हृदय स्‍वास्‍थ्‍य के लिए कितना जरूरी है टीवी और ब्रेकफास्‍ट, जानें वैज्ञानिक तथ्‍य

एक सुस्‍त और आलस्‍य पूर्ण जीवन शैली हमारे स्वास्थ्य के लिए बुरा हो सकता है। एक नई रिसर्च आई है जो यह बताती है कि हम कितनी देर टीवी देखते हैं और उसका हृदय स्‍वास्‍थ्‍य पर क्‍या प्रभाव पड़ता है, इसके अलावा उच्‍च उर्जा वाला सुबह के नाश्‍ते का हृदय स्‍वास्‍थ्‍य पर क्‍या असर डालता है। 
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हृदय स्‍वास्‍थ्‍य के लिए कितना जरूरी है टीवी और ब्रेकफास्‍ट, जानें वैज्ञानिक तथ्‍य


एक सुस्‍त और आलस्‍य पूर्ण जीवन शैली हमारे स्वास्थ्य के लिए बुरा हो सकता है। एक नई रिसर्च आई है जो यह बताती है कि हम कितनी देर टीवी देखते हैं और उसका हृदय स्‍वास्‍थ्‍य पर क्‍या प्रभाव पड़ता है, इसके अलावा उच्‍च उर्जा वाला सुबह के नाश्‍ते का हृदय स्‍वास्‍थ्‍य पर क्‍या असर डालता है। 

पिछले कई अध्ययनों में गतिहीन जीवनशैली को प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभावों की श्रेणी में रखा गया है। इनमें मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज, कैंसर, हृदय रोग और समय से पहले मौत शामिल है। वैज्ञानिकों का सुझाव है कि लंबे समय तक बैठे रहने से रक्तचाप को नियंत्रित करने और रक्त के प्रवाह को कम करने की शरीर की क्षमता ख़राब हो सकती है। वैज्ञानिकों का तर्क यह भी है कि यह ब्‍लड शुगर के मेटाबॉलिज्‍म को प्रभावित करता सकता है और इंफ्लामेशन व ऑक्सीडेटिव स्‍ट्रेस को बढ़ा सकता है, जिसे वैज्ञानिकों ने एजिंग और बीमरियों से जोड़ा है। हालांकि, गतिहीन जीवनशैली के नकारात्मक प्रभावों का मुकाबला करने के कुछ तरीके हैं।

नए शोध में पाया गया है कि हम टीवी देखने में जितना समय बिताते हैं उसे कम कर दें और उस समय को हम उर्जा से भरपूर नाश्‍ता करें तो हृदय रोगों के खतरे को कम किया जा सकता है। इसके अलावा धमनियों में जो प्‍लाक बनता है उसे भी कम किया जा सकता है। 

ग्रीस के एक बड़े कॉर्डियोलॉजिस्‍ट डॉक्‍टर सोटिरियस सलामंड्रिस ने एक अध्‍ययन का नेतृत्‍व किया है जो दो भागों में विभाजित है। शोधकर्ताओं ने अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के 68 वें वार्षिक वैज्ञानिक सत्र में अपने निष्कर्ष प्रस्तुत किए हैं, जो कि ब्रेकफास्‍ट और टीवी देखने से होने वाली समस्‍या को लेकर बताया गया है।     

ज्‍यादा देर तक टीवी देखना हमारे हृदय को कैसे प्रभावित करता?

रिसर्च के पहले भाग में डॉक्‍टर सलामंड्रिस ने 40 से 99 वर्ष की आयु वाले 2000 लोगों में हृदय स्‍वास्‍थ्‍य और उनकी जीवनशैली की आदतों को चिन्हित किया। अध्ययन के प्रतिभागियों में वे लोग शामिल थे जिन्हें हृदय रोग विकसित होने का खतरा था या जिन्होंने पहले से ही इस स्थिति को विकसित कर ली थी। शोधकर्ताओं ने जिन कार्डियोवस्कुलर समस्‍याओं की जांच की, उनमें कैरोटिड-फेमोरल पल्स वेव वेलोसिटी (जो एथेरोस्क्लेरोसिस का पता लगाता है) और धमनी की दीवारों की मोटाई शामिल हैं।

इसमें शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों की टीवी देखने की आदतों के आधार पर, उन्हें तीन समूहों में विभाजित किया: पहला, जिसमें वे लोग शामिल थे जो सप्‍ताह में सिर्फ 7 घंटे टीवी देखते थे। दूसरा, जिसमें लोग सप्‍ताह में 7 से 21 घंटे टीवी देखते थे। तीसरा, जिसमें वे लोग थे जो 21 घंटे से ज्‍यादा समय टीवी देखकर बिताते थे।

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शोध में पाया गया कि जो लोग 21 घंटे से ज्‍यादा समय टीवी देखते थे उनकी ध‍मनियों में प्‍लेक (एक तरह का लेयर) बनने की संभावना ज्‍यादा थी बाकी लोगों की अपेक्षा। इसके अलावा, अधिक टीवी देखने से उच्च रक्तचाप और मधुमेह का खतरा अधिक होता है। ज्‍यादा टीवी देखने वाले समूह के लोगों में उच्च रक्तचाप होने की संभावना 68 प्रतिशत अधिक थी और मधुमेह की संभावना उन लोगों की तुलना में अधिक थी जिन्होंने 7 घंटे या प्रति सप्ताह टीवी देखा था। इस पूरे परिणाम को लेकर डॉक्‍टर सलामंड्रिस का कहते हैं कि यह शोध लंबे समय तक गतिहीन जीवनशैली से बचने पर जोर देते हैं!  

हाई-एनर्जी ब्रेकफास्‍ट का महत्‍व 

रिसर्च के दूसरे भाग में शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों को उनके नाश्ते से कैलोरी के हिसाब से इन्‍हें भी तीन समूहों में विभाजित किया है: पहला, जिमसें लोगों ने हाई-एनर्जी ब्रेकफास्ट लिया जो नाश्ते से दैनिक कैलोरी का 20 प्रतिशत हिस्सा था। इस समूह के प्रतिभागियों ने दिन के पहले भोजन के लिए दूध, पनीर, अनाज, रोटी और शहद का सेवन किया। दूसरा लो-एनर्जी ब्रेकफास्‍ट वाले समूह में अपने दैनिक कैलोरी का 5-20 प्रतिशत है। इस समूह ने आमतौर पर मक्खन, शहद, जैतून, फल के साथ रोटी, कॉफी या कम वसा वाले दूध का सेवन करते हैं। तीसरे समूह में वे लोग शामिल थे जिन्होंने नाश्ता बिल्कुल नहीं किया था। 

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कुल मिलाकर, जो प्रतिभागी नियमित रूप से हाई-एनर्जी ब्रेकफास्‍ट करते हैं, उनमें अन्य दो समूहों के लोगों की तुलना में अधिक स्वास्थ्यप्रद धमनियों की संभावना होती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, "एक उच्च ऊर्जा वाला नाश्ता स्वास्थ्य जीवन शैली का हिस्सा होना चाहिए,"

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