When To Worry About Heart Palpitations In Hindi: दिल की धड़कन का संयमित होना बहुत जरूरी होता है। जब आपका स्वास्थ्य सामान्य होता है, आपकी मानसिक संतुलन स्थिर होता है। इस तरह की स्थितियों में आपने महसूस किया होगा कि दिल की धड़कन सामान्य होती है। लेकिन, जैसे ही तनाव बढ़ता है आप किसी आपातकालीन स्थिति में आ जाते हैं और चैलेंज अचानक आपके सामने आ जात है, तो इस स्थिति में दिल की धड़कन बढ़ने लगती है। यूं तो परिस्थितियों के अनुकूल दिल की धड़कन का कम ज्यादा होना सामान्य होता है। लेकिन, अगर अचानक दिल की धड़कन तेज हो जाए, तो इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। सवाल है, दिल की धड़कन तेज होने पर कब इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए और कब डॉक्टर के पास जाना चाहिए। जानें पटपड़गंज स्थित मैक्स हॉस्पिटल में Senior Director-Cardiac Surgeon डॉ. वैभव मिश्रा से।
दिल की धड़कन असामान्य होने पर कब जाएं डॉक्टर के पास?- When To Worry About Heart Palpitations In Hindi
सीने में दर्द और टाइटनेस महसूस होने पर
वैसे तो दिल की धड़कन का कम ज्यादा होना कोई गंभीर समस्या नहीं है। लेकिन, अगर किसी को पहले से ही हार्ट संबंधी बीमारी है, उन्हें असामन्य दिल की धड़कन होने के साथ-साथ चेस्ट पेन और टाइटनेस का अहसास हो। ऐसी स्थिति को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। ऐसे में जरूरी है कि आप तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। दिल की धड़कन अनियमित होना और सीने में दर्द किसी अन्य गंभीर बीमारी की ओर संकेत करता है।
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सांस लेने में तकलीफ
कई दिल की धड़कन बढ़ने पर व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। इस दौरान लंबी और गहरी सांस लेते हुए अपने मानसिक संतुलन को मैनेज किया जाए, तो समस्या को मैनेज किया जा सकता है। लेकिन, अगर आप ऐसा न कर सकें यानी दिल की धड़कन बढ़ने के साथ-साथ सांस लेने में तकलीफ हो, तो बेहतर होगा कि आप बिना देरी किए एक्सपर्ट से संपर्क करें।
चक्कर आना
दिल की धड़कनों के बढ़ने पर ऐसा नहीं होता है कि आपको चक्कर आ जाए या आप बेहोश हो जाएं। यह बिल्कुल अलग स्थिति है। लेकिन, अगर दिल की धड़कनों के अनियमित होने के साथ-साथ चक्कर आ रहे हैं और बेहोशी छा रही है, तो यह किसी अन्य हार्ट संबंधी बीमारी जैसे एरिदमिया का संकेत हो सकता है। यह बिल्कुल सही नहीं है। अन्य हार्ट संबंधी बीमारी के कारण दिल की धड़कन अनियमित होना, चक्कर आने की समस्या हो सकती है। क्योंकि हार्ट प्रॉब्लम के कारण ब्लड प्रेशर का स्तर गिर सकता है।
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बहुत ज्यादा पसीना आना
दिल की धड़कनों का बढ़ना और बहुत ज्यादा पसीना आना। किसी व्यक्ति को यह दोनों संकेत एक साथ नजर आएं, तो वे जल्द से जल्द डॉक्टर के पास पहुंचे। इसके अलावा, चेस्ट पेन और टाइटनेस का अहसास भी हो, तो जरा भी लापरवाही न करें। विशेषज्ञों की मानें, तो कई बार हार्ट पैल्पिटेशन होने पर व्यक्ति को बहुत ज्यादा पसीना आने लगता है। दिल की धड़कनों का समय पर संयमित होना आवश्यक है। ऐसा न करने पर व्यक्ति को दिक्कत हो सकती है।