं।फाइबर से भरपूर होने के चलते चने की दाल का सेवन वजन कम करने में मदद करता है।
- फाइबर की वजह से पेट हमेशा भरा भरा सा रहता है। और भूख कम लगती है।ये कोलेस्ट्रॉ़ल को कम करता है, जो पाचन तंत्र को ठीक तरह से काम करने में मदद करता है। चना की दाल से कब्ज की परेशानी दूर होती है।
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