शरीर में जोड़ों के आसपास के हिस्सों में मांसपेशियों को क्षति पहुंचने से अर्थराइटिस होता है। अर्थराइटिस के पीछे काफी कारण हो सकते हैं। इनमें अनुवांशिकता, गलत पॉश्चर में बैठना या चलना, विटामिन की कमी और बीमारी अथवा अक्षमता भी शामिल है।
अर्थराइटिस किसी को भी हो सकता है। जब जोड़ों की उपास्थि और श्लेष परत को नुकसान पहुंचता है, तो अर्थराइटिस होने की आशंका अधिक होती है। ऐसे में जोड़ों के बीच स्थित कुशिंग का काम करने वाला हिस्सा हट जाता है और हड्डियां आपस में रगड़ खाने लगती हैं। हाथों में अर्थराइटिस के कारण दर्द और अकड़न की शिकायत होती है। आपको ऐसा अहसास होता जैसे आपके हाथों में ताकत ही नहीं रही। हालात यहां तक खराब हो जाती है कि आप अपने रोजमर्रा के काम भी सही प्रकार नहीं कर पाते।
कैसे करें ईलाज
व्यायाम
कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि व्यायाम करने से अर्थराइटिस की तकलीफ बढ़ जाती है। लेकिन, हकीकत इससे उलट है। व्यायाम से अर्थराइटिस जैसी बीमारी होने की आशंका तो कम होती ही है, साथ ही यह इस बीमारी के लक्षणों को भी कम करने में मदद करता है। रोजाना 20 से 30 मिनट तक व्यायाम करने से जोड़ मजबूत बने रहते हैं। आप डॉक्टर से ऐसे व्यायाम पूछ सकते हैं, जो आपके दर्द को कम करने का काम करें। व्यायाम से आपके शरीर के जोड़ अधिक लचीले बनते हैं।
कुदरती तरीका
अर्थराइटिस के इलाज के कुदरती तरीके दर्द और सूजन को कम करने का काम करते हैं। ये तरीके हड्डियों और उपास्थियों के क्षय को रोकने का काम करते हैं। इसके लिए आपको अपने आहार में भी बदलाव करने की जरूरत होती है। मैगनीज, ग्रीन टी, कोन्ड्रोटिन जैसे आहार अर्थराइटिस की तकलीफ को कुदरती रूप से कम करने का काम करती है। ये तरीके धीरे-धीरे काम करती हैं। ये सूजन को कम करते हैं और जोड़ों को कुदरती रूप से क्षमतावान बनाते हैं।
दवायें
एस्पिन उपयोगी दर्द निवारक है। अर्थराइटिस के दर्द को कम करने के लिए एस्प्रिन का सेवन किया जा सकता है। डॉक्टर भी अर्थराइटिस के लक्षण नजर आने पर मरीजों को एस्प्रिन खाने की सलाह देते हैं। आप भी दवा-विक्रेता से मिलने वाली चंद दर्द-निवारक दवाओं का सेवन कर सकते हैं। बेहतर होगा कि अगर आप किसी भी दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह ले लें।
दर्द निवारक क्रीम
अर्थराइटिस के दर्द को कम करने के लिए कई दवायें मौजूद हैं। ये क्रीम और लोशन आसानी से किसी भी दवा-विक्रेता से खरीदे जा सकते हैं। आप ऐसे ऑइन्टिमेंट्स खरीद सकते हैं, जिनमें कैप्सिसिन मौजूद हो।
घर पर करें इलाज
अर्थराइटिस के दर्द से राहत पाने के लिए आईसपैक का इस्तेमाल किया जा सकता है। जोड़ों पर बर्फ से सिंकाई करने से सूजन और दर्द में राहत मिलती है। हाथों पर बर्फ से सिंकाई करने से वह हिस्सा अस्थायी रूप से सुन्न भी हो जाता है। अगर आप अर्थराइटिस के तेज दर्द से परेशान हैं, तो आइस थेरेपी आपके काफी काम आ सकती है।
इसके अलावा आप चाहें तो मांसपेशियों की तकलीफ को कम करने के लिए हाथों को गुनगुने पानी में भी डाल सकती हैं। ऐसा करने से हाथों की मांसपेशियों को आराम मिलता है और साथ ही पूरे शरीर में रक्तप्रवाह सुचारू होता है। रक्त संचार में सुधार होने से आप दर्द में आराम मिलता है। अगर गर्म पानी में हाथ डुबोने के बाद आपकी त्वचा लाल हो जाए, तो उस पर थोड़ा ठंडा पानी भी डाला जा सकता है।
अर्थराइटिस का सही समय पर ईलाज किया जाना जरूरी है। समय के साथ*साथ इसके लक्षण बुरे होते जाते हैं। अर्थराइटिस के असर को कम करने के लिए सही समय पर दवाओं का सेवन करना जरूरी है। इससे इस बीमारी के लक्षण कुछ हद तक कम हो जाते हैं।