बच्चों में अर्थराइटिस का इलाज

बच्चों की कुल आबादी में तकरीबन दो प्रतिशत बच्चे बच्चों में अर्थाराइटिस अर्थात 'जुवेनाइल अर्थराइटिस' से पीड़ित हैं। मामूली समझ कर इस समस्या को नजरअंदाज करने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
  • SHARE
  • FOLLOW
बच्चों में अर्थराइटिस का इलाज


बच्चों में घुटनों का दर्द या चलने में दिक्कत को नजरअंदाज करना हानिकारक सिद्ध हो सकता है, क्योंकि ये आगे जाकर अर्थराइटिस का रूप ले सकता है। दरअसल बच्चों की कुल आबादी में तकरीबन दो प्रतिशत बच्चे बच्चों में अर्थाराइटिस अर्थात 'जुवेनाइल अर्थराइटिस' से पीड़ित हैं, लेकिन जानकारी के अभाव के चलते कई बार मात-पिता उनके जोड़ों में दर्द, जलन और चलने में समस्या आदि को मामूली समझ कर नजरअंदाज कर दते हैं, जिसका बुरा परिणाम भुगतना पड़ सकता है। और समय रहते इलाज न होने पर जुवेनाइल  अर्थराइटिस से बच्चा विकलांग भी हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसी स्थिति में तुरंत यूर्मेटॉलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए। तो चलिये विस्तार से जानें कि बच्चों में अर्थाराइटिस और इसका इलाज क्या है।

 

Arthritis In Children in Hindi

 

जुवेनाइल रूमेटॉएड अर्थराइटिस

जुवेनाइल रूमेटॉएड अर्थराइटिस को जुवेनाइल आइडियोपैथिक अर्थराइटिस भी कहा जाता है। यह 16 वर्ष से कम आयु के बच्चों को अधिक होता है। जुवेनाइल रूमेटॉएड अर्थराइटिस में जोड़ों में तेज दर्द, सूजन और अकड़न महसूस होती है। इसमें बच्चों को एक साथ कई जोड़ों में दर्द हो सकता है। कई बच्चों में तो यह लक्षण कुछ महिनों के लिए होते है, लेकिन कई अन्य में इसका प्रभाव जीवनभर के लिए हो सकता है। आमतौर पर यह लड़कियों को ज्यादा होता है। इससे प्रभावित कुछ बच्चों में आंखों में सूजन की तकलीफ भी देखने को मिलती है।

 

Arthritis In Children in Hindi

 

जुवेनाइल अर्थराइटिस के कारण  

जब शरीर की प्रतिरोधी क्षमता, शरीर की ही कोशिकाओं और ऊतकों को हानि पहुंचाना शुरु कर देती है, तब इस प्रकार की स्थिति उत्पन्न होती है। हालांकि जुवेनाइल अर्थराइटिस का कोई सही-सही कारण अभी पता नहीं लगा है, परंतु अभी तक इसके मुख्या कारण आनुवंशिक और वातावरण दोनों को ही माना जाता है।

फीजियोथेरेपी

फीजियोथेरेपी जुवेनाइल अर्थराइटिस में लाभदायक होती है। इससे जोड़ों का लचीलापन तथा कोशिकाओं की गतिशीलता बनाए रखने में मदद मिलती है। ऐसे में फिजिकल थेरेपिस्ट या ऑक्युपेशनल थेरेपिस्ट द्वारा कुछ एक्सरसाइज करायी जाती हैं, साथ ही कई प्रकार के  उपकरणों की मदद भी ली जाती है। यदि स्थिति बहुत ज्यादा गंभीर नहीं है तब फिजियोथेरेपिस्ट लंबे समय तक एक्सरसाइज करने की सिफारिश करते हैं।

मेन्टेनेंस इंस्ट्रूमेंट्स व ज्वाइंट रिप्लेसमेंट

इसके तहत स्पिलिंट और अन्य कुछ उपकरणों के उपयोग के लिए कहा जाता है। इनके उपयोग से हड्डी और जोड़ के विकास को सामान्य रखने की कोशिश की जाती है। जुवेनाइल अर्थराइटिस के कारण कुछ जोड़ टेढ़े भी हो जाते हैं, ऐसे में ये उपकरण जोड़ के टेढ़ेपन को रोकने में भी मदद कर सकते हैं। वहीं जोड़ों का प्रत्यारोपण अर्थात ज्वाइंट रिप्लेसमेंट अर्थराइटिस के सभी रोगियों के लिए जरूरी नहीं होता है, लेकिन गंभीर विकलांगता और विकृति से ग्रस्त रोगियों के लिए यह कारगर उपचार साबित होता है।



जुवेनाइल रूमेटॉएड अर्थराइटिस के बेहद गंभीर मामलों में ही सजर्री की ज़रूरत होती है। ऐसे में बिगड़ चुकी जोड़ों की स्थिति में सुधार करने के लिए सजर्री करनी पड़ती है। इसीलिए आमतौर पर डॉक्टर शुरुआत से ही बच्चों में जोड़ों के तकलीफ संबंधी लक्षणों को नजरअंदाज न करने की सलाह देते हैं।

 


Read More Articles On Arthritis In Hindi.

Read Next

हाथों में अर्थराइटिस के दर्द से कैसे पायें निजात

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version