How to Take Care of Yourself After Delivery: मां बनना एक अनमोल एहसास होता है, लेकिन डिलीवरी के बाद शरीर और मानसिकता में कई बदलाव आते हैं। पहली बार मां बनने पर यह समझना जरूरी है कि अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें। नई मां के लिए खुद के स्वास्थ्य का ध्यान रखना ज्यादा जरूरी इसलिए भी है, ताकि नवजात शिशु की भी सेहत दुरुस्त रहे। गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की एचओडी और वुमन्स हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. अरुणा कालरा द्वारा कुछ खास बातें बताई गई हैं, जो डिलीवरी के बाद महिलाओं की रिकवरी को तेजी से करता है।
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डिलीवरी के बाद महिलाओं को खुद का ध्यान कैसे रखना चाहिए - How to Take Care of Yourself After Delivery
डॉ. अरुणा कालरा के अनुसार, डिलीवरी के बाद महिलाओं तो एपिसियोटोमी, पेट और स्तनों की खास तौर पर देखभाल करनी चाहिए।
1. एपिसियोटोमी की देखभाल- Episiotomy Care After Delivery
एपिसियोटोमी (Episiotomy) एक छोटी सर्जिकल चीरा होती है, जो नॉर्मल डिलीवरी के दौरान योनि के पास दिया जाता है। डिलीवरी के बाद महिलाओं को एपिसियोटोमी की सही तरीके से देखभाल करनी चाहिए। अगर ऐसा न किया जाए, तो यह खुजली, जलन और दानों की समस्या हो सकती है। इसके लिए डिलीवरी के बाद डॉक्टर द्वारा बताए गए एंटीसेप्टिक सॉल्यूशन का उपयोग करें। डिलीवरी के बाद पेशाब करने के बाद हमेशा आगे से पीछे की ओर सफाई करें ताकि बैक्टीरिया फैलने से बचा जा सके।
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2. पेट की देखभाल- Stomach Care Tips after Delivery
नॉर्मल डिलीवरीके बाद पेट के बल सोने से गर्भाशय की रिकवरी में मदद मिलती है। पेट के बल सोने से कमर के दर्द और अकड़न भी कम होता है। पेट के बल सोने से पेट पर हल्का दबाव पड़ता है, जिससे गैस बाहर निकालने में मदद मिलती है और सूजन कम होती है। डिलीवरी के बाद शरीर में वॉटर रिटेंशन (सूजन) की समस्या हो सकती है। ऐसे में पेट के बल सोने से लसीका प्रणाली (Lymphatic System) सक्रिय होती है, जिससे शरीर से अतिरिक्त तरल बाहर निकलने में मदद मिलती है।
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3. स्तनों की देखभाल- How to Take Care Nipple During Breastfeeding
डॉ. अरुणा कालरा के अनुसार, डिलीवरी के बाद स्तनों की सही देखभाल करना बहुत जरूरी है। हार्मोनल बदलाव के कारण स्तनों में भारीपन, दर्द, सूजन या कभी-कभी दरारें (nipple cracks) हो सकती हैं। हर बार स्तनपान कराने से पहले और बाद में हल्के गुनगुने पानी से स्तनों और निपल्स को साफ करें। स्नान के बाद और दूध पिलाने के बाद हल्के हाथों से निपल्स पर मॉइस्चराइजर (जैसे नारियल तेल, जैतून का तेल या डॉक्टर द्वारा सुझाई गई क्रीम) लगाएं। ऐसा करने से निप्पल में दरार नहीं पड़ेगी। अगर आपको निप्पल में किसी प्रकार की खुजली, जलन या कोई अन्य समस्या महसूस होती है, तो इस बारे में डॉक्टर से जरूर बात करें।
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निष्कर्ष
डिलीवरी के बाद मां का खुद का ध्यान रखना उतना ही जरूरी है जितना बच्चे का। सही आहार, पर्याप्त आराम, मानसिक स्वास्थ्य, हल्का व्यायाम और मेडिकल चेकअप से मां जल्द स्वस्थ हो सकती है। डिलीवरी के बा खुद को खुश और सेहतमंद रखना आपके बच्चे के लिए भी फायदेमंद होगा।