हार्ट पेलपिटेशन्स उस स्थिति को कहते हैं जब आपका दिल बहुत जोर से या बहुत तेज धड़कने लगता है। इसके अलावा धड़कन कुलांचे भरती है अथवा लांघने लगती है। आपको यह स्थिति अपने सीने, गले अथवा गर्दन में महसूस हो सकती है। हार्ट पेलपिटेशन चिंताजनक अथवा डराने वाली हो सकती है। आमतौर पर ये गंभीर अथवा नुकसान पहुंचाने वाली नहीं होतीं। ज्यादातर मामलों में ये अपने आप ठीक हो जाती हैं। अधिकतर मामलों में इनका संबंध तनाव और चिंता से होता है। इसके अलावा उत्तेजना बढ़ाने वाले तत्व, जिनमें कैफीन, निकोटीन और अल्कोहल की मात्रा होती है, भी इसका कारण हो सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान भी हार्ट पेलपिटेशन हो सकता है।
कुछ दुर्लभ मामलों में पेलपिटेशन गंभीर हृदय परिस्थितियों के कारण हो सकती है। तो इसलिए अगर आपको नियमित रूप से ऐसी शिकायत हो, तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। अगर आपको सांसों का उखड़ना, चक्कर आना, सीने में दर्द अथवा बेहोशी की शिकायत हो, तो आपको फौरन चिकित्सीय सहायता लेनी चाहिए।
आपका चिकित्सीय इतिहास जानने और उसके बाद शारीरिक जांच के बाद डॉक्टर किसी अंतिम नतीजे पर पहुंचने के लिए कुछ अन्य जांच करने की सलाह भी दे सकता है। अगर आपके पेलपिटेशन के पीछे कोई आधारभूत कारण नहीं हो, तो दिनचर्या में बदलाव, तनाव-प्रबंधन और कुछ अन्य जरूरी सावधानियां बरतकर आप इससे बच सकते हैं।
कैसे करें इलाज
हार्ट पेलपिटेशन का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है। अधिकतर मामलों में, पेलपिटेशन्स कोई खतरा नहीं पहुंचाती और अपने आप ही ठीक हो जाती है। ऐसे मामलों में इलाज की कोई जरूरत नहीं होती।
अगर पेलपिटेशन्स किसी किसी गंभीर कारण से न हो, तो डॉक्टर आपको उन चीजों से दूर रहने की सलाह देता है, जिनके कारण आपको यह समस्या हो सकती है।
हृदय गति सामान्य कैसे करें
आपको तनाव और चिंता से दूर रहना चाहिए। तनाव को दूर करने के सामान्य तरीके जैसे योग, ताई-ची और अरोमाथेरेपी आदि आपकी काफी मदद कर सकते हैं। इसके साथ ही कुछ खास किस्म के आहार और पेय पदार्थों से दूर रहना भी आपके लिए मददगार हो सकता है। आपको चाहिए कि अल्कोहल, निकोटिन, कैफीन और गैरकानूनी ड्रग्स से दूर रहें। खांसी और सर्दी की कुछ दवाओं तथा कुछ हर्बल उत्पादों में भी इस तरह के तत्व हो सकते हैं, इसलिए आपको उनसे भी दूर रहना चाहिए।
अगर जीवनशैली में बदलाव के बाद भी पेलपिटेशन में आराम न आए, तो आपका डॉक्टर आपको कुछ दवायें सुझा सकता है। कुछ मामलों में बीटा-ब्लॉर्क्स और कैल्शियम-चैनल ब्लॉर्क्स इस्तेमाल किये जा सकते हैं।
यदि आपका डॉक्टर इस नतीजे पर पहुंचे कि पेलपिटेशन की वजह अनीमिया जैसा कोई अन्य रोग है, तो वह उस रोग का इलाज कर आपको राहत पहुंचाने का काम करेगा। अगर पेलपिटेशन की वजह कोई दवाई है तो डॉक्टर आपको उसके स्थान पर दूसरी दवा देगा। अगर पेलपिटेशन की वजह धड़कन की अतालता है, तो आपको दवा के साथ-साथ कुछ सावधानियां भी बरतनी पड़ सकती है। यह भी संभव है कि आपको इलेक्ट्रोसाइकोलॉजिस्ट यानी हार्ट रिद्धम स्पेशलिस्ट के पास जाना पड़े।
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